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Thursday 22 October 2020 04:31:24 PM
नई दिल्ली। फुटवियर में भी अब खादी के दस्तकारी की सुंदरता महसूस करें। केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री नितिन गडकरी ने वीडियो कॉंफ्रेंस से खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के डिज़ाइन किए गए और खादी के कपड़े से बने भारत के पहले उच्च गुणवत्ता वाले फुटवियर का शुभारंभ किया। ये फुटवियर रेशमी, सूती और ऊनी खादी के कपड़े से बने हैं। नितिन गडकरी ने केवीआईसी के ई-पोर्टल www.khadiindia.gov.in के माध्यम से खादी के फुटवियरों की ऑनलाइन बिक्री की भी शुरुआत की। उन्होंने खादी के कपड़े से बने फुटवियरों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस तरह के अनूठे उत्पादों में अंतर्राष्ट्रीय बाजार पर कब्जा करने की अपार क्षमता है। उन्होंने कहा कि खादी कपड़े के फुटवियर हमारे कारीगरों के लिए अतिरिक्त रोजगार और अपेक्षाकृत उच्च आय पैदा करेंगे।
एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने केवीआईसी से महिलाओं के हैंडबैग, पर्स, बटुआ जैसे चमड़े के उत्पादों के विकल्प का विकास दस्तकारी किए हुए खादी के कपड़ों में करने का आग्रह किया। नितिन गडकरी ने कहा कि खादी का फुटवियर एक अनूठा उत्पाद है, इसमें अंतर्राष्ट्रीय गुणवत्ता और पटोला सिल्क, बनारसी सिल्क, सूती, डेनिम का उपयोग युवाओं को आकर्षित करेगा, जो इसे ऑनलाइन खरीद सकते हैं, ये फुटवियर सस्ते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे उत्पादों का विकास और विदेशों में विपणन करके खादी इंडिया 5000 करोड़ रुपये के बाजार पर कब्जा कर सकता है। एमएसएमई राज्यमंत्री प्रतापचंद्र सारंगी ने कहा कि खादी के कपड़े के फुटवियर न केवल पर्यावरण और त्वचा के अनुकूल हैं, बल्कि ये खादी के उन कारीगरों की कड़ी मेहनत को दर्शाते हैं, जिन्हें इन फुटवियरों के लिए कपड़े बनाने के लिए रखा गया है। उन्होंने कहा कि उन्हें यकीन है कि फुटवियर उद्योग में एक बड़ी हिस्सेदारी हासिल करके खादी के कपड़े के फुटवियर देश की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने में मदद करेंगे।
खादी के फुटवियर महिलाओं के लिए 15 डिज़ाइनों और पुरुषों के लिए 10 डिज़ाइनों में लॉंच किए गए हैं। इन फुटवियरों को अनूठा एवं फैशनेबल बनाने के लिए गुजरात के पटोला सिल्क, बनारसी सिल्क, बिहार के मधुबनी प्रिंटेड सिल्क, खादी डेनिम, तसर सिल्क, मटका- कटिया सिल्क विभिन्न प्रकार के सूती कपड़े, ट्वीड ऊन और खादी के पॉली वस्त्र जैसे उत्तम खादी उत्पादों का उपयोग किया गया है। डिजाइन, रंग और प्रिंट की एक विस्तृत श्रृंखला में उपलब्ध इन फुटवियरों को विभिन्न उद्देश्यों के लिए पहने जाने वाले कपड़ों औपचारिक, आकस्मिक और उत्सव के अवसर के अनुकूल लगने के लिए डिज़ाइन किया गया है। खादी के इन फुटवियरों की कीमत 1100 रुपये से लेकर 3300 रुपये प्रति जोड़ी है। केवीआईसी के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि प्रधानमंत्री की परिकल्पना के अनुरूप नए क्षेत्रों में कदम रखना, नए बाजारों का दोहन करना और उत्पाद श्रृंखला में विविधता लाना पिछले छह वर्ष में खादी की शानदार सफलता का मंत्र रहा है। उन्होंने कहा कि खादी के कपड़े के फुटवियर को लॉंच करने के पीछे का उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय बाजार का दोहन करना था, जहां अंतर्राष्ट्रीय उपभोक्ताओं का एक बड़ा वर्ग तेजी से शाकाहारी हो रहा है और इसलिए खादी इस वर्ग का पसंदीदा विकल्प बन जाएगा।
केवीआईसी के अध्यक्ष ने कहा कि लोगों के लिए खादी के कपड़े का फुटवियर भले ही एक छोटा कदम है, लेकिन यह हमारे खादी के कारीगरों के लिए एक विशाल छलांग होगा, फुटवियर में सूती, सिल्क और ऊन जैसे महीन कपड़ों का इस्तेमाल करने की वजह से कारीगरों द्वारा कपड़े के उत्पादन के साथ-साथ इसकी खपत में भी वृद्धि होगी, अंततः यह खादी के कारीगरों के लिए अतिरिक्त रोज़गार और अपेक्षाकृत उच्च आय पैदा करेगा। भारतीय फुटवियर उद्योग का आकार लगभग 50,000 करोड़ रुपये का है, जिसमें लगभग 18,000 करोड़ रुपये का निर्यात शामिल है। विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि हमारा प्रारंभिक लक्ष्य इस उद्योग के कम से कम 2 प्रतिशत भाग पर कब्जा करना है, जोकिअनुमानित रूपसे लगभग 1000 करोड़ रुपये के बराबर है। केवीआईसी ने टाइटन के साथ मिलकर अपनी पहली खादी कलाई घड़ी सफलतापूर्वक लॉंच की थी, जोकि एक ट्रेंड सेटर रही है।