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Monday 27 July 2020 12:05:07 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कारगिल युद्ध में राष्ट्र केलिए बहादुरीपूर्वक लड़ने वाले एवं अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर जवानों को अपनी-अपनी तरह से श्रद्धांजलियां अर्पित कीं। राष्ट्रपति ने सैन्य अस्पताल (रिसर्च एवं रेफरल) दिल्ली को कोविड-19 महामारी से प्रभावी रूपसे मुकाबला करने में चिकित्सकों एवं अर्धचिकित्सकों की सहायतार्थ उपकरणों की खरीद के लिए 20 लाख रुपये का चेक दिया। सशस्त्र सेनाओं के सर्वोच्च कमांडर की भूमिका में राष्ट्रपति का भाव प्रदर्शन सैन्य अस्पताल के अग्रिम पंक्ति के कोविड योद्धाओं का निश्चित रूपसे हौसला बढ़ाएगा, जिससे वे अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमता के अनुरूप कार्य प्रदर्शन कर सकें। ऐसी भी उम्मीद की जाती है कि यह भाव प्रदर्शन दूसरे लोगों तथा संगठनों को कोविड योद्धाओं की सहायता एवं मदद के लिए और अपने खर्च कम करने के लिए तथा बचत के उपयोग को प्रेरित करेगा।
भारत के सशस्त्र बलों के लिए सैन्य अस्पताल शीर्ष चिकित्सा देखभाल केंद्र है। राष्ट्रपति का सैन्य अस्पताल को योगदान राष्ट्रपति भवन में व्यय को किफायती बनाने और इस प्रकार कोविड-19 को नियंत्रित करने के लिए अधिक संसाधन उपलब्ध कराने के एक प्रयोग के कारण संभव हो पाया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में कई उपायों को आरंभ करने के जरिए व्यय में कमी लाने के लिए निर्देश जारी किए थे। उन्होंने एक लिमोजीन यानी कई सुविधाओं से लैस एक लंबी कार खरीदने के प्रस्ताव को स्थगित कर दिया था, जिसका उपयोग समारोह संबंधी अवसरों पर किया जाना था। ज्ञातव्य है कि कारगिल युद्ध में भारत की जीत की यह 21वीं वर्षगांठ थी, जिसे विजय दिवस के रूपमें मनाया जाता है। कार्यवाहक कमांडेंट मेजर जनरल शरतचंद्र दास भी ऑपरेशन विजय के एक प्रतिभागी थे, जिसके लिए उन्हें युद्ध सेवा मेडल से पुरस्कृत किया गया था।
सैन्य अस्पताल को राष्ट्रपति के योगदान का उपयोग पावर्ड एयर प्यूरीर्फाइंग रेस्पिरेटर की इकाइयों की खरीद के लिए किया जाएगा, जो सर्जरी के दौरान चिकित्सा पेशवरों को स्वांस लेने में सक्षम बनाने तथा उन्हें संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करने वाले अत्याधुनिक उपकरण हैं। यह रोगियों की देखभाल करने के वृहद प्रयोजन पूरा करेगा तथा उन योद्धाओं की सुरक्षा करेगा जो एक अदृश्य शत्रु से लड़ रहे हैं। वर्तमान परिस्थितियों में इसके चिकित्सक, नर्स तथा अर्ध चिकित्सकीय कर्मचारी अनथक रूपसे 24 घंटे कार्यकर रहे हैं और अपने जीवन को खतरे में डालकर सर्वोच्च गुणवत्ता की चिकित्सा देखभाल उपलब्ध करा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कारगिल विजय दिवस पर देश के वीर जवानों को नमन किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि कारगिल विजय दिवस पर हम अपने वीर जवानों के अदम्य पराक्रम और दृढ़संकल्प को स्मरण करते हैं, जिन्होंने वर्ष 1999 में मातृभूमि की सतत रूपसे दृढ़तापूर्वक रक्षा की, उनकी वीरता वर्तमान पीढ़ी के साथ-साथ आने वाली पीढ़ियों को भी निरंतर प्रेरित करती रहेगी।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कारगिल विजय दिवस की 21वीं वर्षगांठ पर देश के शूरवीरों के साहस और पराक्रम को याद करते हुए उन्हें नमन किया है। अमित शाह ने कहा कि कारगिल विजय दिवस भारत के स्वाभिमान, अद्भुत पराक्रम और दृढ़ नेतृत्व का प्रतीक है और मैं उन शूरवीरों को नमन करता हूं, जिन्होंने अपने अदम्य साहस से कारगिल की दुर्गम पहाड़ियों से दुश्मन को खदेड़कर वहां पुनः तिरंगा लहराया। उन्होंने कहा कि मातृभूमि की रक्षा के लिए समर्पित भारत के वीरों पर देश को गर्व है। गौरतलब है कि 26 जुलाई 1999 को भारतीय सेना ने आपरेशन विजय के तहत पाकिस्तान को पराजित किया था, तबसे देश के शूरवीरों के अदम्य साहस, पराक्रम और अमर बलिदान की याद में यह दिन कारगिल विजय दिवस के रूपमें मनाया जाता है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर आगंतुकों की पुस्तिका में संदेश भी लिखा कि करगिल विजय दिवस पर मैं भारतीय सशस्त्र बलों के उन वीर सैनिकों को अपनी श्रद्धांजलि और सलाम अदा करता हूं, जिन्होंने दुश्मनों से मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने लिखा कि देश हमेशा अपने वीरों के साहस, वीरता, संयम और दृढ़ संकल्प को याद रखेगा और उनके सर्वोच्च बलिदान से प्रेरणा लेते हुए आगे बढ़ेगा।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कारगिल विजय दिवस महज एक दिन नहीं है, बल्कि भारतीय सैनिकों के साहस और वीरता का उत्सव है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा राज्यमंत्री श्रीपद नाइक, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और सैन्य मामलों के विभाग के सचिव जनरल बिपिन रावत, थल सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे, नौसेना प्रमुख स्टाफ एडमिरल करमबीर सिंह और वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने ऑपरेशन विजय में भारत की जीत की 21वीं वर्षगांठ पर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। रक्षामंत्री ने कहा कि कारगिल 26 जुलाई 1999 भारतीय सशस्त्र बलों की जीत की एक मजबूत राजनीतिक नेतृत्व, सैन्य और राजनयिक कार्यों की गाथा है। इस अवसर पर रक्षा सचिव डॉ अजय कुमार, रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ असैन्य और सैन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।