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Saturday 27 June 2020 05:48:48 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज डॉ जोसफ मार थोमा मेट्रोपोलिटन के 90वें जन्मदिन पर आयोजित एक समारोह को संबोधित किया और उनके दीर्घ और स्वस्थ जीवन के लिए अपनी हार्दिक शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री ने कहा कि डॉ जोसफ मार थोमा ने अपना जीवन समाज और राष्ट्र की बेहतरी के लिए समर्पित किया है, वे सर्वदा गरीबी हटाने और महिला सशक्तीकरण को लेकर सबसे अधिक चिंतनशील रहे हैं। नरेंद्र मोदी ने कहा कि मार थोमा चर्च, प्रभु ईसा मसीह के देवदूत सेंट थॉमस के महान आदर्शों से करीब से जुड़ा हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत हमेशा से अनेक स्रोतों से आध्यात्मिक शक्तियों से समृद्धशाली रहा है, जैसाकि डॉ जोसफ मार थोमा कहा करते हैं कि विनम्रता एक सद्गुण है जो हमेशा अच्छे कार्यों का फल देती है।
मलंकरा मार थोमा सीरियन चर्च, जिसे मार थोमा चर्च भी कहते हैं, केरल के प्राचीन और स्वदेशी चर्चों में से एक है। परंपरागत रूपसे यह माना जाता है कि ईसा मसीह के एक शिष्य संत थॉमस ने 52वीं ईस्वी में भारत आकर इस चर्च की स्थापना की थी। वर्तमान में चर्च के प्रमुख 21वें मलंकरा मेट्रोपोलिटन डॉ जोसेफ मार थोमा हैं, जो पिछले तेरह वर्ष से चर्च का नेतृत्व कर रहे हैं। माना जाता है कि मार थोमा चर्च ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम और उसके बाद आपातकाल में लोकतांत्रिक मूल्यों और राष्ट्रवाद की भावना को बरकरार रखा है। यह चर्च मानवता की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध है और विभिन्न सामाजिक कल्याण संस्थानों, अनाथालयों, अस्पतालों, कॉलेजों, स्कूलों और तकनीकी संस्थानों को चलाता है। भूकंप, बाढ़, सूनामी महामारी जैसे संकटों के दौरान चर्च ने विभिन्न राज्यों में राहत और पुनर्वास कार्यों में भाग लिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विनम्रता की भावना के साथ मार थोमा चर्च ने हमारे साथी भारतीयों के जीवन में सकारात्मक अंतर लाने का काम किया है, विशेष रूपसे स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में काम किया है। उन्होंने कहा कि मार थोमा चर्च ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और वह राष्ट्रीय एकता की दिशा में काम करने में सबसे आगे था। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कोविड-19 की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि कोविड केवल एक शारीरिक बीमारी नहीं है जो लोगों के जीवन के लिए खतरा है, बल्कि यह खराब जीवनशैली की ओर भी हमारा ध्यान ले जाता है। उन्होंने कहा कि एक वैश्विक महामारी से तात्पर्य है कि मानवता को पूर्णरूपेण उपचार की आवश्यकता है। उन्होंने श्रोताओं से कहा कि वे पृथ्वी पर सद्भाव और खुशी बढ़ाने के हर संभव प्रयास करें। उन्होंने कहा कि कोरोना योद्धाओं की मदद से भारत कोविड-19 से मजबूती से लड़ रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लॉकडाउन में सरकार की अनेक पहलों तथा कोविड से निपटने में लोगों के संघर्ष के कारण भारत कई अन्य देशों की तुलना में बेहतर स्थान पर है और भारत में इलाज के बाद लोगों के स्वस्थ होने की दर बढ़ रही है, इसलिए कोरोना वायरस की गंभीरता अनुमान से कम है। उन्होंने कहा कोविड की वजह से भारत में प्रति मिलियन मृत्यु दर 12 से कम है, इस संदर्भ में इटली में मृत्यु दर 574 प्रति मिलियन है, अमेरिका, ब्रिटेन, स्पेन और फ्रांस के आंकड़े भी भारत की तुलना में बहुत अधिक हैं, लाखों गांव और 85 करोड़ लोगों के घर कोरोना वायरस से लगभग अछूते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि हमें सावधानी बरतना कम नहीं करना चाहिए, हमें अब और भी सावधान रहना होगा, मास्क पहनना, दो गज की दूरी रखना, भीड़ वाली जगहों से बचना, नियमित रूपसे हाथ धोना अब और भी जरूरी हो गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले कुछ सप्ताहों में कहा थाकि भारत सरकार अर्थव्यवस्था से संबंधित अल्पकालिक और दीर्घकालिक दोनों मुद्दों से निपट रही है, समुद्र से अंतरिक्ष तक, खेतों से कारखानों तक लोगों के अनुकूल और विकास के फैसले लिए गए हैं, इसपर उन्होंने आशा व्यक्त कीकि आत्मनिर्भर भारत का आह्वान प्रत्येक भारतीय के लिए आर्थिक मजबूती और समृद्धि सुनिश्चित करेगा। प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि बीस हजार करोड़ रुपये के निवेश के साथ यह योजना हमारे मत्स्य क्षेत्र में परिवर्तन लाएगी, इसके निर्यात से आय में वृद्धि होगी और पचपन लाख से अधिक लोगों को रोज़गार मिलेगा। उन्होंने कहा कि मूल्य श्रृंखलाओं को मजबूत बनाने के लिए बेहतर प्रौद्योगिकी और बुनियादी ढांचा सुनिश्चित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वे अंतरिक्ष क्षेत्र में अंतरिक्ष परिसंपत्तियों और गतिविधियों का अधिक उपयोग एवं सुधार सुनिश्चित करेंगे, केरल में और विशेष रूपसे दक्षिण भारत में जो युवा विज्ञान और प्रौद्योगिकी में गहरी दिलचस्पी लेते हैं, उन्हें इन सुधारों से लाभ मिलेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर केंद्र सरकार के अनेक कार्यों जैसे प्रत्येक भारतीय की बैंक खाते तक पहुंच, आठ करोड़ से अधिक परिवारों के पास धुंआ रहित रसोई की सुविधा, 1.5 करोड़ से अधिक बेघरों को मकान, भारत में दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सेवा योजना आयुष्मान भारत, एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड योजना, किसानों के लिए एमएसपी में वृद्धि, महिलाओं के लिए विभिन्न योजनाओं, कामकाजी महिलाओं का मातृत्व अवकाश बढ़ाने आदि का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सरकार आस्था, लिंग, जाति, पंथ या भाषा के बीच भेदभाव नहीं करती है, हमारी 130 करोड़ भारतीयों को सशक्त बनाने की इच्छा है और हमारा मार्गदर्शक ‘भारत का संविधान’ है। उन्होंने इस बात पर विचार करने का आह्वान किया कि किस प्रकार हमारे कार्य राष्ट्रीय विकास में योगदान दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज भारत का कहना हैकि हम स्थानीय स्तर पर उत्पादन करेंगे और साथ ही स्थानीय उत्पाद खरीदेंगे, इससे कई लोगों के घरों में समृद्धि का दीप प्रज्ज्वलित होगा।