स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Thursday 20 August 2020 03:30:36 PM
नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी सरकार ने युवाओं के लिए एक और ऐतिहासिक फैसला किया है। सरकारी नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया को बदलते हुए केंद्र सरकार की नौकरियों के लिए राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के गठन को स्वीकृति दे दी गई है। केंद्रीय परीक्षाओं में औसतन 2.5 करोड़ से 3 करोड़ उम्मीदवार शामिल होते हैं, अब ये उम्मीदवार एक सामान्य योग्यता परीक्षा में केवल एक बार शामिल होंगे तथा उच्चस्तर की परीक्षा के लिए किसी या इन सभी भर्ती एजेंसियों में आवेदन कर पाएंगे। रोज़गार के अवसरों को लोगों तक आसानी से पहुंचाने का सरकार का यह एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी से हितधारकों की अनेक समस्याएं खत्म हो जाएंगी। गौरतलब है कि सरकारी नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों को पात्रता की समान शर्तें निर्धारित किए गए विभिन्न पदों के लिए अलग-अलग भर्ती एजेंसियों की भिन्न-भिन्न परीक्षाओं में शामिल होना पड़ता था, भिन्न-भिन्न भर्ती एजेंसियों को शुल्क देना पड़ता था और इन परीक्षाओं में भाग लेने के लिए लंबी दूरियां तय करनी पड़ती थी। ये अलग-अलग भर्ती परीक्षाएं उम्मीदवारों के साथ-साथ संबंधित भर्ती एजेंसियों पर भी बोझ थीं, जिसमें बार-बार खर्च, कानून और व्यवस्था के मुद्दे और परीक्षा केंद्रों से संबंधी समस्याएं होती थीं।
राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी यानी एनआरए एक बहु एजेंसी निकाय है, जिसकी शासी निकाय में रेलवे मंत्रालय, वित्त मंत्रालय या वित्तीय सेवा विभाग, एसएससी, आरआरबी तथा आईबीपीएस के प्रतिनिधि शामिल होंगे। एनआरए समूह ख और ग (गैर-तकनीकी) पदों के लिए उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग या शॉर्टलिस्ट करने हेतु सामान्य योग्यता परीक्षा शुरू करेगी। यह एक विशेषज्ञ निकाय के रूपमें यह केंद्र सरकार की भर्ती के क्षेत्र में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और सर्वोत्तम प्रक्रियाओं का पालन करेगी। देश के प्रत्येक जिले में परीक्षा केंद्रों से दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले उम्मीदवारों तक पहुंच में आसानी हो जाएगी। देश के 117 आकांक्षी जिलों में परीक्षा संरचना बनाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जिससे आगे चलकर उम्मीदवारों को अपने निवास स्थान के निकट परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने में मदद मिले। लागत, प्रयास, सुरक्षा के संबंध में इसके लाभ काफी व्यापक होंगे। इससे ग्रामीण उम्मीदवारों तक न केवल आसानी से पहुंच हो पाएगी और इससे दूर-दराज के क्षेत्र में रहने वाले उम्मीदवार भी परीक्षा में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित होंगे और इस प्रकार भविष्य में केंद्र सरकार की नौकरियों में उनके प्रतिनिधित्व को बढ़ावा मिलेगा।
एनआरए से सीईटी जैसी एकल परीक्षा से काफी हदतक उम्मीदवारों पर वित्तीय बोझ कम हो जाएगा। महिला उम्मीदवारों विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र से आने वाली महिला उम्मीदवारों को भिन्न-भिन्न परीक्षाओं में शामिल होने के लिए कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, क्योंकि उन्हें बहुत दूर वाले स्थानों में परिवहन और ठहरने की व्यवस्था करनी होती है, कभी-कभी उन्हें इन दूरस्थ स्थानों पर इन केंद्रों तक पहुंचाने के लिए उपयुक्त व्यक्ति ढूंढना पड़ता है, प्रत्येक जिले में परीक्षा केंद्रों की अवस्थिति से सामान्य तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों के उम्मीदवारों तथा विशेष रूपसे महिला उम्मीदवारों को अधिक लाभ होगा। वित्तीय और अन्य कठिनाइयों को देखते हुए ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले उम्मीदवारों को यह चयन करना पड़ता है कि वह किस परीक्षा में भाग लें, एनआरए के तहत एक परीक्षा में शामिल होने से उम्मीदवारों को कई पदों के लिए प्रतिस्पर्धा करने का अवसर मिलेगा। एनआरए प्रथम स्तर या टियर-I परीक्षा का संचालन करेगा, जो कई अन्य चयनों के लिए प्रारंभिक परीक्षा होगी।
एनआरए के उम्मीदवार सीईटी में प्राप्त स्कोर परिणाम घोषित होने की तिथि से 3 वर्ष की अवधि के लिए वैध होंगे। वैध उपलब्ध अंकों में से सबसे उच्चतम स्कोर को उम्मीदवार का वर्तमान अंक माना जाएगा। सामान्य योग्यता परीक्षा ऊपरी आयु सीमा के अध्यधीन होगी उम्मीदवारों द्वारा सीईटी में भाग लेने के लिए अवसरों की संख्या पर कोई सीमा नहीं होगी। सरकार की मौजूदा नीति के अनुसार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अति पिछड़ा वर्ग तथा अन्य श्रेणियों के उम्मीदवारों को ऊपरी आयु सीमा में छूट दी जाएगी। यह परीक्षा उन उम्मीदवारों के लिए आसान हो गई है, जो प्रतिवर्ष इन परीक्षाओं में भाग लेने तथा इसकी तैयारी में लगने वाले महत्वपूर्ण समय, धन और प्रयासों की कठिनाई उठाते हैं। एनआरए गैर-तकनीकी पदों के लिए स्नातक, उच्च माध्यमिक (12वीं पास) और मैट्रिक (10वीं पास) वाले उम्मीदवारों के लिए अलग से सीईटी का संचालन करेगी, जिसके लिए वर्तमान में कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी), रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) और बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (आईबीपीएस) द्वारा भर्ती की जाती है।
सीईटी के अंक स्तरपर की गई स्क्रीनिंग के आधार पर भर्ती के लिए अंतिम चयन, पृथक विशेषीकृत टियर II, III इत्यादि परीक्षा के माध्यम से किया जाएगा, जिसे संबंधित भर्ती एजेंसी संचालित करेगी। इन परीक्षाओं का पाठ्यक्रम सामान्य होने के साथ-साथ मानक भी होगा। यह उन उम्मीदवारों के बोझ को कम करेगा, जो वर्तमान में प्रत्येक परीक्षा के लिए विभिन्न पाठ्यक्रम के अनुसार अलग-अलग पाठ्यक्रमों की तैयारियां करते हैं। उम्मीदवारों के पास एक ही पोर्टल पर पंजीकृत होने की तथा परीक्षा केंद्र के लिए अपनी पसंद व्यक्त करने की सुविधा होगी। उपलब्धता के आधार पर उन्हें परीक्षा केंद्र आवंटित किए जाएंगे। इसका अंतिम उद्देश्य उस व्यवस्था तक पहुंचना है, जहां उम्मीदवार अपनी पसंद के परीक्षा केंद्र पर परीक्षा की समय-सारणी तय कर सकते हैं। सीईटी अनेक भाषाओं में उपलब्ध होगा। यह देश के विभिन्न हिस्सों से लोगों को परीक्षा में बैठने और चयनित होने के समान अवसर को प्राप्त करने को सुविधाजनक बनाएगा। शुरुआत में अंकों का उपयोग तीन प्रमुख भर्ती एजेंसियां करेंगी, तथापि कुछ समयांतराल पर यह अपेक्षित है कि केंद्र सरकार की अन्य भर्ती एजेंसियां इसे अपना लेंगी।
सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्र की अन्य एजेंसियों को यह छूट होगी कि यदि वे चाहे तो इस प्रक्रिया को अपना सकती हैं। इस प्रकार दीर्घकाल में सीईटी के प्राप्तांक को केंद्र सरकार, राज्य सरकारों एवं संघ राज्य क्षेत्रों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों तथा निजी क्षेत्र की अन्य भर्ती एजेंसियों के साथ साझा किया जा सकता है, इससे ऐसे संगठनों को भर्ती पर लगने वाली लागत और समय की बचत करने में आसानी होगी। एकल पात्रता परीक्षा भर्ती चक्र को महत्वपूर्ण रूपसे कम करेगी। कुछ विभागों ने सीईटी में प्राप्त अंकों के आधार पर शारीरिक परीक्षा एवं चिकित्सीय परीक्षण के साथ भर्ती करने तथा भर्ती के लिए किसी भी द्वितीय चरण की परीक्षाओं को समाप्त करने का संकेत किया है। यह वृहद रूपसे भर्ती प्रक्रिया को कम करेगा तथा इससे युवाओं के एक बड़े वर्ग को लाभ पहुंचेगा। सरकार ने राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के लिए 1517.57 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की है। यह धनराशि तीन वर्ष की अवधि के लिए है। एनआरए की स्थापना के अलावा 117 आकांक्षी जिलों में परीक्षा अवसंरचना को स्थापित करने के लिए भी यही धन होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी की स्थापना पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा है कि यह करोड़ों युवाओं के लिए वरदान साबित होगी। उन्होंने कहा कि सामान्य योग्यता परीक्षा के जरिए इससे अनेक परीक्षाएं खत्म हो जाएंगी और कीमती समय के साथ-साथ संसाधनों की बचत होगी, इससे पारदर्शिता को भी बड़ा बढ़ावा मिलेगा। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी की स्थापना को युवाओं के लिए ऐतिहासिक बताया है। अमित शाह ने कहा कि यह परिवर्तनकारी सुधार सामान्य योग्यता परीक्षा (सीईटी) के माध्यम से केंद्र सरकार की नौकरियों के लिए भिन्न-भिन्न परीक्षाओं की बाधाओं को दूर करेगा, क्योंकि एनआरए में प्रत्येक ज़िले में परीक्षा केंद्र होगा, परीक्षा बहुभाषाओं में होगी और सीईटी का स्कोर तीन साल तक वैध रहेगा, जिससे समाज के सभी वर्गों को समान अवसर प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके माध्यम से केंद्र सरकार में नौकरियों के लिए एक ही परीक्षा करके उम्मीदवारों का वित्तीय बोझ कम करने का बहुत बड़ा काम किया है। अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने एनआरए के माध्यम से भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुगमता सुनिश्चित करके नौकरी हासिल करने का प्रयास करने वाले देश के युवाओं को उनका उचित अधिकार प्रदान किया है।
पीएमओ और कार्मिक राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी की स्थापना का फैसला केंद्र सरकार की नौकरियों में भर्ती के क्षेत्र में ऐतिहासिक, दूरदर्शी और क्रांतिकारी सुधार है। उन्होंने कहा कि यह फैसला सरकार की भर्ती प्रक्रिया में आमूलचूल बदलाव लेकर आएगा। उन्होंने कहा कि इस कदम से न सिर्फ भर्ती, चयन और नौकरी में प्लेसमेंट आसान होगा, बल्कि समग्र रूपसे जीवन में सुगमता सुनिश्चित होगी। उन्होंने कहा कि इससे दूरदराज और पर्वतीय क्षेत्रों की बालिका अभ्यर्थियों को काफी सहायता मिलेगी। डॉ जितेंद्र सिंह ने बताया कि एनआरए अगले साल से अस्तित्व में आ जाएगी और इसका मुख्यालय दिल्ली में होगा। उन्होंने बताया कि राज्य सरकारों को भी सहकारी संघवाद की सच्ची भावना के साथ इससे जुड़ने का परामर्श दिया जाएगा। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि निकट भविष्य में निजी क्षेत्र भी एनआरए से जुड़ेगा। उन्होंने कहा कि यह कल्पना की गई है कि एनआरए केंद्र सरकार की भर्ती प्रक्रिया में विशेष प्रौद्योगिकी और सर्वश्रेष्ठ प्रक्रियाओं को लाने वाली एक विशेष संस्था होगी। एनआरए के अंतर्गत प्रति वर्ष दो परीक्षाएं होंगी और अभ्यर्थियों के अंक तीन साल के लिए वैध रहेंगे। उन्होंने कहा कि हिंदी और अंग्रेजी के अलावा नियत समय में आगे 12 भाषाओं में परीक्षाओं का आयोजन किया जाएगा और संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल भाषाओं में इन्हें कराने के प्रयास किए जाएंगे।