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Saturday 18 July 2020 05:36:09 PM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने राजभवन से राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के 39वें स्थापना दिवस पर 875.91 लाख रुपये की लागत की विभिन्न योजनाओं का ऑनलाइन शुभारम्भ किया, जिसमें को-आपरेटिव बैंक के एटीएम मोबाइल वैन, पीओएस मशीन, वाटरशेड, प्रवासियों के लिए स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम, रूरल हाट और रूरल मार्ट आदि शामिल हैं। उन्होंने बुकलेट ‘नाबार्ड इन उत्तर प्रदेश’ का भी विमोचन किया। राज्यपाल ने इस अवसर पर कहा कि नाबार्ड ने 38 वर्ष के सफर में अपनी जिम्मेदारियों को सुचारू रूपसे निभाते हुए केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से अनेक नवोन्मेषी नीतिगत पहलें की हैं।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि देश के कृषि और ग्रामीण क्षेत्र के विकास में नाबार्ड अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने किसानों, स्वयं सहायता समूहों, स्वैच्छिक संस्थाओं आदि से अपील की कि वे नाबार्ड के सहयोग से जो भी योजनाएं चलाई जा रही हैं, उसका भरपूर लाभ उठाएं। राज्यपाल ने कहा कि नाबार्ड एक जिले को केंद्रित कर ऐसी योजना तैयार करे, जिससे उस जिले के सिंचाई वाले सभी नलकूप सौर ऊर्जा से संचालित हों और हर जिले को आज इसकी जरूरत है, इससे बिजली की बचत के साथ-साथ उसपर आने वाले खर्च की भी बचत होगी, इसी तरह नाबार्ड जिला विशेष को ध्यान में रखकर मत्स्यपालन के क्षेत्र में भी योजना बनाकर किसानों की मदद कर सकता है। राज्यपाल ने ललितपुर, सोनभद्र, इटावा और झांसी के किसानों की प्रशंसा करते हुए कहा कि जिस तरह यहां के किसानों ने नाबार्ड की योजनाओं का लाभ उठाया है और अपनी आय में वृद्धि की है, उसी तरह से प्रदेश के सभी किसानों को नाबार्ड की हितकारी योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए।
आनंदीबेन पटेल ने कहा कि स्वयं सहायता समूह के माध्यम से नाबार्ड को महिलाओं को तरक्की की राह पर आगे बढ़ाने में सहयोग प्रदान करना चाहिए, इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्र के कुपोषित एवं टीबीग्रस्त बच्चों के परिवारों को जागृत करने में भी अपना बहुमूल्य सहयोग देना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार तथा नाबार्ड की क्रियांवित योजनाओं और कार्यक्रमों का सही ढंग से उपयोग किया जाए तो हमारे किसान आगे बढ़ेंगे और वे अपनी आय को भी दोगुनी करने में सफल होंगे। स्थापना दिवस समारोह में नाबार्ड उत्तर प्रदेश क्षेत्रीय कार्यालय के मुख्य महाप्रबंधक शंकर ए पांडे, भारतीय रिज़र्व बैंक लखनऊ के क्षेत्रीय निदेशक लक्ष्मीकांत राव, स्वयं सहायता समूह की महिलाएं, आदिवासी समूह के लोग, किसान और किसान उत्पादक संगठन से जुड़े लोग भी ऑनलाइन जुड़े।