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'खादी ब्रांड' नाम उपयोग करने पर कार्रवाई

फ्लिपकार्ट एमेजॉन व स्नैपडील पर केवीआईसी ने की कार्रवाई

ई-कॉमर्स पोर्टल्स ने खादी ब्रांड से नकली खादी उत्पाद हटाए

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 19 September 2020 06:23:23 PM

khadi and village industries commission logo

नई दिल्ली। खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) की सख्त कार्रवाई से एमेजॉन, फ्लिपकार्ट, स्नैपडील जैसे अन्य ई-कॉमर्स पोर्टल्स ने खादी ब्रांड नाम के तहत उत्पादों की बिक्री करने वाले अपने 160 से अधिक वेब लिंक को हटा दिया है। केवीआईसी ने एक बयान में जानकारी दी है कि एक हजार से अधिक उन कंपनियों को कानूनी नोटिस भेजा था, जो अपने उत्पादों को बेचने के लिए 'खादी इंडिया' ब्रांड नाम का उपयोग कर रही थीं। इस प्रकार वे खादी की प्रतिष्ठा को धूमिल कर रही थीं और खादी कारीगरों को उनके काम का नुकसान पहुंचा रही थीं। केवीआईसी के उस नोटिस के बाद ई-कॉमर्स प्‍लेटफॉर्मों ने यह पहल की है।
केवीआईसी ने कहा है कि उसके कानूनी नोटिस के बाद खादी ग्लोबल ने भी अपनी वेबसाइट www.khadiglobalstore.com से उन्हें बाहर कर दिया है और ट्विटर, फेसबुक एवं इंस्टाग्राम पर अपने सोशल मीडिया पेजों को भी हटा दिया है, साथ ही उसने ऐसी सभी सामग्री और उत्पाद को हटाने के लिए 10 दिन का समय मांगा है, जो खादी ब्रांड नाम का उपयोग कर रहे थे। केवीआईसी की इस कार्रवाई से देशभर में ऐसे कई स्टोर बंद हो गए हैं, जो नकली खादी उत्पादों को बेच रहे थे। ये ई-कॉमर्स पोर्टल खादी मास्क, हर्बल साबुन, शैंपू, सौंदर्य प्रसाधन, हर्बल मेहंदी, जैकेट, कुर्ता और खादी ब्रांड नाम का इस्तेमाल करने वाले विभिन्न विक्रेताओं के ऐसे तमाम उत्पादों की बिक्री कर रहे थे। इससे ऑनलाइन खरीदारों के बीच गलत धारणा बनाई जा रही थी कि ये वस्तुएं केवीआईसी की हैं। केवीआईसी ने कहा कि हटाए गए अधिकतर उत्पादों की बिक्री एक आयुष ई-ट्रेडर्स द्वारा की जा रही थी। इस फर्म ने केवीआईसी को पुष्टि की है कि उसने विभिन्न उत्पादों के लिए 140 लिंक हटा दिए हैं, जिन्हें 'वागड़ के खादी उत्पाद' के तौरपर बेचा जा रहा है।
केवीआईसी ने कहा कि खादी उत्पादों को खरीदने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद हाल के वर्ष में खादी की लोकप्रियता में कई गुना वृद्धि हुई है और ऐसे में खादी ट्रेडमार्क के उल्लंघन के मामले भी बढ़े हैं। इस अवसर का फायदा उठाने के लिए कई ऑनलाइन विक्रेताओं ने खादी के नाम पर विभिन्न उत्पादों की बिक्री शुरू कर दी। इसके अलावा विभिन्न शहरों में ऐसे सैकड़ों स्टोर खुल गए, जो नकली खादी उत्पादों की बिक्री कर रहे थे। हाल के महीनों में खासकर कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान इस तरह के फर्जी ऑनलाइन विक्रेताओं में काफी तेजी आई थी। हालांकि ऑनलाइन ग्राहकों को असली खादी उत्पादों की खरीदारी करने में समर्थ बनाने के लिए केवीआईसी ने www.kviconline.gov.in/khadimask पर 300 उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री के लिए अपना ई-पोर्टल लॉंच किया है।
केवीआईसी के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि केवीआईसी के खादी ब्रांड से फर्जी खादी उत्पादों की बिक्री करने वालों को चेतावनी दी गई है कि वे खादी के नाम पर उत्पादों को बेचना बंद करें अथवा भारी क्षतिपूर्ति के लिए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी। विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि खादी कारीगरों के हितों की रक्षा के लिए आवश्यक तौरपर विभिन्न फर्मों को कानूनी नोटिस जारी किए गए हैं। इस ट्रेडमार्क के उल्लंघन का सीधा असर हमारे कारीगरों की आजीविका पर पड़ता है, जो असली दस्तकारी के साथ खादी उत्पाद बना रहे हैं। केवीआईसी ने खादी इंडिया ट्रेडमार्क अधिकारों की प्रभावी तौरपर निगरानी करने के लिए एक दमदार ऑनलाइन प्रवर्तन योजना तैयार की है। इसके लिए उसने एक समर्पित कानूनी टीम तैनात की है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि खादी के नाम पर बेचे जाने वाले अनधिकृत उत्पादों की मानव और तकनीकी उपकरणों की मदद से लगातार निगरानी की जा रही है।
केवीआईसी खादी उत्पादों के विनिर्माण में लगे सभी पंजीकृत खादी संस्थानों को भी शिक्षित कर रहा है कि केवल केवीआईसी के साथ उनके पंजीकरण से उन्हें यह अधिकार नहीं मिल जाता कि वे खादी ट्रेडमार्क या खादी इंडिया लोगो का उपयोग करने के लिए किसी अन्य को अधिकृत कर सकें, बल्कि इसके लिए कंपनी को केवीआईसी से बकायदा लाइसेंस हासिल करने की आवश्यकता होगी। पिछले महीने केवीआईसी ने खादी के नाम से अनधिकृत तौरपर सौंदर्य प्रसाधनों एवं अन्य उत्पादों की बिक्री करने के लिए दो फर्मों-खादी इसेंशियल और खादी ग्लोबल को भी कानूनी नोटिस जारी किया था। केवीआईसी ने फैबइंडिया से 500 करोड़ रुपये का हर्जाना भी मांगा है, जिसके लिए मामला फिलहाल मुंबई उच्च न्यायालय में लंबित है।

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