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Tuesday 1 September 2020 03:20:19 PM
कोलकाता। विश्वास किया जाता है कि राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी केंद्रीय अधिकारी-कर्मचारियों की भर्ती प्रणाली में रूपांतरकारी बदलाव लाएगी, यह रोज़गार की आकांक्षाएं पूरी करने में सहायता करेगी। कोलकाता के पत्र सूचना कार्यालय ने 'राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी और इसकी भूमिका' पर एक वेबिनार आयोजित किया गया, जिसमें शिक्षाविदों, उद्योग और सरकारी क्षेत्र के विशेषज्ञों ने भर्ती क्षेत्र और नीति परिप्रेक्ष्य की संभावना एवं भूमिका पर विचार-विमर्श में यह विश्वास व्यक्त किया। इस अवसर पर केंद्रीय कार्मिक राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह निर्णय भर्ती क्षेत्र में बहुत अहम बदलाव वाला है, जो भर्ती को गांवों और शहरों तक ले जाएगा। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रत्याशियों के लिए रोज़गार अवसर एक रूपांतरकारी प्रयास है, जो युवाओं के जीवन में सुगमता में बढ़ोतरी करेगा।
कार्मिक राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि भर्ती प्रणाली में बदलाव केवल शासन सुधार नहीं है, बल्कि एक सामाजिक और आर्थिक सुधार भी है। एसएससी के पूर्व अध्यक्ष ब्रजराज शर्मा ने राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के निर्णय पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि रोज़गार का चयन, भर्ती और रोज़गार अवसरों को संपूर्णता में देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भर्ती की मूल्य श्रृंखला से जुड़े सभी व्यक्तियों के लिए यह लाभप्रद स्थिति है, चाहे वे रोज़गार चाहने वाले हों, भर्ती संगठन हों या फिर मानव संसाधन कार्मिक हों। उन्होंने कहा कि सबसे पहले तो समान पात्रता जांच में तीन एजेंसियों अर्थात कर्मचारी चयन आयोग, रेल भर्ती बोर्ड और बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान की भर्तियां शामिल होंगी। उन्होंने कहा कि 117 आकांक्षी जिलों में परीक्षा अवसंरचना के विकास पर विशेष जोर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे छात्रों के लिए कई लाभ हैं, जिसमें विविध परीक्षाओं में बैठने से मुक्ति, अधिक से अधिक महिला प्रत्याशियों, दिव्यांगों को तथा ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालों को सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करने हेतु प्रोत्साहित करने के लिए प्रत्येक जिले में परीक्षाओं का आयोजन शामिल है।
रेलवे बोर्ड के पूर्व कार्यकारी निदेशक एवं संयुक्त सचिव प्रेमलाल शर्मा ने आकांक्षी जिलों में परीक्षा अवसंरचना में चुनौतियों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इस पहल का सकारात्मक पहलू रोज़गार के अवसरों में ग्रामीण छात्रों के लिए जागरुकता और प्रेरणा है तथा यह परीक्षा के उच्चतर स्तर के लिए समान पात्रता जांच प्रत्याशियों को एक ही बार परीक्षा में बैठने तथा सभी भर्ती एजेंसियों की सभी या किसी एक में आवेदन करने में सक्षम बनाएगी। रेल मंत्रालय के औद्योगिक संबंध के पूर्व सलाहकार ए निगम ने कहा कि इस निर्णय को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के निर्णय के परिप्रेक्ष्य में देखा जाना चाहिए, यह स्कूल स्तरपर व्यवसायिक प्रशिक्षण रोज़गार चाहने वालों के लिए एक मूल्यवर्धन है और यह प्रत्याशी को विशिष्ट रोज़गार विवरण के लिए आवेदन करते समय अपनी पसंद के रोज़गार को पाने में सहायक होगा, इसलिए सरकार की अन्य पहलों को सरकार के राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के निर्णय के अनुरूप देखा जाना चाहिए।
रांची के पत्र सूचना कार्यालय के अपर महानिदेशक अरिमर्दन सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र की ही तरह भर्ती एवं शिक्षा क्षेत्र में निवेश और सुधार स्वागत योग्य पहल है। उन्होंने कहा कि सरकार का निर्णय बेहतर एचआर प्रबंधन में सहायता करेगा। उन्होंने कहा कि एक परीक्षा अर्थात विविध भाषाओं में सीईटी उन प्रत्याशियों के ऊपर से बोझ को कम करने में सहायता करेगी, जिन्हें वर्तमान में विभिन्न पाठ्यक्रमों के अनुरूप विभिन्न प्रकार से प्रत्येक परीक्षा के लिए तैयारी करने कर आवश्यकता है। एआईबीओसी की महासचिव सौम्या दत्ता एवं एसबीआई के पूर्व डीजीएम तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र के एचआर प्रभारी, सर्किल डवलपमेंट अधिकारी आशीष बिश्वास ने राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के सकारात्मक पक्षों को व्यक्त करते हुए कहा कि बैंकिंग क्षेत्र के लिए विशिष्ट रोज़गार प्रोफाइल प्राथमिक स्तरपर एक टेस्ट तथा उसके बाद टियर 2 एवं टियर 3 परीक्षा से विशिष्ट रोज़गार वर्णन एवं प्रोफाइल के लिए सही प्रत्याशी के प्लेसमेंट में मदद करेगा।
आशीष बिश्वास ने कहा कि विभिन्न सरकारी रोज़गारों के लिए सही समय पर सही प्रत्याशी के चुनाव के लिए एनआरए की भूमिका अहम है और यह छात्रों की प्रतिभा एवं क्षमता के अनुरूप रोज़गार पाने की युवाओं की मांग को पूरी करेगी। पूर्बो वर्धमान के जिला जज कोर्ट के अधिवक्ता संयुक बनर्जी ने कहा कि राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी की दक्षता और प्रभावोत्पादकता रोज़गार चाहने वाले प्रत्याशियों पर निर्भर करती है, जिन्हें सही समय एवं सही संगठन पर उनकी पसंद के अनुरूप रोज़गार का चयन करने में सक्रिय रहना होगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी में निष्पादन छात्र की पसंद के रोज़गार को पाने का एक प्रयत्न है। उन्होंने महिला प्रत्याशियों एवं देश के ग्रामीण क्षेत्रों के प्रत्याशियों के लिए इस पहल के लाभों और किस प्रकार यह निर्णय प्रत्याशियों के लिए भर्ती अवसरों की अधिक सुगम्यता में मदद करने की चर्चा की।
दिल्ली उच्च न्यायालय के अधिवक्ता अब्दुर्रहमान मलिक ने कहा कि इस देश की युवा आबादी के लिए रोज़गार अवसरों के साथ भर्ती क्षेत्र में सुधार भारत के संविधान के सारतत्व-मानव गौरव के साथ जीने का अधिकार के अनुरूप है और प्रयत्न के लिए एक स्वागत योग्य पहल है। वेबिनार की योजना एवं समन्वयन कोलकाता के पत्र सूचना कार्यालय के उप निदेशक (एम एंड सी) सम्राट बंद्योपाध्याय ने किया। वेबिनार में दूरदर्शन कोलकाता की एडीजी, आकाशवाणी कोलकाता, पसूका रांची एवं पसूका पटना सहित पत्रकार एवं वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भी शामिल हुए थे।