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Friday 9 October 2020 04:13:55 PM
नई दिल्ली। भारत सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने जम्मू एवं कश्मीर, लद्दाख, पूर्वोत्तर क्षेत्र और अंडमान निकोबार द्वीप समूह की यात्रा करने के लिए सरकारी कर्मचारियों की अवकाश यात्रा के प्रावधानों में छूट दे दी है। केंद्रीय सिविल सेवा (एलटीसी) नियम 1988 में सरकारी सेवकों को इन क्षेत्रों की यात्रा की अनुमति देने वाली इस योजना को दो साल के लिए 25 सितंबर 2022 तक बढ़ा दिया गया है। केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने बताया कि इसके परिणामस्वरूप एक पात्र सरकारी अधिकारी गृहनगर की एक एलटीसी के बदले जम्मू एवं कश्मीर, पूर्वोत्तर क्षेत्र, लद्दाख और अंडमान निकोबार जाने के लिए एलटीसी का लाभ उठा सकता है।
कार्मिक राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस सुविधा की पात्रता नहीं रखने वाले सरकारी कर्मचारियों को जम्मू एवं कश्मीर, पूर्वोत्तर क्षेत्र, लद्दाख और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह जाने के लिए हवाई यात्रा की सुविधा उपलब्ध होगी, एक और सुविधा के रूपमें निजी एयरलाइंस से भी इन क्षेत्रों की यात्रा की अनुमति दी जा रही है, जबकि एक सरकारी कर्मचारी से आमतौर पर राज्य के स्वामित्व वाली एयर इंडिया से यात्रा करने की अपेक्षा की जाती है। डॉ जितेंद्र सिंह ने इसे सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बहुत बड़ी और विशेष सुविधा बताते हुए कहा कि सभी पात्र सरकारी कर्मचारी चार साल के एक ब्लॉक में जम्मू एवं कश्मीर या पूर्वोत्तर क्षेत्र या इनमें से किसी भी एक क्षेत्र में जाने के लिए इस एलटीसी का लाभ उठा सकते हैं। हालांकि वैसे सरकारी कर्मचारी, जिनके गृहनगर और पोस्टिंग के स्थान समान हैं को इस रूपांतरण की अनुमति नहीं होगी।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि वैसे सरकारी कर्मचारी जो अन्यथा हवाई यात्रा करने के पात्र नहीं हैं, उन्हें भी इस योजना के मानदंडों के तहत किसी भी एयरलाइंस में इकोनॉमी क्लास में एलटीसी-80 स्कीम की अधिकतम किराया सीमा के अधीन हवाई यात्रा करने की अनुमति दी जाएगी। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि जब से नरेंद्र मोदी ने 2014 में सत्ता संभाली तो उनका यह निर्देश था कि दूर-दराज और दुर्गम इलाकों को प्राथमिकता दी जाए और इन इलाकों में जीवन जीने तथा शासन में आसानी के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएं।