स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Thursday 22 October 2020 04:50:43 PM
पोखरण। पोखरण परीक्षण अड्डे पर आज सुबह प्रयोक्ता द्वारा तीसरी पीढ़ी के टैंकरोधी निर्देशित प्रक्षेपास्त्र नाग का सफलतापूर्वक अंतिम परीक्षण किया गया। यह प्रक्षेपास्त्र वास्तविक आयुध से लैस था और परीक्षण के लिए निर्धारित दूरी पर एक टैंक को लक्ष्य के तौरपर रखा गया था। प्रक्षेपास्त्र को नाग प्रक्षेपास्त्र वाहक एनएएमआईसीए से दागा गया। प्रक्षेपास्त्र ने कवच को हटाकर लक्ष्य को सटीक तौरपर भेद दिया। गौरतलब है कि सेना को और ज्यादा शक्तिशाली बनाने की दिशा में विभिन्न अभिनव प्रयास किए जा रहे हैं और यह उपलब्धि भारत के विज्ञान क्षेत्र के लिए भी बहुत ही महत्वपूर्ण है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने सेना को और अधिक शक्तिशाली बनाने की दिशा में एटीजीएम नाग को दिन और रात की स्थितियों में अत्यधिक सुदृढ़ दुश्मन टैंकों को निशाना बनाने के लिए विकसित किया है। प्रक्षेपास्त्र, समग्र और प्रतिक्रियाशील कवच से लैस सभी एमबीटी को नष्ट करने के लिए एक पैसिव होमिंग गाइडेंस उपकरण के साथ-साथ मारो और भूल जाओ तथा उच्च हमले की क्षमताओं से लैस है। नाग प्रक्षेपास्त्र वाहक एनएएमआईसीए एक बीएमपी-II आधारित प्रणाली है, जिसमें जल एवं जमीन दोनों पर चलने की क्षमता है। इस अंतिम प्रयोक्ता परीक्षण के बाद अब नाग उत्पादन के चरण में प्रवेश करेगा।
नाग प्रक्षेपास्त्र का उत्पादन रक्षा क्षेत्र का सार्वजनिक उपक्रम भारत डायनामिक्स लिमिटेड करेगा, जबकि मेडक में आयुध निर्माणी एनएएमआईसीए का उत्पादन करेगी। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन और भारतीय सेना को नाग प्रक्षेपास्त्र के सफल परीक्षण के लिए बधाई दी है। सचिव डीडीआर एंड डी और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने प्रक्षेपास्त्र को उत्पादन चरण तक लाने में डीआरडीओ, भारतीय सेना और उद्योग जगत के प्रयासों की भी सराहना की।