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Monday 28 September 2020 05:28:06 PM
नई दिल्ली। भारत सरकार ने पारिवारिक पेंशन पाने के लिए तलाकशुदा बेटियों के लिए पेंशन नियमों में ढील दे दी है। अब तलाकशुदा बेटियां भी पारिवारिक पेंशन की हकदार हो गई हैं, भले ही उनका तलाक अंतिम रूपसे नहीं हुआ हो, लेकिन तलाक की याचिका उसके मृत माता-पिता कर्मचारी या पेंशनभोगी के जीवनकाल के दौरान ही उसके द्वारा दायर कर दी गई हो। केंद्रीय कार्मिक एवं पेंशन राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग के कुछ महत्वपूर्ण सुधारों के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि पहले के नियमों में तलाकशुदा बेटी को पारिवारिक पेंशन के भुगतान का प्रावधान तभी था, जब तलाक उसके मृत माता-पिता कर्मचारी या पेंशनभोगी या उसकी पत्नी या पति के जीवनकाल के दौरान ही हो गया हो।
पेंशन राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि नया परिपत्र न केवल पेंशन प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के जीवन में सुगमता लाएगा, बल्कि तलाकशुदा बेटियों के लिए समाज में सम्मानजनक एवं समान अधिकार भी सुनिश्चित करेगा। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि किसी दिव्यांग शिशु या उसके भाई बहन को पारिवारिक पेंशन की मंजूरी के लिए भी आदेश जारी कर दिए गए हैं, भले ही दिव्यांग प्रमाणपत्र पेंशनभोगी माता-पिता की मृत्यु के बाद प्रस्तुत किया गया हो, लेकिन विकलांगता माता पिता की मृत्यु से पहले ही हो गई हो। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार दिव्यांग पेंशनभोगियों के जीवन में सुगमता लाने के लिए सहायक के लिए परिचारक भत्ता भी 4,500 रुपये प्रति महीने से बढ़ाकर 6,700 रुपये कर दिया गया है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि पेंशन विभाग ने डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र के संबंध में सर्वाधिक उल्लेखनीय पहल की है।
गौरतलब है कि ऐसे वरिष्ठ नागरिकों के सामने आने वाली समस्याओं को ध्यान में रखते हुए जो सेवानिवृत्ति के बाद अपने बच्चों के साथ विदेशों में चले गए हैं और वहीं बस गए हैं, उनके लिए जीवन प्रमाणपत्र उपलब्ध कराने एवं पारिवारिक पेंशन आरंभ करने पर समेकित निर्देशों पर परिपत्र लाया गया है, जिससे संबंधित बैंक की विदेशी शाखाओं तथा भारतीय दूतावास या वाणिज्य दूतावास या उच्चायोग को वहीं जीवन प्रमाणपत्र उपलब्ध कराने एवं पारिवारिक पेंशन आरंभ करने के निर्देश दिए गए हैं। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि इसी के साथ-साथ सभी पेंशन संवितरण बैंकों को उन पेंशनभोगियों के लिए उनके दरवाजे पर ही जीवन प्रमाणपत्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं, जो बैंक जा पाने में असमर्थ हैं।