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Tuesday 18 August 2020 03:05:53 PM
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) सहित देश के उच्च शिक्षण संस्थानों से आग्रह किया है कि वे समाज के लिए और भी ज्यादा आवश्यक और उपयोगी अनुसंधान करें और उनमें पर्यावरण से लेकर स्वास्थ्य सम्बंधी चुनौतियों का कारगर समाधान खोजें। उपराष्ट्रपति ने वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिए आईआईटी दिल्ली के हीरक जयंती समारोह में कहा कि भारतीय शिक्षण संस्थानों की विश्व में तभी प्रतिष्ठा स्थापित होगी, जब वे राष्ट्र और समाज के सामने खड़ी चुनौतियों का कारगर समाधान देने में सक्षम होंगे, विश्व के 500 सर्वोत्तम शिक्षा संस्थानों में अभी भारत के महज 8 संस्थान ही हैं।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि वे अलग-थलग खांचों में रहने के बजाय उद्योगों से परस्पर सहयोग और संपर्क बनाए रखें। उन्होंने उद्योग जगत के विशेषज्ञ प्रोफ़ेशनलस से भी आग्रह किया कि वे शोधकर्ताओं का उद्योग की जरूरत के अनुसार मार्गदर्शन करें। उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भारत को शिक्षा के वैश्विक केंद्र के रूपमें विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि सभी सम्बद्ध पक्षों सरकार, विश्वविद्यालय, शिक्षक और निजी क्षेत्र के समन्वित सहयोग से इस स्थिति को बदलना होगा और उच्च शिक्षा संस्थानों के स्तर में गुणात्मक सुधार लाना होगा। उन्होंने कहा कि भारत की मेधावी युवा जनसंख्या का लाभ उठाने के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा आवश्यक है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत के पास टेक्नोलॉजी के विभिन्न क्षेत्रों में विश्व में अग्रणी बनने की क्षमता है।
आईआईटी दिल्ली के उद्यमिता विकास को प्रोत्साहन दिए जाने की सराहना करते हुए वेंकैया नायडू ने कहा कि दिल्ली आईआईटी अब रोज़गार खोजने वाले विद्यार्थी नहीं, बल्कि रोज़गार पैदा करने वाले युवा उद्यमियों को शिक्षित और प्रशिक्षित कर रहा है, जो देश के अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए भी अनुकरणीय पहल है। अनुसंधान के क्षेत्र में निवेश बढ़ाने की जरूरत बताते हुए उन्होंने निजी क्षेत्र और शिक्षा संस्थानों के बीच तालमेल पर ज़ोर दिया और आग्रह किया कि निजी क्षेत्र सामाजिक जरूरत के प्रोजेक्ट्स को पहचानें और उनके टेक्नोलॉजी समाधान खोजने में निवेश करें। इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक, आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर वी रामगोपाल राव, अतिथि और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।