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Thursday 10 September 2020 04:51:51 PM
अंबाला। भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आज फ्रांस की रक्षामंत्री फ्लोरेंस पार्ली के साथ वायुसेना स्टेशन अंबाला में 17 स्क्वाड्रन गोल्डन एरो में समारोहपूर्वक लड़ाकू विमान राफेल का औपचारिक रूपसे अनावरण करते हुए उसे भारतीय वायुसेना बेड़े में शामिल कर लिया है। राफेल विमान का औपचारिक अनावरण पारंपरिक रूपसे आयोजित सर्व धर्म पूजा के साथ किया गया। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस अवसर पर कहा कि राफेल को वायुसेना में शामिल करने का यह ऐतिहासिक क्षण है और आईएएफ के इतिहास में यह मील का पत्थर है। उन्होंने कहा कि राफेल सौदा भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए परिवर्तनकारी घटना है और इसके शामिल होने से दुनिया और विशेष रूपसे भारत की सम्प्रभुता को चुनौती देने वालों को एक सख्त संदेश गया है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने किसी भी परिस्थिति में भारत की सम्प्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता से समझौता नहीं करने तथा इसके लिए हर संभव तैयारियां करने के दृढ़ संकल्प को दोहराया। उन्होंने कहा कि सेना के इरादे उतने ही मजबूत हैं, जितने हो सकते हैं। रक्षामंत्री ने चीन को सीमा उल्लंघन न करने की चेतावनी देते हुए कहा कि हमारी रक्षा की मजबूती का उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय शांति और स्थायित्व हासिल करना है, हम ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहते, जिससे वैश्विक शांति को खतरा पैदा हो सकता है, हम अपने पड़ोसियों और दुनिया के अन्य देशों से भी यही उम्मीद करते हैं। रक्षामंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक बड़ी प्राथमिकता है और यह उनके विज़न का ही परिणाम है कि हम रास्ते में आने वाली तमाम बाधाओं के बावजूद मजबूती से खड़े हुए हैं। राफेल के शामिल होने को भारत-फ्रांस सामरिक संबंधों की मजबूती का उदाहरण बताते हुए रक्षामंत्री ने कहा कि हमने रक्षा सहयोग के कई क्षेत्रों में मिलकर काम किया है, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण समझौते के तहत मझगांव डॉक्स में 6 स्कॉर्पीन पनडुब्बियों का निर्माण किया जा रहा है, इस भागीदारी के आधार पर पहली पनडुब्बी आईएनएस कलवारी 2017 में तैयार हो गई थी।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र और आईओआर में सामुद्रिक सुरक्षा और समुद्री डाकुओं की जैसी समान चुनौतियों से निपटने में भारत-फ्रांस सहयोग पर भी प्रकाश डाला। रक्षामंत्री ने भारत के रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में फ्रांस के निवेश की भी वकालत की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के आह्वान की प्रतिक्रिया में रणनीतिक भागीदारी मॉडल के अंतर्गत रक्षा उपकरणों का विनिर्माण, स्वचालित रूट से एफडीआई सीमा बढ़ाकर 74 प्रतिशत तक करना, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में दो रक्षा कॉरिडोर की स्थापना तथा ऑफसेट में सुधार जैसे कई नीतिगत सुधार किए गए हैं। उन्होंने कहा कि फ्रांस के रक्षा उद्योग को इसका फायदा मिलेगा और स्वदेशीकरण के हमारे सफर में फ्रांस हमारा भागीदार बना रहेगा। रक्षामंत्री ने हाल में एलएसी के निकट त्वरित और निर्णायक फैसले लेने के लिए आईएएफ कर्मचारियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि सीमा पर अग्रिम इलाकों में आईएएफ की संसाधनों की तैनाती से इस बात का भरोसा बढ़ा है कि भारतीय वायुसेना अपनी परिचालन जिम्मेदारियों को निभाने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान देश के प्रयासों में योगदान के लिए भी आईएएफ की सराहना की।
फ्रांस की रक्षामंत्री फ्लोरेंस पार्ली ने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय वायुसेना में राफेल का शामिल होना दोनों देशों के संबंधों की मजबूती का प्रतीक है, जो ठोस हैं और जरूरत पर हमेशा खरे साबित हुए हैं। उन्होंने कहा कि अब भारत एक विश्वस्तरीय क्षमता हासिल कर लेगा, जिससे उसको अविश्वसनीय सम्प्रभुता हासिल होगी और सामरिक लिहाज से पूरे क्षेत्र में अपनी रक्षा में बढ़त भी मिलेगी। उन्होंने बाकी 31 लड़ाकू विमानों की समय से डिलिवरी किए जाने का भी भरोसा दिलाया। फ्लोरेंस पार्ली ने कहा कि फ्रांस मेक इन इंडिया पहल के लिए पूर्ण रूपसे प्रतिबद्ध है और फ्रांस का उद्योग कई साल से रक्षा क्षेत्र में पनडुब्बी निर्माण जैसे कामों में ऐसा कर रहा है। गौरतलब है कि फ्रांस से पहले पांच राफेल एयरक्राफ्ट 27 जुलाई 2020 को एयर फोर्स स्टेशन अंबाला पहुंचे थे, जो 17 स्क्वाड्रन गोल्डन ऐरोज का हिस्सा बन गए हैं। राफेल और तेजस एयरक्राफ्ट के साथ सारंग एयरोबैटिक टीम के हवाई प्रदर्शन के बाद राफेल एयरक्राफ्ट को पारंपरिक वाटर कैनन से सलामी दी गई। समारोह के बाद भारतीय और फ्रांसीसी प्रतिनिधिमंडलों के बीच एक द्विपक्षीय बैठक भी हुई। इससे पहले दिल्ली पहुंचने पर फ्रांस की रक्षामंत्री फ्लोरेंस पार्ली को भव्य गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
राफेल के समारोह में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया, रक्षा सचिव डॉ अजय कुमार, सचिव (रक्षा उत्पादन) राजकुमार, सचिव (रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग) और डीआरडीओ चेयरमैन डॉ जी सतीश रेड्डी, रक्षा मंत्रालय और वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। फ्रांस के प्रतिनिधिमंडल में भारत में फ्रांस के राजदूत इमैनुअल लिनेइन, फ्रांस की वायुसेना के वाइस चीफ ऑफ द एयर स्टाफ एयर जनरल इरिक ऑतेलेट और वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। इसके अलावा दसॉ एविएशन के चेयरमैन और मुख्य कार्यकारी इरिक ट्रैपियर और एमबीडीए के सीईओ इरिक बेरंगर सहित फ्रांस के रक्षा उद्योग के वरिष्ठ पदाधिकारियों का एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल भी समारोह में मौजूद था।