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Thursday 1 October 2020 03:12:06 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने जीएसआर 594 (ई) के तहत सड़क हादसे के वक्त मदद करने वालों की सुरक्षा के लिए संरक्षण नियम प्रकाशित किए हैं, जिनमें उन्हें गुड स्मार्टियन का अधिकार प्रदान किया गया है। इनके तहत गुड स्मार्टियन से धर्म, राष्ट्रीयता, जाति या लिंग के आधार पर किसी भी भेदभाव के बिना सम्मानपूर्वक व्यवहार किया जाएगा। कोई भी पुलिस अधिकारी या कोई अन्य व्यक्ति अपने नाम, पहचान, पता या ऐसे किसी भी व्यक्तिगत विवरण का खुलासा करने के लिए एक गुड स्मार्टियन को मजबूर नहीं करेगा, वह स्वेच्छा से कोई जानकारी देने का विकल्प चुन सकता है।
सुरक्षा नियम यह भी है कि प्रत्येक सार्वजनिक और निजी अस्पताल प्रवेश द्वार या अन्य विशिष्ट स्थान पर और अपनी वेबसाइट पर हिंदी, अंग्रेजी और स्थानीय भाषा में एक चार्टर प्रकाशित करेगा और अधिनियम एवं बनाए गए नियम के तहत गुड स्मार्टियन के अधिकारों को बताएंगे। इसके अलावा यदि कोई व्यक्ति स्वेच्छा से उस मामले में गवाह बनने के लिए सहमत हो गया है, जिसमें उसने एक गुड स्मार्टियन के रूपमें काम किया है तो उसे इस नियम के प्रावधानों के अनुसार जांच की जाएगी, जिसके लिए नियमों में विस्तृत दिशा-निर्देश और प्रक्रिया का उल्लेख किया गया है।
उल्लेखनीय है कि मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम-2019 ने एक नई धारा 134ए अर्थात गुड स्मार्टियन का संरक्षण डाला गया है, जो यह बताता है कि एक गुड स्मार्टियन मोटर वाहन से जुड़े किसी दुर्घटना के शिकार व्यक्ति की मृत्यु या मृत्यु के लिए किसी भी नागरिक या आपराधिक कार्रवाई के लिए उत्तरदायी नहीं होगा, जहां आपातकालीन चिकित्सा या गैर-चिकित्सा देखभाल या सहायता प्रदान करते समय कार्रवाई करने में असफल रहने या कार्रवाई करने में गुड स्मार्टियन की लापरवाही के कारण ऐसी चोट या मृत्यु हुई है और यह कि केंद्र सरकार के नियमों के आधार पर गुड स्मार्टियन के व्यक्तिगत सूचना का खुलासा और इससे संबंधित मामलों के लिए गुड स्मार्टियन से पूछताछ या जांच कर सकती है।