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एमएसएमई ऋण से मना नहीं कर सकते बैंक

उद्योग जगत की ऋण पुनर्निर्धारण की मांग पर सरकार सक्रिय

फिक्की की कार्यकारी समिति के कार्यक्रम में बोलीं वित्तमंत्री

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 1 August 2020 01:55:13 PM

national executive committee meeting of ficci

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि भारत सरकार कोविड-19 के प्रतिकूल प्रभावों को ध्‍यान में रखकर उद्योग जगत की ऋण पुनर्निर्धारण की मांग पर काम कर रही है। भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडल महासंघ (फिक्की) की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति के कार्यक्रम में वित्तमंत्री ने कहा कि उनका इस मांग पर फोकस है और इसपर वित्त मंत्रालय सक्रिय रूपसे आरबीआई के साथ कार्य भी कर रहा है। भारत सरकार के घोषित सुधार उपायों पर व्यापक विचार-विमर्श पर उन्होंने कहा कि प्रत्‍येक कदम हितधारकों और सरकार में व्यापक सलाह-मशविरा के बाद ही उठाया जाता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी कदम सिर्फ इसलिए विफल न हो जाए कि हमने आवश्यक संबंधित बदलाव नहीं किए हैं।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने भारत सरकार की आपातकालीन ऋण गारंटी योजना के तहत एमएसएमई को ऋण लेने में कठिनाइयों पर फिक्की के सदस्यों की चिंताओं को दूर करते हुए कहा कि बैंक आपातकालीन ऋण सुविधा के दायरे में आने वाले एमएसएमई को ऋण देने से मना नहीं कर सकते हैं। उद्योग जगत की ऋण संबंधी मांगों को पूरा करने के लिए ‘विकास वित्त संस्थान’ की स्‍थापना करने के फिक्की के सुझाव पर वित्तमंत्री ने कहा कि इसपर काम चल रहा है, इसका स्‍वरूप कैसा होगा, इस बारे में जल्द ही पता चल जाएगा। व्यापार सौदों में पारस्परिकता की आवश्यकता पर निर्मला सीतारमण ने कहा कि उन देशों के साथ पारस्परिकता व्यवस्थाएं करने को कहा जा रहा है, जिनके साथ भारत ने बाज़ार खोल दिए हैं। वित्तमंत्री ने कहा कि हमारी व्यापार वार्ताओं में पारस्परिकता एक अत्‍यंत महत्वपूर्ण मुद्दा है।
केंद्रीय वित्तमंत्री ने कहा कि जीएसटी परिषद ने स्वास्थ्य सेवा और अन्य उत्पादों पर जीएसटी दरें कम करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि वे आतिथ्य सेक्‍टर की मोहलत अवधि बढ़ाने या पुनर्निर्धारण की मांग को अच्‍छी तरह से समझती हैं और इसपर आरबीआई के साथ फोकस किया जा रहा है। फिक्की की अध्यक्ष डॉ संगीता रेड्डी ने इस स्थिति से निपटने में भारत सरकार के सक्रिय दृष्टिकोण की सराहना की। उन्होंने कहा कि वैसे तो इसमें सुधार या बेहतरी के लक्षण दिख रहे हैं, लेकिन कारोबारियों के परिचालन मापदंडों में इस बेहतरी को बनाए रखने के लिए सरकार की ओर से निरंतर सहयोग की आवश्यकता होगी, विशेषकर बाज़ार की मांग को मजबूत करने और सामान्‍य मांग को बढ़ाने के लिए सहयोग की आवश्यकता है। फिक्की के वरिष्ठ उपाध्यक्ष उदय शंकर ने कहा कि उनका चैंबर उद्योग जगत के समक्ष मौजूद चुनौतियों को कम करने के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करेगा।

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