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Tuesday 29 September 2020 04:25:33 PM
देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से नमामि गंगे अभियान के तहत उत्तराखंड में छह मेगा परियोजनाओं का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने चार धाम की पवित्रता को अपने में समेटे देवभूमि उत्तराखंड की धरा को नमन करते हुए कार्यक्रम में कहा कि आज मां गंगा की निर्मलता को सुनिश्चित करने वाले 6 बड़े प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण किया गया है, इसमें हरिद्वार, ऋषिकेश, बद्रीनाथ और मुनी की रेती में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और म्यूजियम जैसे प्रोजेक्ट्स भी शामिल हैं। उन्होंने जल जीवन मिशन के लोगो और मिशन मार्गदर्शिका का भी विमोचन किया। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन भारत के हर घर तक शुद्ध जल पाइप से पहुंचाने का बहुत बड़ा अभियान है और इसका लोगो निरंतर इस बात की प्रेरणा देगा कि पानी की एक-एक बूंद को बचाना आवश्यक है, वहीं मार्गदर्शिका गांव के लोगों, ग्राम पंचायत के लिए भी उतनी ही जरूरी है, जितनी सरकारी मशीनरी के लिए आवश्यक है, ये परियोजना की सफलता सुनिश्चित करने का बहुत बड़ा माध्यम है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि गंगा हमारे सांस्कृतिक वैभव, आस्था और विरासत का बहुत बड़ा प्रतीक है, उत्तराखंड में उद्गम से लेकर पश्चिम बंगाल में गंगा सागर तक गंगा देश की करीब-करीब आधी आबादी के जीवन को समृद्ध करती है, इसलिए गंगा की निर्मलता और अविरलता आवश्यक है। उन्होंने कहा कि बीते दशकों में गंगा जल की स्वच्छता को लेकर बड़े-बड़े अभियान शुरू हुए, लेकिन उन अभियानों में न तो जनभागीदारी थी और न ही दूरदर्शिता, नतीजा ये हुआ कि गंगा का पानी कभी साफ ही नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि हमने नमामि गंगे मिशन को सिर्फ गंगा की साफ-सफाई तक ही सीमित नहीं रखा, बल्कि इसे देश का सबसे बड़ा और विस्तृत नदी संरक्षण कार्यक्रम बनाया, चारों दिशाओं में एकसाथ काम आगे बढ़ाया है, पहला-गंगा जल में गंदा पानी गिरने से रोकने के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों का जाल बिछाना शुरू किया, दूसरा-सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट ऐसे बनाए, जो अगले 10-15 साल की भी जरूरतें पूरी कर सकें, तीसरा-गंगा नदी के किनारे बसे सौ बड़े शहरों व पांच हजार गांवों को खुले में शौच मुक्त करना और चौथा-जो गंगा की सहायक नदियां हैं, उनमें भी प्रदूषण को रोकना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत 30 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाओं पर या तो काम चल रहा है या फिर पूरा हो चुका है, आज जिन प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण किया गया है, उनके साथ ही उत्तराखंड में अभियान के तहत चल रहे करीब-करीब सभी बड़े प्रोजेक्ट्स पूरे हो चुके हैं, हज़ारों करोड़ के प्रोजेक्ट्स से सिर्फ 6 साल में ही उत्तराखंड में सीवेज ट्रीटमेंट की क्षमता 4 गुना हो चुकी है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में तो स्थिति ये थी कि गंगोत्री, बद्रीनाथ, केदारनाथ से हरिद्वार तक 130 से ज्यादा नाले गंगा में गिरते थे, इनमें से अधिकतर को रोक दिया गया है, इसमें ऋषिकेश से सटेमुनि की रेती का चंद्रेश्वर नगर नाला भी शामिल है, जिसके कारण यहां गंगाजी के दर्शन के लिए आने वाले और राफ्टिंग करने वालों को बहुत परेशानी होती थी। उन्होंने कहा कि हरिद्वार में भी ऐसे 20 से ज्यादा नालों को बंद किया जा चुका है, प्रयागराज कुंभ में गंगा की निर्मलता को दुनियाभर के श्रद्धालुओं ने अनुभव किया था, अब हरिद्वार कुंभ के दौरान भी पूरी दुनिया को निर्मल गंगा स्नान का अनुभव होने वाला है और उसके लिए लगातार प्रयास चल रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नमामि गंगे मिशन के तहत ही गंगाजी पर सैकड़ों घाटों का सुंदरीकरण किया जा रहा है और गंगा विहार के लिए आधुनिक रिवरफ्रंट के निर्माण का कार्य भी किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हरिद्वार में तो रिवरफ्रंट बनकर तैयार है, अब गंगा म्यूजियम के बनने से यहां का आकर्षण और अधिक बढ़ जाएगा, ये म्यूजियम हरिद्वार आने वाले पर्यटकों के लिए गंगा से जुड़ी विरासत को समझने का एक माध्यम बनने वाला है। उन्होंने कहा कि गंगा की स्वच्छता के अलावा अब गंगा से सटे पूरे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था और पर्यावरण के विकास पर भी फोकस है, भारत सरकार ने उत्तराखंड सहित सभी राज्यों के किसानों को जैविक खेती, आयुर्वेदिक पौधों की खेती का लाभ दिलाने के लिए व्यापक योजना बनाई है, गंगाजी के दोनों ओर पेड़-पौधे लगाने के साथ ही ऑर्गेनिक फार्मिंग से जुड़ा कॉरिडोर भी विकसित किया जा रहा है, गंगा जल को बेहतर बनाने के इन कार्यों को अब मैदानी इलाकों में मिशन डॉल्फिन से भी मदद मिलने वाली है, इसी 15 अगस्त को मिशन डॉल्फिन का ऐलान किया गया है, ये मिशन गंगा जी में डॉल्फिन संवर्धन के काम को और मजबूत करेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे यहां तो हालत ये थी कि पानी जैसा महत्वपूर्ण विषय अनेकों मंत्रालयों और विभागों में बिखरा पड़ा था बंटा हुआ था, इन मंत्रालयों में, विभागों में न कोई तालमेल था और न ही समान लक्ष्य के लिए काम करने का कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश। नतीजा ये हुआ कि देश में सिंचाई हो या फिर पीने के पानी से जुड़ी समस्या निरंतर विकराल होती गई। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन समस्याओं को दूर करने के लिए देश की पानी से जुड़ी सारी चुनौतियों पर एकसाथ ऊर्जा लगाने के लिए ही जलशक्ति मंत्रालय का गठन किया गया और बहुत ही कम समय में जलशक्ति मंत्रालय ने तेजी से काम संभाला है, पानी से जुड़ी चुनौतियों के साथ अब ये मंत्रालय देश के गांवों में हर घर तक जल पहुंचाने के मिशन में जुटा हुआ है, आज जल-जीवन मिशन के तहत हर दिन करीब-करीब 1 लाख परिवारों को शुद्ध पेयजल की सुविधा से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने खुशी जताई कि उत्तराखंड सरकार ने साल 2022 तक राज्य के हर घर तक जल पहुंचाने का लक्ष्य रखा है, कोरोना के इस कालखंड में भी उत्तराखंड में बीते 4-5 महीने में 50 हज़ार से अधिक परिवारों को पानी के कनेक्शन दिए जा चुके हैं, ये उत्तराखंड सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जलजीवन मिशन गांव और गरीब के घर तक पानी पहुंचाने का तो अभियान है ही ये एक प्रकार से ग्राम स्वराज को गांव के सशक्तिकरण को उसके लिए भी एक नई ऊर्जा नई ताकत नई बुलंदी देने वाला अभियान है। उन्होंने बताया कि जल जीवन मिशन इस 2 अक्टूबर गांधी जयंती से एक और अभियान शुरू करने जा रहा है, 100 दिन का एक विशेष अभियान, जिसके तहत देश के हर स्कूल और हर आंगनबाड़ी में नल से जल को सुनिश्चित किया जाएगा। इस अवसर पर उत्तराखंड की गवर्नर बेबीरानी मौर्या, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, डॉ रमेश पोखरियाल निशंक, रतनलाल कटारिया, अधिकारी और जनप्रतिनिधि भी उपस्थित थे।