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Wednesday 26 August 2020 05:26:39 PM
नई दिल्ली। भारत सरकार ने 2006 में केंद्र और राज्य सरकारों के जिलों एवं संगठनों के असाधारण और अभिनव कार्यों को स्वीकार करने, उन्हें पहचानने और उन्हें पुरस्कृत करने के लिए 'लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार' नाम से एक योजना शुरू की है। प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों, नवाचार और महत्वाकांक्षी जिलों में जिला कलेक्टरों के कामकाज को पहचानने के लिए 2014 में इस योजना का पुनर्गठन किया गया था। जिले के आर्थिक विकास की दिशा में जिला कलेक्टरों के कामकाज को पहचानने के लिए 2020 में एक बार फिर नए सिरे से योजना बनाई गई। पुनर्गठित योजना के तहत लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार, राष्ट्रीय एकता दिवस 31 अक्टूबर 2020 को केवडिया गुजरात में स्टेचू ऑफ यूनिटी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रदान करेंगे।
वर्ष 2020 के लिए लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के प्रधानमंत्री पुरस्कार की योजना का बड़े पैमाने पर पुनर्गठन किया गया है, ताकि इन्हें मजबूत करने में सरकारी अधिकारियों के योगदान को पहचाना जा सके, इसके तहत प्राथमिकता वाले क्षेत्र में क्रेडिट फ्लो के माध्यम से समावेशी विकास, जन-आंदोलनों को बढ़ावा देना, जिले में स्वच्छ भारत मिशन (शहरी और ग्रामीण) के माध्यम से जनभागीदारी, लोक प्रशासन के साथ बेहतर सम्पर्क और जन शिकायतों का निवारण पुरस्कारों का दायरा जिले के सभी क्षेत्रों में समग्र परिणामोन्मुख कार्य निष्पादन क्षेत्रों की पहचान करने के लिए बढ़ाया गया है। जिला कलेक्टरों के योगदान को प्राथमिकता क्षेत्र में समावेशी क्रेडिट फ्लो के कार्यांवयन, जनभागीदारी के माध्यम से जन आंदोलनों को बढ़ावा देकर लोक प्रशासन के साथ बेहतर सम्पर्क स्थापित कर और जन शिकायतों का निपटारा कर पहचान दी जाएगी।
लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार में नमामि गंगे कार्यक्रम में जिलास्तर के अधिकारियों के प्रयासों को पहचाना जाएगा। कार्यांवयन के 2 वर्षों के बाद योजना के अंतर्गत सर्वश्रेष्ठ समग्र प्रगति वाले जिले को पुरस्कृत करने के लिए महत्वाकांक्षी जिला कार्यक्रम के लिए पुरस्कार में नयापन लाया गया है। नवाचारों की श्रेणी में परंपरागत रूप से सबसे अधिक नामांकन प्राप्त हुए हैं। तीन अलग-अलग श्रेणियों में राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तरपर नवाचारों को मान्यता देने के लिए यह योजना व्यापक आधार वाली है। पीएम अवार्ड्स पोर्टल की शुरूआत 17 जुलाई 2020 को प्रधानमंत्री कार्यालय एवं कार्मिक राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने की थी, तबसे प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग ने वीडियो कॉंफ्रेंस, कॉल सेंटर और संचार के माध्यम से सचिवों से लेकर सभी संघ शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों, प्रशासकों गतिविधियों तक पहुंच बनाई है।
कोविड महामारी की स्थिति को देखते हुए पंजीकरण और नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 23 अगस्त तक बढ़ा दी गई थी। लगभग 702 जिलों ने लोक प्रशासन 2020 में उत्कृष्टता के प्रधानमंत्री पुरस्कार के लिए पंजीकरण कराया और भाग लिया जोकि 95 प्रतिशत है। इसमें से 678 जिलों ने जिला कार्य निष्पादन संकेतक कार्यक्रम को चुना है। नवाचार श्रेणी के अंतर्गत कुल 646 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 104 केंद्र सरकार के संगठनों के हैं। राज्य स्तरीय नवाचारों के अंतर्गत 193 और जिला स्तरीय नवाचारों के लिए 660 आवेदन प्राप्त हुए हैं। नमामि गंगे के तहत 48 जिले और महत्वाकांक्षी जिला कार्यक्रम के तहत 112 में से 81 जिलों ने आवेदन किया है। यद्यपि कलेक्टरों से यह आशा की ही जाती है कि वे लोक प्रशासन में बेहतर से बेहतर प्रदर्शन करेंगे, तथापि आज के संदर्भ में इस प्रकार से उनके कामकाज की समीक्षा जरूरी हो गई है। अब देखना होगा कि यह योजना लोक प्रशासन के लिए कितनी कारगर होती है।