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Thursday 24 September 2020 12:57:45 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि कोरोना मामलों की संख्या बढ़ रही है, क्योंकि देश में प्रतिदिन 10 लाख से अधिक कोविड-19 के परीक्षण किए जा रहे हैं, साथ ही मरीजों के ठीक होने की दर भी बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस का मुकाबला करने के लिए स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे को और भी प्रभावी बनाए जाने की आवश्यकता है, मामलों का पता लगाने यानी ट्रैकिंग और ट्रेसिंग के लिए तंत्र बेहतर करने तथा और अच्छी प्रशिक्षण व्यवस्था की जरूरत है। उन्होंने घोषणा की कि कोविड-19 संबंधी स्वस्थ्य ढांचा मजबूत करने के लिए राज्य आपदा राहत कोष का उपयोग 35 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस फैसले से राज्यों को कोरोना से मुकाबले में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने राज्यों से कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए स्थानीय स्तरपर एक-दो दिन का लॉकडाउन लगाने और उसके प्रभावों का आकलन करने का सुझाव दिया, बशर्ते राज्य में आर्थिक गतिविधियों पर इसका नकारात्मक प्रभाव न पड़े। उन्होंने कहा कि हमें न सिर्फ कोरोना वायरस से लड़ाई जारी रखनी है, बल्कि आर्थिक मोर्चे पर भी मजबूती से आगे बढ़ना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, दिल्ली, पंजाब, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों से कोविड-19 की स्थिति और तैयारियों की वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से समीक्षा की। प्रधानमंत्री ने आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की दूसरी वर्षगांठ का उल्लेख करते हुए कहा कि इन 2 वर्ष में 1.25 करोड़ गरीब मरीजों को मुफ्त में इलाज की सुविधा मिली है। उन्होंने चिकित्सकों और चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े कर्मियों द्वारा गरीबों को दी जा रही अनवरत सेवाओं के लिए प्रशंसा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि आंध्र प्रदेश में राज्य सरकार और लोगों के बीच बेहतर समन्वय के चलते स्थितियों में सुधार हुआ है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि राज्य टेस्टिंग, ट्रेसिंग पर प्रभावी उपाय करते रहें और घरों पर आइसोलेशन में रहने वाले कोविड-19 मरीजों के स्वास्थ्य की निरंतर निगरानी का तंत्र विकसित किया जाए। प्रधानमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र में जिन 20 जिलों में सबसे ज्यादा कोविड-19 मामले हैं, उनपर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने आरटी-पीसीआर परीक्षण राज्य में वर्तमान समय में सबसे अधिक प्रभावित जिलों वर्तमान क्षमता से 5 गुना बढ़ाने का सुझाव दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कर्नाटक ने ट्रेसिंग और ट्रैकिंग के लिए एक वैज्ञानिक व्यवस्था विकसित की है, जिससे राज्य को व्यापक रूपमें फायदा पहुंचा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य में जिन 9 जिलों में मृत्यु दर सबसे ज्यादा है, वहां तत्काल आवश्यक कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आरटी-पीसीआर परीक्षण वर्तमान स्तर से 3 गुना बढ़ाने, प्रभावी निगरानी और संपर्कों का पता लगाने तथा मास्क लगाने और साफ-सफाई को लेकर आ रहे व्यवहार में बदलाव के संबंध में भी ध्यान केंद्रित किए जाने की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार के संयुक्त प्रभाव के चलते दिल्ली में स्थितियां नियंत्रण में आईं। उन्होंने सुझाव दिया कि आरटी-पीसीआर टेस्ट बढ़ाए जाने की आवश्यकता है, यह टेस्ट उन सभी लोगों का भी किया जाना आवश्यक है, जो एंटीजन टेस्ट में नेगेटिव पाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने पंजाब की स्थिति पर कहा कि शुरुआती समय में पंजाब कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने में सफल था, लेकिन अब स्थितियां बिगड़ी हैं। उन्होंने कहा कि कोविड के चलते ज्यादातर मौतों की वजह मरीजों का देर से अस्पताल पहुंचना है, राज्य को जागरुकता अभियान चलाना चाहिए, ताकि चुनौतियों का बेहतर ढंग से सामना किया जा सके।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु का जिक्र किया और कहा कि राज्य बड़े पैमाने पर परीक्षण और मामलों का पता लगाने की अपनी रणनीति के चलते हर दिन आने वाले मामलों की संख्या को स्थिर करने और उसे कम करने में सफल हुआ है। उन्होंने राज्य के 7 जिलों में मृत्यु दर कम किए जाने पर ध्यान देने की आवश्यकता बताई। प्रधानमंत्री ने कहा कि टेलीमेडिसिन के लिए राज्य ने ई-संजीवनी एप्लीकेशन का अच्छा इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु का अनुभव निश्चित रूपसे अन्य राज्यों के लिए भी लाभकारी सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है, जहां बीते दिनों में बड़े पैमाने पर प्रवासी मजदूर वापस लौटे थे, इन स्थितियों के बीच भी राज्य परीक्षण बढ़ाकर स्थिति को प्रभावी रूपसे नियंत्रित करने में सफल रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि राज्य संपर्कों का पता लगाने पर युद्धस्तर पर काम करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य में 16 जिले ऐसे हैं, जहां हर दिन 100 से ज्यादा मामले आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अत्यधिक प्रभावित क्षेत्रों की मैपिंग और मास्क तथा 2 गज दूरी के नियम का पालन करने के बारे में लोगों को निरंतर जागरुक करने पर ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रभावी परीक्षण, संपर्कों का पता लगाने, मरीजों का इलाज करने, निगरानी और स्पष्ट संदेश संप्रेषित करने की व्यवस्था को और बेहतर करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि एसिंप्टोमेटिक प्रकृति के चलते परीक्षण को लेकर संदेह न बढ़े इसके लिए प्रभावी संदेश संप्रेषण की व्यवस्था को प्रभावी करने की आवश्यकता है। उन्होंने दैनिक आधार पर मास्क का उपयोग करने की आदत विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने राज्यों के बीच वस्तुओं और सेवाओं के निर्बाध आवागमन सुनिश्चित किए जाने की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों में हाल में ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में बाधा सामने आई है, जबकि मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करना इस समय की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने संपूर्ण राज्य में दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में आने वाली बाधाओं को भी दूर करने को कहा। बैठक में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि देश ने कोरोना का मुकाबला करने की दिशा में लॉकडाउन के समय अपने स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाया है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव ने विस्तृत प्रस्तुति दी, जिसमें उन्होंने बताया कि देश के कुल कोविड-19 मामलों में 62 प्रतिशत मामले 7 राज्यों मैं है और कोविड-19 के चलते हुई कुल मौतों में 77 प्रतिशत मौतें इन्हीं 7 राज्यों में हैं। इस प्रस्तुति में 7 राज्यों के उन जिलों को रेखांकित किया गया जहां पर कोरोनावायरस के सबसे ज्यादा मामले हैं, परीक्षण ज्यादा किए गए हैं, मृत्यु दर ज्यादा है और परीक्षण में पॉजिटिव आने वाले मामलों की दर भी ज्यादा है। उन्होंने अपने-अपने राज्य में कोविड-19 के संक्रमण को रोकने की दिशा में आने वाली चुनौतियों, तैयारियों और अबतक विकसित किए गए स्वास्थ्य ढांचे के बारे में उन्हें जानकारी दी। उन्होंने लोगों में जागरुकता फैलाने, मृत्यु दर कम करने, पोस्ट कोविड केयरक्लीनिक शुरू करने, परीक्षण बढ़ाने सहित अबतक के प्रयासों के बारे में भी उन्हें जानकारी दी। मुख्यमंत्रियों ने कोरोना महामारी आपदा के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा की।