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Monday 12 October 2020 04:48:22 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार प्रौद्योगिकी, शिक्षा एवं संचार राज्यमंत्री संजय धोत्रे की उपस्थिति में आज आईआईएससी बंगलौर, आईआईटी कानपुर, आईआईटी रुड़की, आईआईटी हैदराबाद, आईआईटी गुवाहाटी, आईआईटी मंडी, आईआईटी गांधीनगर, एनआईटी त्रिची, एनएबीआई मोहाली और आईआईटी मद्रास में एचपीसी और एआई में प्रशिक्षण हेतु एनएसएम नोडल सेंटरों, आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी गोवा और आईआईटी पलक्कड़ में एसेंबली एवं विनिर्माण सहित सुपरकंप्यूटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना के लिए सी-डैक के महानिदेशक डॉ हेमंत दरबारी और नेशनल सुपरकम्यूटिंग मिशन होस्ट इंस्टीट्यूट्स के निदेशक ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
राज्यमंत्री संजय धोत्रे ने इस अवसर पर कहा कि भारत की विज्ञान और इंजीनियरिंग में चुनौतियों और वास्तविक जीवन की जटिल समस्याओं को सुलझाने के उद्देश्य से शैक्षणिक, उद्योग, वैज्ञानिक और अनुसंधान समुदाय, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम, स्टार्ट-अप्स को आवश्यक कम्प्यूटेशनल शक्ति प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय सुपर कंप्यूटिंग मिशन की स्थापना की गई थी। उन्होंने बताया कि सी-डैक ने पहले ही आईआईटी बीएचयू, आईआईटी खड़गपुर, आईआईएसईआर पुणे और जेएनसीएएसआर बैंगलोर में सुपरकंप्यूटिंग इकोसिस्टम की स्थापना की है, अब भारत में विनिर्माण के साथ कम्प्यूटेशनल विज्ञान तकनीकों का उपयोग करते हुए अनुसंधान और नवाचार की गति को तेज करना, सर्वर बोर्ड, इंटरकनेक्ट, रैक पावर कंट्रोलर और हाइड्रोलिक कंट्रोलर जैसे क्रिटिकल सुपरकंप्यूटिंग घटक, डायरेक्ट लिक्विड कूल्ड डाटासेंटर, एचपीसीटीसी स्टैक आत्मनिर्भर भारत की ओर एक कदम है।
सी-डैक के महानिदेशक डॉ हेमंत दरबारी ने कहा कि आईआईएससी, आईआईटी, एनआईटी, एनएबीआई जैसे प्रमुख राष्ट्रीय शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थान विशिष्ट हैं और अपनी तकनीकी विशेषज्ञता के लिए विश्वस्तर पर प्रसिद्ध हैं। उन्होंने कहा कि भारत की क्षमता को बढ़ाने, अत्याधुनिक सुपरकंप्यूटिंग सुविधाओं के साथ वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को सशक्त बनाने, वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता प्राप्त करने और सुपरकंप्यूटिंग प्रौद्योगिकी के रणनीतिक क्षेत्र में आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने के लिए अपने प्रयासों में उनके साथ साझेदारी करने में हमें गर्व है। उन्होंने कहा कि हमारा मिशन नवीन डिजाइनों, विघटनकारी प्रौद्योगिकियों और विशेषज्ञ मानव संसाधन के साथ भरोसेमंद और सुरक्षित एक्सा-स्केल इको-सिस्टम की स्थापना करना है।
डॉ हेमंत दरबारी ने कहा कि अपने स्वदेशी हार्डवेयर को विकसित करने के लिए एक्सा-स्केल चिप डिजाइन, डिजाइन और एक्सा-स्केल सर्वर बोर्ड का निर्माण, एक्सा-स्केल इंटरकनेक्ट और स्टोरेज सहित सिलिकॉन-फोटोनिक्स सहित सी-डैक में आत्मनिर्भर भारत के अनुसार पूर्ण आत्मनिर्भरता हासिल करना है। इस दौरान इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी सचिव अजय प्रकाश साहनी, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में विशेष ज्योति अरोड़ा, अपर सचिव डॉ राजेंद्र कुमार, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, सी-डैक एवं होस्ट इंस्टीट्यूटस केवरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।