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सीसीआई ने दी इक्विटी हिस्सेदारी को मंजूरी

लाइटस्टोन फंड एसए एक आरक्षित वैकल्पिक निवेश कोष

सीसीआई ने की हिस्सेदार कंपनियों के नामों की घोषणा

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 27 August 2020 03:17:54 PM

competition commission of india

नई दिल्ली। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने प्रतिस्पर्धा अधिनियम-2002 की धारा 31 (1) के तहत 91 स्ट्रीट्स मीडिया टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड (91 स्ट्रीट्स), एसेंट हेल्थ एंड वेलनेस सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड (एसेंट), एपीआई होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड (एपीआई), आहान कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड (आहान) और लोकप्रकाश विद्या प्राइवेट लिमिटेड (लोकप्रकाश) में लाइटस्टोन ग्लोबल फंड (एलजीटी) की ओर से लाइटस्टोन फंड एसए के कुछ इक्विटी हिस्सेदारी के अधिग्रहण को मंजूरी दे दी है। लाइटस्टोन फंड एसए की संरचना एक आरक्षित वैकल्पिक निवेश कोष के रूप में है और शुरू में इसे एक अम्ब्रेला निधि संरचना के रूपमें स्थापित किया गया था, जिसकी एक उपनिधि लाइटस्टोन ग्लोबल फंड है।
लाइटस्टोन फंड एसए का प्रबंधन उसके वैकल्पिक निवेश कोष प्रबंधक यानी एलजीटी कैपिटल पार्टनर्स (आयरलैंड) लिमिटेड द्वारा किया जाता है। स्ट्रीट्स मीडिया टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड भारत में निगमित कंपनी है, जो सीधे या अपनी सहायक कंपनियों के माध्यम से पूरे भारत में कारोबार संचालित करती है। यह ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म (वेबसाइट के साथ-साथ मोबाइल एप्लिकेशन) विकसित करने के लिए आवश्यक तकनीक और बौद्धिक संपदा की मालिक है, जो वैध लाइसेंस के साथ खुदरा विक्रेताओं/ खुदरा फार्मेसी विक्रेताओं द्वारा दवाओं और न्यूट्रास्युटिकल्स की बिक्री पर ध्यान केंद्रित करती है, यह तीसरे पक्ष के लैब के जरिये नैदानिक परीक्षण पैकेज सुविधाएं भी प्रदान करती है और यह टेली-मेडिकल परामर्श मंच की भी मालिक है और इसका विकास भी करती है। स्ट्रीट्स की सहायक कंपनियां थोक (बिजनेस टू बिजनेस (बी 2 बी) फार्मास्युटिकल उत्पादों की बिक्री और वितरण में लगी हुई हैं, भारत में फार्मास्युटिकल रिटेलर्स को इन उत्पादों की बिक्री करती हैं तथा ये लॉजिस्टिक्स डिलीवरी और परिवहन सेवाओं के कारोबार में भी हैं।
एसेंट भारत में निगमित एक कंपनी है, जो सीधे या अपनी सहायक कंपनियों के माध्यम से देश स्तर पर काम कर रही है। यह थोक बी 2 बी बिक्री और दवा के वितरण (ऑफलाइन के साथ-साथ ऑफलाइन), एफएमसीजी और न्यूट्रास्युटिकल उत्पादों को नकद आधार पर बिक्री करने का कारोबार करती है और एप्लिकेशन विकसित करने के व्यवसाय में भी लगी हुई है, जो फार्मास्यूटिकल्स उद्योग में बी 2 बी बिक्री की सुविधा के लिए एक खरीद आदेश प्रबंधन प्रणाली है। एपीआई भारत में निगमित एक कंपनी है और कोई व्यवसाय नहीं करती है। वित्त-वर्ष 21 में एपीआई ने अपनी सहायक कंपनी के माध्यम से इंस्टिंक्ट इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड में हिस्सेदारी हासिल की, जो स्वास्थ्य सेवा के साथ-साथ गैर-स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में सॉफ्टवेयर और उद्यम संसाधन योजना समाधान विकसित करने के व्यवसाय में लगी हुई है। गैर-स्वास्थ्य सेवा के कार्य में खुदरा फार्मेसियों के लिए अनुप्रयोग सेवाओं का विकास करना, जिन पर बिक्री भी की जा सकती है, शामिल हैं। आहान और लोकप्रकाश कोई भी व्यावसायिक गतिविधियां नहीं करते हैं और इनकी कोई सहायक कंपनियां भी नहीं हैं।

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