स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Friday 4 September 2020 04:11:35 PM
नई दिल्ली। भारत और रूस के बीच ग्यारहवीं बार द्विवार्षिक संयुक्त नौसैनिक अभ्यास इंद्र नेवी बंगाल की खाड़ी में हो रहा है। इस संयुक्त नौसैनिक अभ्यास की शुरुआत 2003 में हुई थी। इसने दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच दीर्घकालिक रणनीतिक संबंधों को प्रमाणित किया है। यह नौसैनिक अभ्यास बंगाल की खाड़ी में ऐसे समय आयोजित किया जा रहा है, जब द्विपक्षीय सहयोग और परस्पर हितों पर चर्चा करने तथा द्वितीय विश्व युद्ध में मिली जीत की 75वीं वर्षगांठ मनाए जाने के लिए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह रूस के रक्षामंत्री जनरल सर्गेई शोइगू के निमंत्रण पर मॉस्को की यात्रा पर हैं।
भारत और रूस का संयुक्त नौसैनिक अभ्यास नई संभावनाओं, संचालन और भागीदारी के स्तर में वृद्धि के नजरिए से समय के साथ परिपक्व होता गया है। इसका मूल उद्देश्य दोनों नौसेनाओं की पिछले वर्षों में हासिल की गई अंतर-संचालन दक्षता को और मजबूत करना है और साथ ही बहुआयामी समुद्री अभियानों के लिए आपसी समझ एवं प्रक्रियाओं को विस्तार देना है। इस बार के संयुक्त अभ्यास में समुद्री परिचालन के क्षेत्र में व्यापक और विविध गतिविधियों को शामिल किया गया है। कोविड महामारी के कारण लगाए गए प्रतिबंधों के मद्देनज़र इस बार यह अभ्यास केवल समुद्री क्षेत्र तक सीमित रखा गया है। संयुक्त अभ्यास में भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व निर्देशित मिसाइल विध्वंसक रणविजय, स्वदेशी फ्रिगेट सह्याद्री और फ्लीट टैंकर शक्ति कर रहे हैं। इस अवसर पर इनके हेलीकॉप्टर भी इनके साथ हैं। फ्रिगेट सह्याद्री को वर्तमान में एमटी न्यू डायमंड को सहायता प्रदान करने के काम पर लगाया गया है। एमटी न्यू डायमंड में श्रीलंका के तट पर आग लग गई थी।
रूसी संघ की नौसेना का प्रतिनिधित्व व्लादिवोस्तोक में प्रशांत क्षेत्र के नौसेनिक बेड़े के विध्वंसक एडमिरल विनोग्रादोव, विध्वंसक एडमिरल ट्रिब्यूट्स और फ्लीट टैंकर बोरिस बुटोमा कर रहे हैं। इस अभ्यास का उद्देश्य अंतर-क्षमता और दोनों नौसेनाओं की अपनाई जाने वाली सर्वोत्तम प्रथाओं के बारे में आपसी समझ को बढ़ाना तथा उनमें सुधार लाना है। इसमें जमीन और हवा में विमान रोधी मारक क्षमता का अभ्यास, गोले दागे जाने का अभ्यास, हेलीकॉप्टर संचालन, जहाजों पर तैनात कर्मियों के लिए काम करने के नए तौर तरीके इजाद किया जाना आदि शामिल होंगे। ऐसा पिछला अभ्यास विशाखापत्तनम में दिसंबर 2018 में आयोजित किया गया था। आशा है कि इंद्र नेवी-20 संयुक्त नौसैनिक अभ्यास से दोनों नौसेनाओं के बीच आपसी विश्वास और सहयोग को बढ़ाने में मदद मिलेगी और दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे मैत्रिपूर्ण संबंध और ज्यादा मजबूत होंगे।