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Thursday 3 September 2020 04:00:18 PM
श्रीनगर/ नई दिल्ली। आयकर विभाग ने श्रीनगर एवं कुपवाड़ा के तीन प्रमुख कारोबारियों के कई ठिकानों पर छापे मारकर बेहिसाब संपत्तियों की जब्ती कार्रवाई की है। आयकर विभाग को इनके यहां बड़ी मात्रा में बेहिसाब अघोषित आय का पता चला था, जिसके बेनामी लेन-देन में इन तीनों समूहों की संलिप्तता का पता चला है। आयकर अधिकारियों को तलाशी के दौरान आपत्तिजनक साक्ष्य भी मिले हैं और यह भी पता चला है कि इनमें से एक समूह का प्रमुख व्यक्ति वैसे तो अप्रैल 2019 में सरकार द्वारा व्यापार पर रोक लगाए जाने तक क्रॉस-एलओसी व्यापार में संलग्न था, उसके पास दो सक्रिय पैन भी पाए गए, लेकिन उसने अपना आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया और न ही उसने कुछ भी आयकर का भुगतान किया है, जबकि उसके स्वामित्व वाले प्रतिष्ठान ने पिछले कुछ वर्ष में 25 करोड़ रुपये से भी अधिक का निर्यात किया है।
एलओसी व्यापार से संबंधित आपत्तिजनक दस्तावेजों को क्रॉस-एलओसी व्यापार के अभिरक्षक (कस्टोडियन) से जब्त किया गया है, जिनसे बड़े पैमाने पर कर चोरी का संकेत मिलता है। औलादों की पाकिस्तान में शिक्षा पर बेहिसाब खर्च के भी पुख्ता साक्ष्य मिले हैं। एक अन्य मामले में मुख्य व्यक्ति और उसका भाई सरकार द्वारा व्यापार पर रोक लगाए जाने तक क्रॉस-एलओसी व्यापार में संलग्न थे। उसने पिछले दो वर्ष में कुल 3 करोड़ रुपये का निर्यात किया था, जबकि उसने केवल एक वर्ष के लिए ही अपना आयकर रिटर्न दाखिल किया और वह भी उसमें मामूली प्राप्तियों को दर्शाया गया है। यही नहीं, दाखिल किया गया आयकर रिटर्न उसके कई बैंक खातों में डाली गई धनराशियों से मेल नहीं खाता है, जोकि करोड़ों रुपये में हैं। उससे क्रॉस-एलओसी व्यापार पर लगाई गई रोक का उल्लंघन करके अवैध व्यापार करने से जुड़े कई साक्ष्य भी जब्त किए गए हैं। इस कर निर्धारिती के पासपोर्ट से यह भी पता चला है कि उसने वर्ष 2017 से ही हर कैलेंडर वर्ष में 20-25 दिन तक पाकिस्तान की यात्रा की थी और इस पर हुए खर्च का स्रोत प्रथम दृष्टया पूरी तरह से बेहिसाब है।
आयकर छापेमारी के एक अन्य मामले में यह पाया गया कि संबंधित समूह सब्जियों और फलों के क्रॉस-एलओसी व्यापार में संलग्न था। इस मामले में 15 लाख रुपये की बेहिसाब नकदी जब्त की गई है। इस समूह में कई सहयोगी फर्म हैं, मगर इन फर्मों के लेन-देन उनके आयकर रिटर्न में परिलक्षित नहीं होते हैं। इस समूह के एक व्यक्ति, जिसने आयकर रिटर्न नहीं भरा है, के मामले में लगभग 10 करोड़ रुपये के बेहिसाब कारोबारी लेन-देन से संबंधित दस्तावेज जब्त किए गए हैं। एक अन्य फर्म के एक मामले में फर्म के एक साझीदार ने यह स्वीकार किया है कि उसके नाम का केवल इस्तेमाल किया जा रहा था, वह फर्म की किसी भी गतिविधि में संलग्न नहीं है। बेनामी लेन-देन को ध्यान में रखते हुए इस मामले की भी जांच की जा रही है। छापेमारी में एक लॉकर का भी पता चला है, उसकी तलाशी लेना अभी बाकी है, उसका इस्तेमाल करने या उसे खोलने पर रोक लगा दी गई है। कश्मीर घाटी में बहुत पहले से ही अनैतिक और अवैध व्यापार एवं कालेधन के लेन-देन के ऐसे अनेक मामले सामने आए हैं और आयकर विभाग की इस दिशा में जांच निरंतर जारी है।