स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Monday 17 August 2020 01:48:50 PM
नई दिल्ली/ श्रीनगर। केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास, पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष विभाग में राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने घोषणा की है कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर के 20 जिलों में शिकायत पोर्टल स्थापित करने के लिए जम्मू-कश्मीर सरकार की मदद करेगी। जम्मू-कश्मीर में सुशासन संबंधी गतिविधियों को मजबूत करने की दिशा में डॉ जितेंद्र सिंह और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल में जम्मू-कश्मीर में ऑनलाइन लोक शिकायत निवारण पोर्टल के विस्तार के अगले चरण की योजना के बारे में टेलीफोन पर बातचीत हुई। डॉ जितेंद्र सिंह ने इसके बाद लोक शिकायत मामलों से निपटने वाले वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक बुलाई, जिसमें एआरपीजी के सचिव डॉ क्षत्रपति शिवाजी और अतिरिक्त सचिव वी श्रीनिवास शामिल हुए।
जम्मू-कश्मीर के प्रत्येक जिला मुख्यालय में शिकायत निवारण पोर्टल स्थापित करने के लिए इस बैठक में एक कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया गया, ताकि नागरिकों की शिकायतों को दूर किया जा सके और उन्हें दरवाजे तक निर्बाध रूपसे जनसेवाएं प्रदान की जा सकें। इस पहल के कार्यांवयन के लिए भारत सरकार का प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग जम्मू-कश्मीर सरकार के साथ सहयोग को आगे बढ़ाते हुए अंतिम मोर्चे पर शिकायत अधिकारियों की तैनाती के साथ आवाज़-ए-आवाम पोर्टल को भी और बेहतर बनाने में मदद करेगा। इससे शिकायत निवारण की गुणवत्ता बेहतर करने, कम समय में प्रतिक्रिया देने और मामलों के प्रभावी निपटान में मदद मिलेगी। डॉ जितेंद्र सिंह ने इस अवसर पर यह भी जानकारी दी कि इसके लिए आनेवाले दिनों में डीएआरपीजी के अधिकारियों की एक विशेष टीम गठित की जाएगी, जो जम्मू-कश्मीर सरकार के साथ मिलकर काम करेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना के अनुरूप यह पहल केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में पारदर्शी, जवाबदेह एवं नागरिकों के अनुकूल प्रभावी प्रशासन सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार के निरंतर प्रयासों का एक हिस्सा है। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर को केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा मिलने के बाद डीएआरपीजी ने सुशासन पर दो महत्वपूर्ण सम्मेलन आयोजित किए थे, इनमें 15 से 16 नवंबर 2019 को जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख में सुशासन प्रथाओं के प्रतिकृति पर क्षेत्रीय सम्मेलन और 30 नवंबर से 1 दिसंबर 2019 को जल शक्ति एवं आपदा प्रबंधन पर केंद्रित एक भारत-श्रेष्ठ भारत सम्मेलन शामिल हैं। डीएआरपीजी के सम्मेलन जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में भारत सरकार के महत्वपूर्ण कार्यक्रम थे, इनके तहत यहां सुशासन की रूपरेखा तैयार की गई।