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Saturday 11 July 2020 06:29:09 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले वर्ष वैश्विक बाघ दिवस पर देश के लिए अखिल भारतीय बाघ आकलन 2018 के चौथे चक्र के परिणाम घोषित किए थे, जिसने दुनिया का सबसे बड़ा कैमरा ट्रैप वन्यजीव सर्वेक्षण होने का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। इस उपलब्धि को एक महान क्षण बताते हुए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने अपने ट्वीट में कहा है कि यह आत्मनिर्भर भारत का जीता जागता उदाहरण है, जिसे प्रधानमंत्री के शब्दों में संकल्प से सिद्धि के माध्यम से प्राप्त किया गया है। पर्यावरण मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने अपने लक्ष्य से चार वर्ष पूर्व ही बाघों की संख्या दोगुनी करने वाले अपने संकल्प को पूरा कर लिया है। नवीनतम गणना के अनुसार देश में बाधों की अनुमानित संख्या 2,967 हैं।
भारत में बाघ वैश्विक संख्या का लगभग 75 प्रतिशत निवास करते हैं और भारत 2010 में सेंट पीटर्सबर्ग में बाघों की संख्या दोगुनी करने वाले अपने संकल्प को निर्धारित लक्ष्य वर्ष 2022 से बहुत पहले ही प्राप्त कर चुका है। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड की वेबसाइट के प्रशस्तिपत्र में लिखा गया है कि 2018-19 में किए गए सर्वेक्षण की चौथी पुनरावृत्ति-संसाधन और डेटा दोनों के हिसाब से अब तक का सबसे व्यापक रहा है। कैमरा ट्रैप (मोशन सेंसर्स के साथ लगे हुए बाहरी फोटोग्राफिक उपकरण, जो किसी भी जानवर के गुजरने पर रिकॉर्डिंग शुरू कर देते हैं) को 141 विभिन्न साइटों में 26,838 स्थानों पर रखा गया था और 1,21,337 वर्ग किलोमीटर के प्रभावी क्षेत्र का सर्वेक्षण किया गया।
कैमरा ट्रैप ने वन्यजीवों की 3,48,58,623 तस्वीरों को खींचा, जिनमें 76,651 बाघों के, 51,777 तेंदुए, शेष अन्य जीव-जंतुओं के थे। इन तस्वीरों के माध्यम से 2,461 बाघों (शावकों को छोड़कर) की पहचान स्ट्राइप-पैटर्न-रिकॉग्नाइज सॉफ्टवेयर का उपयोग करके की गई। अभूतपूर्व रूपसे कैमरा ट्रैप का उपयोग करने के साथ-साथ 2018 स्टेटस ऑफ़ टाइगर्स इन इंडिया का मूल्यांकन व्यापक फुट सर्वेक्षण के माध्यम से भी किया गया, जिसमें 522,996 किलोमीटर का सफर तय किया गया और वनस्पति और खाद्य गोबर वाले 317,958 निवास स्थलों को शामिल किया गया। यह अनुमान लगाया गया कि अध्ययन किए गए वन का कुल क्षेत्रफल 381,200 वर्ग किलोमीटर था और कुल मिलाकर 620,795 श्रमदिवस आंकड़ों का संग्रह और समीक्षा करने में लगाया गया।
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण अखिल भारतीय बाघ आकलन को भारतीय वन्यजीव संस्थान के तकनीकी समर्थन के साथ चलाता है और राज्य वन विभागों और भागीदारों से इसे कार्यांवित किया जाता है। वर्ष 2018 के नवीनतम परिणामों से पता चलता है कि भारत में अब बाघों की कुल अनुमानित संख्या 2,967 है, जिनमें से 2,461 बाघों को व्यक्तिगत रूपसे कैप्चर किया गया है, जो बाघों की संख्या का 83 प्रतिशत है और सर्वेक्षण की व्यापकता की प्रकृति को रेखांकित करता है। विश्व में प्रोजेक्ट टाइगर जैसा केंद्रित प्रजाति उन्मुखित कार्यक्रम के समानांतर शायद ही कोई अन्य कार्यक्रम है, जिसकी शुरूआत 9 बाघ अभयारण्यों के साथ की गई थी और इसे वर्तमान में 50 बाघ अभयारण्यों में चलाया जा रहा है। बाघ संरक्षण में भारत ने अपने नेतृत्व की भूमिका मजबूती के साथ स्थापित कर ली है, जिसके बेंच मार्किंग प्रथाओं को दुनियाभर में स्वर्ण मानक के रूपमें देखा जाता है।