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Friday 10 July 2020 02:29:19 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया ग्लोबल वीक के उद्घाटन सत्र को वीडियो कॉंफ्रेंस से संबोधित करते हुए कहा है कि भारत वैश्विक पुनरुत्थान में अग्रणी भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि यह दो कारकों के साथ नज़दीकी रूपसे जुड़ा हुआ है पहला है-भारतीय प्रतिभा और दूसरा है-भारत की सुधार और कायाकल्प करने की क्षमता। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में भारत के प्रतिभाबल विशेष रूपसे भारतीय प्रौद्योगिकी उद्योग और तकनीकी पेशेवरों के योगदान को अत्यधिक मान्यता दी जाती है। उन्होंने भारत को प्रतिभा का एक शक्तिपुंज बताया जो योगदान देने के लिए उत्सुक है। उन्होंने कहा कि सुधार करना देशवासियों की प्रकृति में है और इतिहास बताता है कि भारत ने हर चुनौती पर जीत हासिल की है, चाहे वह सामाजिक हो या आर्थिक।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब भारत पुनरुत्थान की बात करता है तो यह देखभाल के साथ पुनरुत्थान, करुणा के साथ पुनरुत्थान, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था के लिए समान है। प्रधानमंत्री ने पिछले छह वर्ष के कार्यों की जानकारी दी जैसे-सम्पूर्ण वित्तीय समावेशन, आवास और ढांचागत संरचनाओं का रिकॉर्ड निर्माण, कारोबार करने में आसानी, जीएसटी सहित साहसिक कर सुधार आदि। प्रधानमंत्री ने कहा कि अदम्य भारतीय भावना के कारण आर्थिक स्थिति में सुधार दिखाई पड़ने लगे हैं। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी से सरकार को लाभार्थियों तक सीधे लाभ पहुंचाने में मदद मिली है, जिसमें निःशुल्क रसोई गैस, बैंक खातों में नकदी, लाखों लोगों को मुफ्त अनाज और कई अन्य चीजें शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत, दुनिया की सबसे खुली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और देश सभी बहुराष्ट्रीय कंपनियों को भारत में अपना कारोबार स्थापित करने के लिए आमंत्रित कर रहा है। प्रधानमंत्री ने भारत को विपुल संभावनाओं और अवसरों का देश बताया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि क्षेत्र में शुरू किए गए विभिन्न सुधारों के बारे में बताया और कहा कि यह वैश्विक उद्योग को एक बहुत ही आकर्षक निवेश अवसर प्रदान करता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि नवीनतम सुधार एमएसएमई क्षेत्र को बढ़ावा दे रहे हैं और वे बड़े उद्योग को सहयोग प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र और अंतरिक्ष क्षेत्र में निवेश के अवसर मौजूद हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि महामारी ने एकबार फिर दिखाया है कि भारत का फार्मा उद्योग न केवल भारत के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए एक परिसंपत्ति है, फार्मा उद्योग ने विशेष रूपसे विकासशील देशों के लिए दवाओं की लागत को कम करने में अग्रणी भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर का मतलब स्वयं संतुष्ट होना या दुनिया के लिए बंद हो जाना नहीं है, बल्कि स्वयं के पोषण करने और स्वयं उत्पादक होने के बारे में है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह एक ऐसा भारत है जो सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन कर रहा है, यह नए आर्थिक अवसर प्रदान कर रहा है, यह विकास के लिए मानव केंद्रित और समावेशी दृष्टिकोण अपना रहा है, भारत आप सभी की प्रतीक्षा कर रहा है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि फोरम पंडित रविशंकर की 100वीं जयंती मना रहा है, जिन्होंने पूरी दुनिया को भारतीय शास्त्रीय संगीत की सुंदरता से अवगत कराया। उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि अभिवादन के रूपमें नमस्ते की वैश्विक पहचान बन गई है। उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक कल्याण और समृद्धि को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से सभी संभव कार्य करने के लिए तैयार है।