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Thursday 17 September 2020 05:43:37 PM
श्रीनगर। आयकर विभाग ने श्रीनगर, गुलमर्ग, सोनमर्ग और पहलगाम में संचालित होटलों के एक कारोबारी के यहां छापेमारी और भारी मात्रा में जब्ती की कार्रवाई की है, जिसका एक होटल लेह में निर्माणाधीन भी है। छापेमारी के दौरान आयकर विभाग को जालसाजी के साक्ष्य के कई दस्तावेज़ एवं अन्य वस्तुएं मिली हैं, जिसके आधार पर पिछले छह वित्तीय वर्षों में होटल एवं आवास निर्माण में अवैध निवेश समेत लगभग 25 करोड़ की सम्पत्तियों को ज़ब्त कर लिया गया है। होटल कारोबारी ने आंकलन वर्ष 2014-15 से किसी भी तरह के कर का भुगतान भी नहीं किया। सभी निवेश नकद या अज्ञात श्रोतों से किए गए हैं।
तलाशी और छापेमारी के दौरान 25 करोड़ के असुरक्षित लोन से जुड़े कागजात मिलें हैं, जिसके अनुसार पिछले दो वर्ष में ऐसे लोगों से यह ऋण प्राप्त किए गए हैं, जिनके ऋण देने का औचित्य ही संदिग्ध है। प्रथम दृष्ट्या यह सभी लोन अवैध प्रतीत होते हैं, क्योंकि यह ऐसे व्यक्तियों से लिए गए हैं, जिनकी वित्तीय साख स्वयं संदिग्ध है। छापेमारी में यह भी पता चला है कि कारोबारी के बच्चे अमरीका में पढ़ रहे हैं, जिन पर प्रति वर्ष लगभग 25 लाख रूपये का खर्च आ रहा है। अमरीका में बच्चों की शिक्षा पर खर्च किए जा रहे इस पैसे के बारे में भी प्रथम दृष्ट्या कोई स्पष्टीकरण नहीं है। साथ ही यह व्यक्ति अपनी माँ के साथ ट्रस्ट के रूपमें एक बीएड कॉलेज भी चला रहा है। यह ट्रस्ट पंजीकृत नहीं है और ट्रस्ट का रिटर्न भी नहीं भरा जा रहा है, जबकि इससे होने वाली आय व्यापक कर योग्य आय है।
आयकर विभाग का कहना है कि इस कारोबारी ने यह स्वीकार किया है कि उसने अपने आवासीय भवन की मरम्मत पर 40 लाख रूपये खर्च किए हैं। जांच के दौरान एक बैंक लॉकर का भी पता चला है, जिसे अघोषित रखा गया था। आयकर विभाग ने एक अन्य मामले में श्रीनगर के एक जौहरी के यहां भी छापेमारी की है। जांच में पाया गया कि गहनों के कारोबारी ने अपने व्यापार के बहीखाते का हिसाब नहीं रखा है, जिसके गत वर्षों में व्यवसाय का आंकलन 2 से 10 करोड़ के बीच लगाया गया है। जांच के दौरान आयकर अधिकारियों को एक अघोषित बैंक खाते का भी पता चला है, जिसमें जौहरी ने करोड़ों रुपये जमा किए हैं, लेकिन इससे जुड़े कर का भुगतान नहीं किया गया है। उसने वित्तीय वर्ष 2015-16 में श्रीनगर में अपनी एक अचल संपत्ति 1.90 करोड़ में बेची थी, लेकिन इससे जुड़े कैपिटल गेन कर का भी भुगतान नहीं किया था। जौहरी की जांच के दौरान अधिकारियों को वित्तीय वर्ष 2019-20 में लीज़ पर दी गई दुकान की पगड़ी के रूप में लिए गए 16 लाख रुपए की रसीद भी प्राप्त हुई है।
आयकर विभाग ने बताया कि यह आयकर अधिनियम 1961 की धारा 269 एसएस के प्रावधान का उल्लंघन है। इस 16 लाख रुपये की नकदी के लेनदेन को व्यवसायी और दुकान लीज़ पर लेने वाले, दोनों ने स्वीकार किया। पट्टेदार ने भी 16 लाख रूपये के नकद लेन-देन की जानकारी छिपाई। अधिकारियों को इस दौरान पता चला कि जौहरी की पत्नी ने दिल्ली में अपने एक फ्लैट को वित्तीय वर्ष 2019-20 में 33 लाख रूपये में बेचा था, लेकिन इससे जुड़े कैपिटल गेन कर का भी भुगतान नहीं किया गया। इस संपत्ति की बिक्री में 33 लाख में 13 लाख रुपये नकद लिए गए थे जो आयकर अधिनियम 1961 की धारा 269 एसएस के प्रावधानों का उल्लंघन है। इस संपत्ति को खरीदने वाले की आय के श्रोतों का प्रथम दृष्टया खुलासा नहीं हुआ है। इसकी भी जांच की जा रही है। जांच के दौरान यह भी खुलासा हुआ है कि इस आरोपी की बेटी भी विदेश में रह कर पढ़ाई कर रही है, लेकिन उस पर आने वाले खर्च का ब्यौरा छिपाया गया है। दोनों मामलों की आगे की जांच जारी है।