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Tuesday 22 September 2020 06:01:18 PM
गुवाहाटी/ नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आईआईटी गुवाहाटी के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। ज्ञानम् विज्ञान सहितम् यत् ज्ञात्वा मोक्ष्यसे अशुभात् श्लोक उद्धृत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि विज्ञान सहित ज्ञान सभी समस्याओं को हल करने का एक प्रमुख साधन है। नरेंद्र मोदी ने गर्व से कहा कि आज आईआईटी जैसे संस्थान लगातार आगे बढ़ते हुए तरक्की कर रहे हैं और सेवा करने के लिए नवाचार की इस ऊर्जा ने हमारे देश को हजारों वर्ष तक जीवित रखा है। प्रधानमंत्री ने युवाओं से भविष्य के लिए तैयार रहने और भविष्य के लिए स्वस्थ रहने का आह्वान करते हुए कहा कि यह उनके सपने और आकांक्षाएं ही हैं जो भारत के भविष्य को आकार देते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुशी जताई कि आईआईटी गुवाहाटी ने पहले ही इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड महामारी के दौरान शैक्षणिक सत्रों को संचालित करने और अनुसंधान कार्य जारी रखने में कठिनाई होने के बावजूद देश को आत्मनिर्भर बनाने में संस्थान के योगदान की सराहना की। प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 21वीं सदी की जरूरतों और भारत को विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में वैश्विक रूपसे अग्रणी बनाने के लिए ही है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को बहु-विषयक बना दिया गया है, जो कि विभिन्न पाठ्यक्रमों को चुनने की सुविधा प्रदान करती है और कई प्रवेश और निकास बिंदुओं की अनुमति भी देती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति राष्ट्रीय अनुसंधान संस्थान को सभी फंडिंग एजेंसियों के साथ बेहतर समन्वय करने का प्रस्ताव देता है, जिससे सभी विषयों के लिए धन प्रदान किया जा सकता है, चाहे वह विज्ञान या मानविकी हो। प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत में अपने परिसरों को स्थापित करने की अनुमति देती है, जो भारतीय छात्रों को वैश्विक वातावरण प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत को विश्व के लिए प्रमुख शिक्षा गंतव्य के रूपमें स्थापित करेगा। नरेंद्र मोदी ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र भारत की एक्ट ईस्ट नीति का केंद्र है और दक्षिण पूर्व एशिया के साथ भारत के संबंधों का प्रवेश द्वार भी है, इन देशों के साथ संबंधों का मुख्य आधार संस्कृति, वाणिज्य, कनेक्टिविटी और क्षमता रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि शिक्षा एक और नया माध्यम बनने जा रहा है और आईआईटी गुवाहाटी इसका प्रमुख केंद्र बन सकता है, इससे पूर्वोत्तर क्षेत्र को भी एक नई पहचान मिलेगी। उन्होंने कहा कि जलमार्ग के क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए बहुत जोर दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने दीक्षांत समारोह में पीएचडी से सम्मानित 300 युवा छात्रों से अनुरोध किया कि वे देश की भलाई के लिए अपना शोध कार्य जारी रखें। नरेंद्र मोदी ने छात्रों से यह सोचने का आग्रह किया कि उनके शोध को इस क्षेत्र के विकास की संभावनाओं से किसी प्रकार से जोड़ा जा सकता है। प्रधानमंत्री ने आईआईटी गुवाहाटी से आपदा प्रबंधन और जोखिम में कमी लाने के लिए एक केंद्र स्थापित करने का आग्रह किया, ताकि यह क्षेत्र की आपदाओं से निपटने में विशेषज्ञता प्रदान कर सके।