स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Wednesday 9 September 2020 01:50:20 PM
नई दिल्ली। रेल यात्री सेवाओं को फिरसे शुरू किए जाने के बाद दलाली गतिविधियों में बढ़ोतरी की आशंका को देखते हुए रेलवे सुरक्षा बल ने दलालों के खिलाफ कार्रवाई अभियान तेज कर दिया है। रेलवे सुरक्षा बल ने ‘रियल मैंगो’ कहे जाने वाले उस अवैध सॉफ्टवेयर के संचालन को नाकाम कर दिया है, जिसका इस्तेमाल पुष्ट (कन्फ़र्म) रेलवे आरक्षण को बेकार करने के लिए किया जाता था। आरपीएफ की फील्ड इकाइयों के दलालों के खिलाफ शुरू की गई कार्रवाई के दौरान 9 अगस्त 2020 को अवैध सॉफ्टवेयर रियल मैंगो के संचालन का पता चला था। उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर), पूर्वी रेलवे (ईआर) और पश्चिमी रेलवे (डब्ल्यूआर) की आरपीएफ इकाइयों ने कुछ संदिग्धों को पकड़ लिया और उनसे रियल मैंगो सॉफ्टवेयर के संचालन की प्रक्रिया को समझना शुरू किया। अवैध सॉफ्टवेयर के काम करने के व्यवस्थित तरीकों को समझने में यह पाया गया है कि रियल मैंगो सॉफ्टवेयर वी3 और वी2 कैप्चा को बायपास करता है।
रियल मैंगो सॉफ्टवेयर मोबाइल ऐप की मदद से बैंक ओटीपी से तालमेल कर लेता है और इसे जरूरी फॉर्म में स्वचालित रूपसे फीड कर देता है। यह सॉफ्टवेयर फॉर्म में स्वत: यात्री का विवरण और भुगतान संबंधी विवरणों को भरता है। सॉफ्टवेयर कई आईआरसीटीसी आईडी के माध्यम से आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर लॉग इन करता है। अवैध सॉफ्टवेयर पांच स्तरीय संरचना के माध्यम से बेचा जाता था जैसे-सिस्टम एडमिन और उनकी टीम, मावेंस, सुपर विक्रेता, विक्रेता और एजेंट। सिस्टम एडमिन बिटकॉइन में भुगतान प्राप्त कर रहा है। आरपीएफ़ की फील्ड इकाइयों ने इस अवैध सॉफ्टवेयर के संचालन में शामिल मुख्य सरगना और प्रमुख प्रबंधकों सहित अबतक 50 अपराधियों को पकड़ लिया है और उनके पास से 5 लाख से रुपये से अधिक मूल्य के टिकट जब्त किए हैं।
अवैध सॉफ्टवेयर रियल मैंगो के पांच प्रमुख संचालनकर्ताओं को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया गया है। सॉफ्टवेयर अब पूरी तरह से तहस-नहस कर दिया गया है। आरपीएफ़ ने दिसंबर 2019 से मार्च 2020 के बीच समंवित राष्ट्रव्यापी कार्रवाई का उल्लेख किया है, जिसमें 104 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया और एएनएमएस, रेड मिर्ची, ब्लैक टीएस, टिक-टॉक, आई-बॉल, रेड बुल, मैक, एन-जीईटी, साइकिल, स्टार-वी2 आदि जैसे कई अवैध सॉफ्टवेयर्स को नाकाम किया गया। आरपीएफ़ द्वारा दी गई सूचना से सीआरआईएस/ आईआरसीटीसी को पीआरएस सिस्टम में सुरक्षा सुविधाओं को मजबूत करने में मदद मिली, जिसके कारण सॉफ्टवेयर्स ने उस समय काम करना बंद कर दिया।