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Saturday 5 September 2020 03:30:48 PM
हैदराबाद/ नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में दीक्षांत परेड कार्यक्रम में वीडियो कॉंफ्रेंस से आईपीएस प्रशिक्षुओं से बातचीत में अपनी सेवा के प्रति जागरुक और जवाबदेह होने को प्रेरित किया तो नसीहत भी दी कि हर जगह सिंघम बनने की कोशिश भी न करें। प्रधानमंत्री ने प्रशिक्षुओं को उनका प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा करने पर बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि पुलिस अधिकारियों को अपनी वर्दी की ताकत धूमिल करने की बजाय उसपर गर्व होना चाहिए, अपने आचरण से खाकी वर्दी का सम्मान कभी कम मत होने देना।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान पुलिस के अच्छे कार्यों की वजह से आम लोगों के मन मस्तिष्क में खाकी वर्दी के मानवीय चेहरे को उकेरा गया है। प्रधानमंत्री ने आईपीएस प्रशिक्षुओं से कहा कि अबतक वे इस सुरक्षात्मक माहौल में एक प्रशिक्षु थे, लेकिन इस अकादमी से बाहर निकलते ही रातोंरात स्थिति बदल जाएगी, उनके प्रति लोगों का नज़रिया बदल जाएगा, इसलिए सतर्क रहें कि जो पहली धारणा बनती है वही आख़िर तक बनी रहती है, जहां भी आपको स्थानांतरित किया जाएगा, आपकी छवि भी आपके साथ वहां पहुंच जाएगी। प्रधानमंत्री ने उन्हें सलाह दी कि वे अपने में अनाज में लगे भूसे की पहचान करने का कौशल विकसित करें, अपने कान बंद नहीं रखें, बल्कि जो सुनें उसमें से काम की चीजें छांटने की कला विकसित करें, अपने कानों पर ताले न लगाएं, बल्कि वहां एक फिल्टर लगाएं, जब छंटी हुई बातें दिमाग में जाएंगी तो यह आपकी मदद करेगी, कचरे को दूर करेगी और आपके दिल को साफ रखेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रशिक्षुओं से आग्रह किया कि जहां भी उनकी तैनाती हो, वहां की हर बात से वे अपनापन और गर्व की भावना विकसित करें और आम जनता के प्रति दया का भाव रखें। उन्होंने कहा कि डरा-धमकाकर लोगों को नियंत्रित करने के बजाय करुणा के माध्यम से लोगों का दिल जीतना लंबे समय तक काम आता है। प्रधानमंत्री ने अपराध से जुड़ी समस्या का हल करने में पुलिस की सूझबूझ के महत्व पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने प्रशिक्षुओं से कहा कि वे जमीनी स्तर की खुफिया जानकारी के महत्व को ध्यान में रखते हुए अधिकतम संभव सीमा तक प्रौद्योगिकी का उपयोग करें, जानकारी, वृहद डेटा और कृत्रिम बुद्धिमत्ता की कोई कमी नहीं है। प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पर उपलब्ध जानकारी को बड़ी संपत्ति बताया है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्ष में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ ने आपदा के दौरान जिस तरह का प्रदर्शन किया है, उससे पुलिस सेवा को एक नई पहचान मिली है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आईपीएस प्रशिक्षुओं से अपने क्षेत्रों में एनडीआरएफ समूहों को संगठित करने और प्राकृतिक आपदा के दौरान लोगों की मदद करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि कभी भी प्रशिक्षण को कम नहीं समझा जाए और उस मानसिकता से बाहर निकलें कि प्रशिक्षण की पोस्टिंग एक सजा है। नरेंद्र मोदी ने उल्लेख किया कि दो दिन पहले मिशन कर्मयोगी की शुरूआत की गई है, यह 7 दशक पुरानी सिविल सेवा में क्षमता निर्माण और कार्य के प्रति दृष्टिकोण दोनों में एक बड़ा सुधार है। उन्होंने कहा कि यह बदलाव नियम आधारित दृष्टिकोण से भूमिका आधारित दृष्टिकोण का है, इससे प्रतिभाओं का पता लगाने और प्रशिक्षण में मदद मिलेगी, यह सही व्यक्ति को सही भूमिका में रखने में मदद करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका पेशा वह है, जिसमें कभी भी अप्रत्याशित स्थिति का सामना करने के मौके आते हैं, आप सभी को इसके लिए सदैव सतर्क और तैयार रहना चाहिए, ऐसे काम में काफी तनाव रहता है, इसलिए यह काफी महत्वपूर्ण है कि वे अपने नजदीकी संबंधियों और प्रिय लोगों के साथ बातचीत करते रहें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रशिक्षुओं को सुझाव दिया कि छुट्टी के दिन समय-समय पर आप किसी शिक्षक या किसी ऐसे व्यक्ति से मिलें, जिसकी सलाह को आप महत्व देते हैं। प्रधानमंत्री ने पुलिस विभाग में तंदुरुस्ती के महत्व पर जोर दिया और कहा कि प्रशिक्षण के दौरान विकसित तंदुरुस्ती को बनाए रखना होगा, यदि आप फिट होंगे तो आपके आसपास के सहयोगी साथी भी फिट होंगे, वे आपको देखकर प्रेरित होंगे। गृहमंत्री अमित शाह ने आईपीएस प्रशिक्षुओं से आशा जताई कि वे देश की सुरक्षा और एकता को सुनिश्चित करते हुए पूरी निष्ठा के साथ राष्ट्र की सेवा करेंगे और उनकी राष्ट्र और कर्तव्य के प्रति कटिबद्धता हमारे युवाओं को भारतीय पुलिस सेवा में शामिल होने के लिए प्रेरित करेगी। गौरतलब है कि वर्ष 2018 बैच के प्रोबेशनरी आईपीएस अधिकारियों ने पिछले साल 7 अक्तूबर को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से नई दिल्ली में औपचारिक भेंट की थी। अमित शाह ने तब भी कहा था कि उन्हें इस बात पर गर्व होना चाहिए कि वे एक ऐसी सेवा से जुड़े हैं, जो निरंतर लोगों की संरक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित करने का काम करती है।
गृहमंत्री अमित शाह ने जनता के बीच पुलिस के बारे में सकारात्मक परिवर्तन लाने की आवश्यकता पर बल दिया। भारतीय पुलिस सेवा 2018 बैच के 131 प्रोबेशनरों में 28 महिला प्रोबेशनर हैं। इन अधिकारियों ने सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में बुनियादी पाठ्यक्रम चरण-1 के 42 सप्ताह पूरे कर लिए हैं। अपना फाउंडेशन कोर्स पूरा करने के बाद इन प्रोबेशनरों ने 17 दिसंबर 2018 को राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में प्रवेश किया था, यहां इन्हे बेसिक कोर्स प्रशिक्षण के दौरान प्रोबेशनरों को कानून, जांच-पड़ताल, फोरेंसिक, नेतृत्व एवं प्रबंधन, अपराध विज्ञान, सार्वजनिक व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा, नैतिकता और मानवाधिकार, आधुनिक भारतीय पुलिस व्यवस्था, फील्ड क्राफ्ट और युक्तियां, हथियार प्रशिक्षण और गोलाबारी जैसे विभिन्न इंडोर और आउटडोर विषयों का प्रशिक्षण दिया गया। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी और केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला भी वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से दीक्षांत परेड कार्यक्रम में शामिल हुए।