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Wednesday 21 October 2020 03:10:35 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुलिस स्मृति दिवस पर शहीद हुए पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि हम पूरे भारत के पुलिसकर्मियों और उनके परिवारों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं और जिनके बलिदान हुए हैं, उनकी सेवाओं को हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन में सहायता से लेकर कोविड-19 से लड़ने तथा भयावह अपराधों को सुलझाने से लेकर कानून और व्यवस्था को बनाए रखने तक, हमारे पुलिसकर्मी हमेशा बिना हिचके अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हैं, हमें उनके परिश्रम और नागरिकों की सहायता के प्रति तत्परता पर गर्व है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी पुलिस स्मृति दिवस पर नई दिल्ली में राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मंत्रिपरिषद की ओर से भी शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धासुमन अर्पित किए।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि देश की सुरक्षा, एकता, अखंडता और सार्वभौमिकता की रक्षा के लिए सीमा पर तैनात सशस्त्र बलों के जवानों और देशभर के सभी पुलिसकर्मियों के सर्वोच्च बलिदान के लिए समग्र देश की ओर से कृतज्ञतापूर्वक नम आंखों से श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। गृहमंत्री ने कहा कि 2014 में जब नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने एक ऐसे स्मारक का निर्माण करने का फैसला लिया, जो देश के लोगों को पुलिसकर्मियों के बलिदान की याद दिलाता रहे, 21 अक्टूबर 2018 को प्रधानमंत्री ने यह स्मारक राष्ट्र को समर्पित किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय पुलिस स्मारक का निर्माण जनता विशेषकर आने वाली पीढ़ी का पुलिस बल के प्रति नजरिया बदलने का मोदी सरकार का एक सार्थक और गंभीर प्रयास है। उन्होंने कहा कि पुलिस स्मारक पर शहीदों के नाम ही अंकित नहीं हैं, बल्कि इनपर 130 करोड़ भारतीय के मन की भावना भी अंकित है, यह स्मारक सिर्फ पत्थर, ईंट, चूने और सीमेंट से बना स्मारक नहीं है, यह स्मारक हमें हमेशा याद दिलाता है कि इन वीर जवानों ने देश की आजादी को अमरत्व देने का काम किया है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि शदीह पुलिस कर्मियों के खून का एक-एक कतरा देश को विकास के पथ पर आगे ले गया है, कई नौनिहालों के भविष्य को संवारा है और देश के आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त किया है। अमित शाह ने कहा कि अमर शहीदों के सर्वोच्च बलिदान के कारण ही देश चैन की नींद सोता है। गृहमंत्री ने कहा कि इस वर्ष केंद्रीय सश्स्त्र पुलिस बलों और पुलिस के 264 कर्मी शहीद हुए और अबतक 35,398 जांबाज़ पुलिसकर्मियों ने देश की खातिर अपने प्राण न्योछावर किए हैं। गृहमंत्री ने कहा कि पुलिसकर्मियों को 24 घंटे और 365 दिन तैनात रहकर अपना काम करना पड़ता है, वे तीज-त्यौहार पर भी अपनी ड्यूटी पर मुस्तैद रहते हैं। अमित शाह ने कहा कि जब कोरोना की महामारी आई उस वक्त पूरी दुनिया अचंभित हो गई थी कि उसका कैसे सामना किया जाए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इससे निपटने के लिए लॉकडाउन का आह्वान किया तो पुलिस और केंद्रीय सश्स्त्र पुलिस बलों के कर्मियों ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अमित शाह ने कहा कि देश के गृहमंत्री के नाते उन्हें यह कहते हुए बहुत गर्व होता है कि लॉकडाउन को प्रभावी ढंग से लागू करने में पुलिसबलों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही। उन्होंने कहा कि चाहे लाखों-लाखों प्रवासी मजदूरों की सहायता हो, बीमारों को अस्पताल पहुंचाना हो, ब्लड डोनेशन से लेकर प्लाज्मा डोनेशन तक करने में पुलिसकर्मियों ने पीछे मुड़कर नहीं देखा, पुलिसकर्मियों ने पहली पंक्ति में खड़े रहकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ी जिसकी प्रधानमंत्री सहित पूरे देश ने सराहना की। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में हमारे 343 पुलिसकर्मियों ने जान गंवाई, उनके इस बलिदान को कोविड के खिलाफ लड़ाई में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि मैं मोदी सरकार की तरफ से पुलिसकर्मियों को आश्वस्त करता हूं कि आप देश और आंतरिक सुरक्षा को संभालिए, सरकार आपकी और आपके परिवार की रक्षा के लिए सदैव तत्पर, जागरुक और प्रतिबद्ध रहेगी। गृहमंत्री ने कहा कि आज पुलिस के सामने बहुत चुनौतियां हैं और उनका काम कई डाइमेंशन में बढ़ा है, उसके सामने आतंकवाद, फेक करेंसी, नारकोटिक्स कंट्रोल, शस्त्रों की तस्करी, मानव तस्करी, साइबर क्राइम और महिलाओं के विरुद्ध अपराध जैसे बहुत सारी नई चुनौतियां आ रही हैं, जिसके लिए भारत सरकार ने एक सुगठित पुलिस मॉडर्नाइजेशन का प्रोग्राम शुरू किया है। अमित शाह ने कहा कि देश की सीमाओं को अभेध बनाने के लिए मानव बल के साथ टेक्नोलॉजी को भी जोड़ने की जरूरत है और गृह मंत्रालय इसके लिए विस्तार से काम कर रहा है। अमित शाह ने कहा कि दुनिया की अपेक्षा भारत में प्रति एक लाख व्यक्ति पर पुलिसबल की संख्या कम है मगर कई योजनाओं पर काम चल रहा है।
गृहमंत्री ने कहा कि हाल ही में संसद सत्र के दौरान रक्षा शक्ति यूनिवर्सिटी और फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी संबंधित दो विधेयक पारित किए गए, रक्षा शक्ति यूनिवर्सिटी से छात्रों को इस क्षेत्र में अपना कैरियर बनाने में मदद मिलेगी, इसी तरह फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी के माध्यम से वैज्ञानिकों की कमी पूरी करने का प्रयास किया जाएगा। गौरतलब है कि पुलिस स्मृति दिवस 21 अक्तूबर 1959 में लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स में भारी हथियारों से लैस चीनी सेना द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में शहीद हुए दस पुलिसकर्मियों की याद में मनाया जाता है। इस अवसर पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, गृह सचिव एके भल्ला, आईबी निदेशक अरविंद कुमार, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के महानिदेशक और वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।