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Tuesday 21 July 2020 04:38:30 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम और सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने ऐसी नीति या मॉडल के निर्माण की आवश्यकता पर बल दिया जो सूक्ष्म लघु व्यवसायों या कार्यों को वित्तीय रूपसे सहायता प्रदान कर सके जैसेकि मछुआरे, फेरीवाले, रिक्शा चालक, सब्जी विक्रेता, गरीब, स्वयं सहायता समूह आदि। नितिन गडकरी वीडियो कॉंफेंस के माध्यम से पैन आईआईटी ग्लोबल ई-कॉन्क्लेव ऑन रिइमेजिंग एमएसएमई एंड लाइवलीहुड को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश की अधिकांश आबादी मछली पकड़ने, मधुमक्खी पालन, बांस उत्पादन जैसे बहुत ही छोटे उद्यमों में लगी हुई है और आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़ी हुई है, उसके पास पर्याप्त रूपसे वित्तीय सहायता का अभाव है।
नितिन गडकरी का कहना था कि ये लोग मेहनतकश, प्रशिक्षित, प्रतिभाशाली और ईमानदार हैं, लेकिन धन के अभाव में अपना व्यवसाय नहीं कर पाते हैं, उन्हें अगर थोड़ी सी वित्तीय तकनीकी और विपणन सहायता मिल जाए तो वे अपने व्यवसाय को विकसित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इससे ग्रामीण, कृषि और जनजातीय क्षेत्रों में निश्चित रूपसे रोज़गार के अवसरों को बढ़ावा मिलेगा और देश के सकल घरेलू उत्पाद को भी मजबूती मिलेगी। केंद्रीय मंत्री ने सामाजिक आर्थिक और शैक्षणिक रूपसे पिछड़े हुए इन उद्यमियों की सहायता और वित्तपोषण प्रदान करने के लिए एक मॉडल को विकसित करने के लिए सुझाव आमंत्रित किए हैं।
नितिन गडकरी ने कहा कि यह मॉडल पारदर्शी, भ्रष्टाचार मुक्त, आईटी सक्षम होने के साथ-साथ कम प्रक्रियात्मक और कम से कम अनुमोदनों की आवश्यकता वाला होना चाहिए। उन्होंने आशा व्यक्त कीकि वित्त मंत्रालय और नीति आयोग की तरफ से मंजूरी प्राप्त होने के बाद यह मॉडल बांस, शहद उत्पादन, वैकल्पिक ईंधन और अन्य क्षेत्रों में लगे हुए कई उद्यमों को सहायता प्रदान कर सकता है। इस वीडियो कॉंफेंस के दौरान नोबल शांति सम्मान से सम्मानित और ग्रामीण बैंक बांग्लादेश के संस्थापक प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस ने भी अपना दृष्टिकोण साझा किया।