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जम्मू कटरा सांबा में बांस क्लस्टरों का विकास

देश के विभिन्न हिस्सों में बांस जागरुकता शिविर लगाए जाएंगे

बांस क्लस्टरों से 25000 लोगों को प्रत्यक्ष रोज़गार के अवसर

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Saturday 29 August 2020 01:46:50 PM

development of bamboo clusters in jammu katra samba

नई दिल्ली। केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास, प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा है कि बांस की टोकरी, बांस के चारकोल एवं अगरबत्ती निर्माण के लिए जम्मू, कटरा एवं सांबा क्षेत्रों में बांस के क्लस्टर विकसित किए जाएंगे, जो लगभग 25,000 लोगों को प्रत्यक्ष रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराएंगे। जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा भूमि के आवंटन के दो वर्ष के भीतर जम्मू के निकट घाटी में एक मेगा बांस औद्योगिक पार्क तथा बांस प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना भी कर दी जाएगी। समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के बाद जम्मू एवं कश्मीर में बांस क्षेत्र में अवसंरचना के संवर्धन तथा उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए डोनर मंत्रालय की समीक्षा बैठक में डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि आने वाले दिनों में इसे एक बड़ी प्राथमिकता के रूपमें आगे बढ़ाया जाएगा।
राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख में बांस के बड़े-बड़े जंगल फैले हैं, जिनका अभी तक उपयोग नहीं किया जा सका है। उन्होंने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में डोनर मंत्रालय की पूर्वोत्तर परिषद ने केन एवं बांस प्रौद्योगिकी केंद्र के जरिए जम्मू के राज्य सम्मेलन में 11 एवं 12 जनवरी 2020 को जम्मू-कश्मीर सरकार के सहयोग से कार्यशाला व सह प्रदर्शनी में जम्मू-कश्मीर के बांस सेक्टर के क्षेत्र में हितधारकों ने तकनीकी ज्ञान और अनुभव प्राप्त किया था। राज्यमंत्री ने कहा कि इस कार्यशाला ने जम्मू, सांबा एवं कठुआ क्षेत्र में बांस हरितिमा की उल्लेखनीय उपस्थिति पर रोशनी डाली है। उन्होंने बताया कि वहां कुछ बांस आधारित सूक्ष्मस्तरीय उद्यम एवं उद्यमियों का भी अस्तित्व है और इसके आलोक में सीबीटीसी साधारण सुविधा केंद्रों, केन तथा बांस प्रौद्योगिकी पार्कों, केन एवं बांस औद्योगिक पार्कों, एफपीओ, क्लस्टरों और बीओटी पर हाईटेक नर्सरियों की स्थापना के लिए जम्मू-कश्मीर की सरकार के साथ टर्नकी आधार पर उनके वित्तपोषण सहायता के साथ जैसा भी मामला हो नियत समय पर तकनीकी गठबंधन और साझीदारी भी की जाएगी।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि शीघ्र ही मंत्रालय से एक टीम जम्मू का दौरा करेगी और क्षेत्र में बांस की खेती के लिए एक प्रक्षेत्र प्रशिक्षण कार्यक्रम का अन्वेषण करेगी। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों का अनुभव जम्मू एवं कश्मीर के कारीगरों को उनकी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने में सहायता करेगी एवं इस क्षेत्र में बांस के वाणिज्यिक दोहन में भी मदद करेगा। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले कुछ समय से बांस का उपयोग लागत वाले घरों के निर्माण तथा निर्माण सामग्री के रूपमें किया जाने लगा है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इस संबंध में देश के विभिन्न हिस्सों में बांस जागरुकता शिविरों का आयोजन किया जाएगा। डोनर मंत्रालय के सचिव डॉ इंद्रजीत सिंह, विशेष सचिव इंदीवर पांडेय, एनईसी के सचिव मोसेस के चलाई, सीबीटीसी के एमडी शैलेंद्र चौधरी और विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी वीडियो कांफ्रेंस के जरिए बैठक में हिस्सा लिया।

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