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ज्वैलर्स का अब ऑनलाइन पंजीकरण शुरू

1 जून 2021 से कीमती धातुओं की हॉलमार्किंग अनिवार्य

उपभोक्ता मामलों के मंत्री ने की वेब पोर्टल की शुरुआत

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 22 August 2020 04:24:23 PM

ram vilas paswan virtually launches the online system of registration and renewal of jewellers

नई दिल्ली। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने ज्वैलर्स के लिए पंजीकरण और नवीकरण की ऑनलाइन प्रणाली, जांच-परख और हॉलमार्किंग केंद्रों की मान्यता एवं नवीकरण के लिए ऑनलाइन प्रणाली की शुरुआत कर दी है। इस ऑनलाइन प्रणाली तक भारतीय मानक ब्यूरो के वेब पोर्टल www.manakonline.in के माध्यम से पहुंच जा सकता है, रामविलास पासवान ने कहा कि पंजीकरण के लिए प्राप्त प्रस्तावों की बड़ी संख्या को मैन्युअल रूपसे संभालना बहुत मुश्किल था, इसलिए ये ऑनलाइन माध्यम उन ज्वैलर्स और उद्यमियों दोनों के लिए कारोबार में सुविधा लेकर आएंगे, जिन्होंने परख-जांच और हॉलमार्किंग केंद्र स्थापित किए हैं या ऐसा करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि 1 जून 2021 से कीमती धातुओं के लिए हॉलमार्किंग की प्रक्रिया अनिवार्य होगी।
उपभोक्ता मामले मंत्री रामविलास पासवान ने मीडिया को इस योजना की जानकारी देते हुए कहा कि ऑनलाइन प्रणाली के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि आवेदनों को आगे बढ़ाने के लिए कोई मानवीय चेहरा शामिल नहीं होगा, अब ज्वैलर्स इस ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से लाइसेंस प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन आवेदन करके आवश्यक दस्तावेज और फीस जमा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जिस समय कोई भी ज्वैलर्स अपेक्षित शुल्क के साथ आवेदन जमा करता है, उसे पंजीकरण की अनुमति प्रदान कर दी जाएगी, एक ई-मेल और एसएमएस अलर्ट उसके पास जाएगा, जोकि पंजीकरण संख्या को सूचित करेगा और फिर वे पंजीकरण संख्या का उपयोग करके पंजीकरण का प्रमाणपत्र डाउनलोड और प्रिंट कर सकते हैं। रामविलास पासवान ने कहा कि सोने के आभूषणों और कलाकृतियों की हॉलमार्किंग अनिवार्य होने से पंजीकरण के लिए आने वाले ज्वैलर्स की संख्या वर्तमान में 31 हजार से बढ़कर 5 लाख तक पहुंचने की उम्मीद है।
रामविलास पासवान ने कहा कि हॉलमार्क कराने के लिए आभूषण और कलाकृतियां की संख्या में भी बड़ी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। उन्होंने कहा कि अनुमान है कि यह संख्या 5 करोड़ के मौजूदास्तर से बढ़कर 10 करोड़ भी हो सकती है, इसके माध्यम से जांच-परख एवं हॉलमार्किंग केंद्रों की संख्या में भी वृद्धि करने की आवश्यकता होगी। वर्तमान समय में देश के 234 जिलों में 921 केंद्र स्थापित हैं। उन्होंने बताया कि बीआईएस जून 2021 तक शेष 480 जिलों में भी एएंडएच केंद्रों की शुरुआत करने की दिशा में काम कर रहा है। रामविलास पासवान ने बताया कि अब केवल तीन श्रेणियों के लिए ही बीआईएस हॉलमार्क जारी किए जाएंगे, 14 कैरेट (14के585), 18 कैरेट (18के750) और 22 कैरेट (22के916) केवल एएंडएच सेंटर के पहचान चिन्ह/नंबर और ज्वैलर्स पहचान चिन्ह/नंबर के साथ उपलब्ध होंगे।
उपभोक्ता मंत्री ने कहा कि ऑनलाइन पद्धति यह सुनिश्चित करेगी कि नया केंद्र शुरू करने या मौजूदा लाइसेंस को नवीनीकृत करने के लिए आवेदन ऑनलाइन जमा किए जा सकते हैं। मान्यता प्रदान करने की पूरी प्रक्रिया, जिसमें केंद्र का लेखा परीक्षण, लेखा परीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करना और मान्यता प्रदान करना व नवीनीकरण को स्वचालित कर दिया गया है, न केवल आवेदक के पास सभी जानकारी उपलब्ध होगी, बल्कि आवेदनों की प्रक्रिया को वास्तविक समय आधारित मॉनिटरिंग करना भी संभव हो सकेगा। रामविलास पासवान ने भारतीय मानक ब्यूरो-बीआईएस केयर ऐप की ओर भी ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने उपभोक्ताओं से आग्रह किया कि वे आभूषणों एवं कलाकृतियों की गुणवत्ता या एएंडएच केंद्रों या किसी अन्य उत्पादों का पंजीकरण या मान्यता प्राप्त करने में किसी भी प्रकार की कमी से संबंधित शिकायतों को दर्ज करने के लिए इस ऐप का उपयोग करें।
रामविलास पासवान ने उल्लेख किया कि ऑडिट करने की ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से आभूषण के हॉलमार्किंग में अनियमितता से संबंधित शिकायतों का त्वरित समाधान करने में सहूलियत होगी। उन्होंने कहा कि बीआईएस जांच-परख केंद्रों और हॉलमार्किंग केंद्रों के कार्य प्रवाह को स्वचालित करने के लिए मॉड्यूल बनाने की दिशा में भी काम कर रहा है, जिसके दिसंबर 2020 तक तैयार हो जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि दोनों ऑनलाइन पद्धति की शुरुआत होने से ज्वैलर्स और उद्यमियों को प्रमाणिक गुणवत्ता और उपभोक्ताओं के लिए शुद्ध स्वर्ण आभूषणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बीआईएस के कामकाज की समीक्षा करते हुए वे हॉलमार्किंग के लिए समर्पित केंद्रों में लोगों की संख्या को बढ़ाने की आवश्यकता को भी महसूस कर रहे हैं और शाखा कार्यालयों में अतिरिक्त लोगों को नियुक्त करने के लिए मंजूरी भी प्रदान कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह विभाग भारत में उत्पादों के लिए आईएस या ईयू के मानकों को लागू करने की प्रक्रिया में है।
उपभोक्ता मामलों के मंत्री ने बताया कि सितंबर 2020 से बीआईएस के अधिकारी, कस्टम अधिकारियों के साथ मिलकर 7 भारतीय बंदरगाहों पर आयात होने वाले उत्पादों की कार्गो गुणवत्ता और मानक की जांच करेंगे, केवल उन्हीं उत्पादों को भारतीय बाजारों में प्रवेश करने की अनुमति प्रदान की जाएगी, जो निर्धारित गुणवत्ता मानकों को पूरा करेंगे, वर्तमान में इस्पात, रासायनिक, भारी मशीनें और खिलौने देश की आयात सूची में प्रमुख हिस्सेदारी रखते हैं। उन्होंने बताया कि विभिन्न उत्पादों के लिए गुणवत्ता जांच पर भी काम किया जा रहा है, क्यूसीओ के 254 उत्पाद हैं और प्रक्रिया के अंतर्गत क्यूसीओ के लिए अन्य 268 उत्पाद कतार में हैं। रामविलास पासवान ने बताया कि अन्य उत्पादों के लिए क्यूसीओ प्रदान करने के लिए विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के साथ चर्चा की जा रही है। उन्होंने कहा कि नया बीआईएस अधिनियम-2017 अर्थव्यवस्था की नई चुनौतियों पर काबू पाने में ज्यादा प्रभावी है, इससे बीआईएस का दायरा बढ़ जाता है। उपभोक्ता मामलों का विभाग, अन्य मंत्रालयों और विभाग के साथ चर्चा कर रहा है, जिससे कि वह उत्पादों के मानकीकरण के लिए प्रमाणपत्र भी जारी कर सकें, जो उसके विशेषाधिकार के अंतर्गत आता है।

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