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'फेसलेस इनकम टैक्स अपील्‍स' का शुभारंभ

विभाग के समक्ष करदाता की व्‍यक्तिगत उपस्थिति जरूरी नहीं

करदाता की सहूलियत के लिए आयकर विभाग ने किए सुधार

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 25 September 2020 06:13:14 PM

income tax department logo

नई दिल्ली। आयकर विभाग ने ‘फेसलेस इनकम टैक्स अपील्‍स’ का शुभारंभ किया है, इसके तहतसभी आयकर अपील को फेसलेस परिवेश या माहौल में फेसलेस (टैक्‍स अधिकारी के समक्ष करदाता की व्‍यक्तिगत उपस्थिति जरूरी नहीं) तरीके से अंतिम रूप दिया जाएगा। हालांकि इनमें गंभीर धोखाधड़ि‍यों, व्‍यापक कर चोरी, संवेदनशील एवं तलाशी से जुड़े मामलों, अंतर्राष्ट्रीय कर और काला धन अधिनियम से संबंधित अपील शामिल नहीं हैं। इस बारे में आवश्यक राजपत्र अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र ने 13 अगस्त 2020 को ‘पारदर्शी कराधान-ईमानदार का सम्मान’ प्‍लेटफॉर्म के हिस्से के रूपमें फेसलेस असेसमेंट और टैक्‍सपेयर्स चार्टर का शुभारंभ करते हुए पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर 25 सितंबर 2020 को ‘फेसलेस अपील्‍स’ का शुभारंभ करने की घोषणा की थी। हाल के वर्षों में आयकर विभाग ने कर प्रक्रियाओं के सरलीकरण और करदाताओं के लिए अनुपालन में आसानी सुनिश्चित करने के लिए प्रत्यक्ष करों में कई सुधार लागू किए हैं।
आयकर विभाग में फेसलेस अपील्स के तहत अबसे आयकर अपील के अंतर्गत ई-आवंटन, नोटिस या प्रश्नावली के ई-संचार, ई-सत्यापन या ई-पूछताछ से लेकर ई-सुनवाई और आखिर में अपीलीय आदेश के ई-संचार तक सबकुछ यानी अपील की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी, जिसके तहत अपीलकर्ता और विभाग के बीच किसी भी तरह की व्‍यक्तिगत उपस्थिति की आवश्यकता नहीं होगी। करदाताओं या उनके परामर्शदाताओं या अधिवक्‍ताओं और आयकर विभाग के बीच आमने-सामने बैठकर कोई वार्तालाप नहीं होगा। करदाता अपने घर से ही समस्‍त कागजात प्रस्‍तुत कर सकते हैं और इस तरह से अपने बहुमूल्‍य समय एवं संसाधनों को बचा सकते हैं। फेसलेस अपील्‍स प्रणाली में गतिशील क्षेत्राधिकार के तहत डेटा एनालिटिक्स और एआई के माध्यम से मामलों का आवंटन करना शामिल होगा और नोटिसों को केंद्रीकृत तरीके से जारी करने की व्‍यवस्‍था होगी, जिसपर दस्तावेज पहचान संख्या (डिन) अंकित होगी। गतिशील क्षेत्राधिकार के हिस्‍से के रूपमें मसौदा अपीलीय आदेश जिस शहर में तैयार किया जाएगा, उसकी समीक्षा उसी शहर में नहीं, बल्कि किसी और शहर में की जाएगी, जिसके परिणामस्वरूप निष्पक्ष, उचित और न्यायसंगत ऑर्डर जारी करना संभव हो पाएगा।
आयकर विभाग का कहना है कि फेसलेस अपील से न केवल करदाताओं को काफी सहूलियत होगी, बल्कि निष्‍पक्ष एवं न्यायसंगत अपील आदेशों को भी सुनिश्चित किया जा सकेगा और आगे की मुकद्मेबाजी भी कम हो जाएगी। नई प्रणाली आयकर विभाग के कामकाज में अधिक दक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने में भी काफी सहायक होगी। सीबीडीटी के पास उपलब्‍ध आंकड़ों के अनुसार आज की तारीख में विभाग में आयुक्त (अपील) के स्तरपर लगभग 4.6 लाख अपील लंबित हैं, इनमें से लगभग 4.05 लाख अपील यानी कुल अपीलों में से लगभग 88 प्रतिशत अपील का निपटान फेसलेस अपील व्‍यवस्‍था के तहत किया जाएगा और आयुक्तों (अपील) की कुल वर्तमान संख्‍या के लगभग 85 प्रतिशत का उपयोग फेसलेस अपील व्‍यवस्‍था के तहत मामलों के निपटारे के लिए किया जाएगा।

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