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Tuesday 18 August 2020 02:57:59 PM
नई दिल्ली। भारत और अमेरिका के शोधकर्ताओं की आठ संयुक्त टीमों को कोरोना महामारी की उत्पत्ति और प्रबंधन में अत्याधुनिक अनुसंधान को आगे बढ़ाने के लिए वर्चुअल नेटवर्क के माध्यम से पुरस्कृत किया जाएगा। इनके शोध कार्यों में एंटीवायरल कोटिंग्स, इम्यून मॉड्यूलेशन, अपशिष्ट जल में सार्स कोविड-2 की पहचान करने, रोग का पता लगाने की तकनीक, रिवर्स जेनेटिक्स की रणनीति और दवाओं का विभिन्न तरीकों से इस्तेमाल आदि शामिल है। इंडो-यूएस साइंस एंड टेक्नोलॉजी फोरम (आईयूएसएसटीएफ) ने दोनों देशों की टीमों के लिए पुरस्कारों की घोषणा कर दी है, जिनमें कोविड-19 पर अनुसंधान करने वाले भारत-अमेरिका वर्चुअल नेटवर्क के प्रमुख शोधकर्ता शामिल हैं, जो कोराना वायरस के कारण जन्मी वैश्विक चुनौतियों का समाधान खोजने के लिए चिकित्सा और वैज्ञानिक समुदाय के प्रयासों में मदद होंगे।
आईयूएसएसटीएफ भारत और अमेरिका की सरकारों द्वारा संयुक्त रूपसे वित्तपोषित एक स्वायत्त द्विपक्षीय संगठन है, जो दोनों देशों की सरकारों, शिक्षा और उद्योग के बीच महत्वपूर्ण संपर्क के माध्यम से विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और नवाचार को बढ़ावा देता है। पुरस्कार के लिए चुनी गईं आठ टीमों में ऐसे बेहतरीन शोधकर्ता शामिल हैं, जिन्होंने कोविड महामारी पर शोध करने वाले भारत और अमेरिका के विज्ञान और प्रौद्योगिकी समुदायों की संयुक्त विशेषज्ञता का दोहन करने तथा इस काम के लिए दोनों देशों में उपलब्ध अवसंरचनाओं का आगे अनुसंधान कार्यों के लिए भरपूर इस्तेमाल करने के लिए आमंत्रित प्रस्तावों के जवाब में अपना आवेदन दिया था। आईयूएसएसटीएफ के सह अध्यक्षों ने पुरस्कार के लिए चयनित टीमों को बधाई देते हुए भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी के महत्व पर प्रकाश डाला।
भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा और आईयूएसएसटीएफ के सह अध्यक्ष डॉ जोनाथन मार्गोलिस ने कहा कि संयुक्त शोध कार्यों के लिए बेहद कम समय में इतने बड़े स्तरपर मिली उत्साहजनक प्रतिक्रिया दोनों देशों के बीच कोविड महामारी के स्वरूप और संक्रमण का पता लगाने तथा नैदानिक उपायों के बारे में व्यापक स्तरपर साझेदारी का उदाहरण पेश करती है। उन्होंने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, ऊर्जा तथा कृत्रिम मेधा के क्षेत्र में मजबूत सहयोग महत्वपूर्ण समाधानों के लिए दोनों देशों के बीच जारी सहयोग के महत्व को प्रदर्शित करता है। अमेरिकी विदेश विभाग के विज्ञान, अंतरिक्ष, स्वास्थ्य, महासागर और अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण मामलों के उप सचिव तथा आईयूएसएसटीएफ के सह अध्यक्ष डॉ जोनाथन मार्गोलिस ने कहा कि कोविड से निपटने के लिए अमेरिका और भारत आईयूएसएसटीएफ के माध्यम से नवाचार तरीकों का पता लगाने के लिए संयुक्त रूपसे काम करने में सक्षम हैं।
डॉ जोनाथन मार्गोलिस ने कहा कि हमारे देश के लोग और हमारी अर्थव्यवस्थाएं कोविड महामारी की चुनौतियों से निपटने के तौर तरीकों का पता लगाने के लिए पूरी तरह से विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर निर्भर हैं। आईयूएसएसटीएफ की कार्यकारी निदेशक डॉ नंदिनी कन्नन ने कहा कि मौजूदा वैश्विक चुनौतियां सहयोग और साझेदारी का आह्वान करती हैं, एक ऐसा साझा दृष्टिकोण जो सबसे अच्छे और प्रतिभाशाली वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और उद्यमियों को एकसाथ लाकर समाधान खोजने के लिए काम कर सके न केवल कोरोना महामारी से निपटने के लिए, बल्कि आगे आने वाली चुनौतियों का समाधान खोजने के लिए भी जरूरी है। आईयूएसएसटीएफ मिशन का उद्देश्य भारत और अमेरिका के बीच वैज्ञानिकों, वैज्ञानिक संस्थानों और बड़े पैमाने पर वैज्ञानिक समुदाय के बीच साझेदारी के माध्यम से दीर्घकालिक वैज्ञानिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक उत्प्रेरक के रूपमें कार्य करना है।