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Saturday 29 August 2020 02:02:23 PM
नई दिल्ली। पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो ने नई दिल्ली में अपना स्वर्ण जयंती वर्षगांठ समारोह मनाया, जिसका वर्चुअल आयोजन किया गया। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने मुख्य अतिथि के रूपमें समारोह में भाग लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसकी स्वर्ण जयंती पर बीपीआरएंडडी को बधाई दी है। उन्होंने एक संदेश में कहा कि 50 वर्ष से बीपीआरएंडडी राष्ट्र की सेवा में अडिग है, हमारा जोर एक आधुनिक, प्रभावी और संवेदनशील सुरक्षा ढांचा पर है, जो समाज के सभी वर्गों के बीच सुरक्षा की एक भावना को प्रेरित करता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि शांति एवं सुरक्षा को बनाए रखने के लिए एक दक्ष माध्यम सुनिश्चित करने हेतु प्रौद्योगिकी के तीव्र उन्नयन के साथ कदम मिलाकर चलने की आवश्यकता आज से पहले कभी भी इतनी अधिक नहीं रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि प्रौद्योगिकी एवं मानव संसाधनों के ईष्टतम उपयोग के लिए नवोन्मेषण एवं अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि नागरिक केंद्रित एवं नागरिक हितैषी दृष्टिकोण के साथ पुलिस बल की पहुंच और क्षमताओं को और आगे बढ़ाने के लिए कौशल निर्माण, अनुसंधान तथा प्रशिक्षण के क्षेत्रों को निरंतर अद्यतन करना अहम है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी बीपीआरएंडडी की स्वर्ण जयंती वर्षगांठ पर उसे बधाई दी और अपने संदेश में कहा कि पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो ने अनुसंधान एवं विकास के जरिए भारत की आंतरिक सुरक्षा को सुदृढ़ करने में अहम भूमिका निभाई है और मैं देश में एक मजबूत और आधुनिक पुलिस प्रणाली के लिए बीपीआरएंडडी के सतत प्रयासों के लिए उसे सैल्यूट करता हूं। गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि नई सोच और उभरती प्रौद्योगिकियां तथा पुलिस बल को राष्ट्र की सुरक्षा के लिए सक्षम बनाना नवीन और आत्मनिर्भर भारत का एक महत्वपूर्ण पहलू है।
गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि बदलते समय के साथ कदम मिलाकर चलने के लिए देश में कानून एवं व्यवस्था अवसंरचना में तेजी लाए जाने की जरूरत है और इसे अनुसंधान एवं विकास के बिना अर्जित नहीं किया जा सकता। किशन रेड्डी ने जयपुर में सेंट्रल डिटेक्टिव ट्रेनिंग इंस्टीच्यूट का उद्घाटन किया और छात्र पुलिस कैडेट्स की वेबसाइट लॉंच की। बीपीआरएंडडी की स्वर्ण जयंती पर एक डाक टिकट, स्मारिका तथा सार संग्रह का भी अनावरण किया गया। गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने कहा कि बीपीआरएंडडी ने अपराध और कानून व्यवस्था से निपटने में भारतीय पुलिस को अधिक प्रवीण बनाने के लिए पांच दशक में बहुमूल्य योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय ने बीपीआरएंडडी से जुड़कर पुलिस संबंधित विषयों में अध्ययन करने के लिए युवा छात्रों को प्रोत्साहित करने हेतु एक प्रदत्त प्रशिक्षुता कार्यक्रम को मंजूरी दी है। गृह सचिव ने यह भी कहा कि गृह मंत्रालय बीपीआरएंडडी के सभी प्रयासों में उसे दिशा निर्देश देने और सहायता करने के प्रति प्रतिबद्ध है।
समारोह में बीपीआरएंडडी के महानिदेशक वीएसके कौमुदी, सचिव डाक प्रदीप्त कुमार बिसोई एवं गृह मंत्रालय तथा बीपीआरएंडडी के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। सीएपीएफ, राज्य पुलिस बलों, शिक्षा क्षेत्र, राष्ट्रीय पुलिस मिशन के सदस्य, सिविल सेवा संगठनों के वरिष्ठ सेवारत एवं सेवानिवृत्त अधिकारियों, बीपीआरएंडडी के अधिकारियों एवं उनके परिवारजनों ने भी वेब लिंक के जरिए समारोह में भाग लिया। ज्ञातव्य है कि पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो की संस्थापना भारत सरकार के गृह मंत्रालय के एक प्रस्ताव के जरिए 28 अगस्त 1970 को नीति निर्माण करने, पुलिस समस्याओं के त्वरित एवं प्रणालीगत अध्ययन को बढ़ावा देने, पुलिस पद्धति एवं तकनीकों में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग करने के अधिदेश के साथ की गई थी।