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Wednesday 22 July 2020 06:08:52 PM
नई दिल्ली। लेह-लद्दाख में भारत और चीन में गंभीर सैन्य टकराव के बीच रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आज वायुसेना मुख्यालय पर भारतीय वायुसेना कमांडर सम्मेलन को संबोधित किया एवं कहा कि वायुसेना किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार रहे। रक्षामंत्री का इशारा साफ था कि भारत-चीन-पाकिस्तान सीमा पर इस समय कुछ भी हो सकता है और चीन कभी भी कोई भी हरकत कर सकता है, जिसका मुंहतोड़ जवाब देने के लिए सेना सीमा पर खड़ी है। गौरतलब है कि हालही में अमरीका ने हिंद महासागर में चीन के खिलाफ अपने जंगी बेड़े तैनात कर दिए हैं और साथ ही अमरीका एवं भारत की सेनाओं ने हिंद महासागर के भारतीय क्षेत्र में युद्धाभ्यास भी किया है, जिससे चीन बौखला गया है। चीन की भू-माफियागिरी से कई पड़ोसी देश परेशान हैं और सभी चीन के खिलाफ जंग को तैयार खड़े हो गए हैं। इस समय भारत-चीन-पाकिस्तान सीमा पर हालात बेहद गंभीर हैं और कभी भी कुछ भी हो सकता है, जिससे रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय वायुसेना को एलर्ट पर रहने को कहा है।
भारतीय वायुसेना के कमांडरों का यह सम्मेलन रणनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है, वायुसेना जलसेना और थलसेना का मनोबल उच्च रखने के लिए है। वायुसेना अपने बेड़े में दुनिया के उच्च मारक हथियारों एवं विमानों से लैश होकर दुश्मन का मुकाबला करने की क्षमता और जोश में है। सम्मेलन में वायुसेना के योद्धाओं का यह हौसला देखने को मिला। रक्षामंत्री ने पिछले कुछ महीनों में अपनी परिचालनगत क्षमताओं को सुदृढ़ बनाने में भारतीय वायुसेना की प्रदर्शित सक्रिय प्रतिक्रिया की जोरदार सराहना की। उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना ने जिस पेशेवर तरीके से बालाकोट में हवाई हमलों तथा पूर्वी लद्दाख में व्याप्त स्थिति की प्रतिक्रिया में अग्रवर्ती स्थानों पर भारतीय वायुसेना की परिसंपत्तियों की त्वरित तैनाती को अंजाम दिया, उससे शत्रुओं को एक जोरदार संदेश गया है। रक्षामंत्री ने कहा कि अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए राष्ट्र का संकल्प उसकी सशस्त्र सेनाओं की क्षमता में विश्वास के कारण अडिग है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने एलएसी पर तनाव घटाने की जारी कोशिशों की प्रशंसा की मगर साथ ही भारतीय वायुसेना से यह भी कहा कि वह किसी भी आकस्मिक स्थिति का मुकाबला करने के लिए तैयार रहे। उन्होंने कोरोना महामारी के प्रति देश के रिस्पांस की सहायता करने एवं कई एचएडीआर मिशनों के दौरान निभाई गई भूमिका के लिए भारतीय वायुसेना के शानदार प्रदर्शन को सराहा। रक्षामंत्री ने रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता अर्जित करने की आवश्यकता रेखांकित की और कहा कि भारतीय वायुसेना कमांडर सम्मेलन की थीम-'अगले दशक में भारतीय वायुसेना-आगे आनेवाले दिनों में स्वदेशीकरण की दिशा में प्रयासों को बढ़ाने के लिए बहुत उपयुक्त है।' उन्होंने सीडीएस की नियुक्ति और डीएमए के सृजन के बाद से तीनों सेनाओं के बीच संयोजन तथा समेकन बढ़ाने की दिशा में की गई प्रगति की प्रशंसा की। रक्षामंत्री ने वायुसेना से प्रौद्योगिकी में आए बदलावों, नैनो टेक्नोलाजी, आर्टिफिसियल इंटेलीजेंस, साइबर एवं अंतरिक्ष क्षेत्रों में उभरती क्षमताओं को अपनाने को कहा।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कमांडरों को भरोसा दिलाया कि चाहे वित्तीय आवश्यकताएं हों या और कोई आवश्यकता सशस्त्रबलों की सभी जरूरतों को पूरा किया जाएगा। रक्षामंत्री ने इस बात पर गर्व व्यक्त किया कि भारतीय वायुसेना अल्पकालिक एवं रणनीतिक खतरों का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह मुस्तैद है बाकी और सभी यूनिट भी शत्रुओं की किसी भी आक्रामक कार्रवाई का मुकाबला करने के लिए बिल्कुल तैयार हैं। उन्होंने कहा कि सशस्त्रबलों की तैनाती सुनिश्चित करने में सभी कमानों की प्रतिक्रया त्वरित और सराहनीय है। उन्होंने एक सुदृढ़ रिस्पांस सुनिश्चित करने के लिए अल्प समय की सूचना पर स्थिति से निपटने की क्षमता पर फोकस करने पर बल दिया। तीन दिन के इस सम्मेलन में वायुसेना के कमांडर सभी स्थितियों से निपटने के लिए अगले दशक में भारतीय वायुसेना की क्षमताओं के निर्माण पर विचार करने से पूर्व वर्तमान प्रचालनगत परिदृश्य और तैनातियों की समीक्षा करेंगे। सम्मेलन में वायुसेनाध्यक्ष आरकेएस भदौरिया और रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने रक्षामंत्री का स्वागत किया।