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Sunday 18 October 2020 12:56:15 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में कोविड-19 महामारी, कोविड के टीके की सुपुर्दगी, वितरण और उसे लगाने संबंधी तैयारियों की समीक्षा बैठक की। बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य), प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार, वरिष्ठ वैज्ञानिक, प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारी और भारत सरकार के संबंधित विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया। प्रधानमंत्री ने कोविड की वृद्धि दर में लगातार गिरावट की चर्चा करते हुए कहा कि भारत में कोविड के तीन टीके विकास के उन्नत चरणों में हैं, जिनमें से दो चरण दूसरे में हैं और एक तीसरे चरण में है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारतीय वैज्ञानिक और अनुसंधान दल पड़ोसी देशों अफगानिस्तान, भूटान, बांग्लादेश, मालदीव, मॉरीशस, नेपाल और श्रीलंका में अनुसंधान क्षमताओं में सहयोग करने के साथ उसे मजबूत कर रहे हैं और बांग्लादेश, म्यांमार, कतर एवं भूटान ने अपने देशों में नैदानिक परीक्षणों के लिए अनुरोध भेजे हैं। प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया कि हमें अपने निकट पड़ोस में अपने प्रयासों को सीमित नहीं करना चाहिए, बल्कि टीका, दवाएं और टीके सुपुर्द करने की व्यवस्था के लिए आईटी मंच प्रदान कर पूरी दुनिया में पहुंचना चाहिए। उन्होंने बताया कि राज्य सरकारों के परामर्श से कोविड-19 के लिए नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन और सभी संबंधित हितधारकों ने टीके के भंडारण, वितरण और उसे लगाने के संबंध में एक विस्तृत खाका तैयार किया है, राज्यों के परामर्श से विशेषज्ञ समूह वैक्सीन प्राथमिकता और टीका वितरण पर सक्रिय रूपसे काम कर रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निर्देश दिया कि देश के भौगोलिक विस्तार और विविधता को ध्यान में रखते हुए वैक्सीन की पहुंच तेजी से सुनिश्चित की जानी चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि लॉजिस्टिक्स, वितरण और प्रबंधन में हर कदम को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए, इसमें शीत भंडारण श्रृंखला, वितरण नेटवर्क, निगरानी तंत्र, पूर्व आकलन और आवश्यक उपकरण तैयार करने की पहले से योजना बनाना शामिल होना चाहिए जैसे वेल्स, सीरिंज आदि। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक समान तरीके से टीका वितरण और उसे लगाने की व्यवस्था लागू की जानी चाहिए, इसमें राज्यों, संघ राज्य क्षेत्रों, जिलास्तरीय पदाधिकारियों, नागरिक समाज संगठनों, स्वयंसेवकों, नागरिकों और सभी आवश्यक कार्य क्षेत्र के विशेषज्ञों की भागीदारी होनी चाहिए।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि पूरी प्रक्रिया में एक मजबूत आईटी व्यवस्था होनी चाहिए और व्यवस्था ऐसे बनाई जाए जिसका हमारी स्वास्थ्य प्रणाली के लिए स्थायी मूल्य हो। उन्होंने कहा कि भारत में आईसीएमआर और बायो-टेक्नोलॉजी विभाग के सार्ससीओवी-2 (कोविड-19 वायरस) के जीनोम पर कराए गए दो अखिल भारतीय अध्ययनों से पता चलता है कि वायरस आनुवंशिक रूपसे स्थिर है और इसमें कोई बड़ा उत्परिवर्तन नहीं है। प्रधानमंत्री ने कोरोना में गिरावट पर आत्मसंतोष करने के साथ सावधान रहने और महामारी को रोकने के प्रयासों को जारी रखने का आह्वान किया। उन्होंने विशेष रूपसे आगामी त्योहार के मौसम के मद्देनज़र निरंतर एक दूसरे से दूरी बनाए रखने, कोविड के संबंध में उचित व्यवहार जैसे मास्क पहनना, नियमित रूपसे हाथ धोने की आदत का पालन और स्वच्छता बनाए रखने की अपील की।