स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Saturday 31 October 2020 04:22:01 PM
केवड़िया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर केवड़िया में एकता समारोह में हिस्सा लिया है। उन्होंने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर पुष्पांजलि अर्पित की और एकता का संकल्प लेते हुए एकता दिवस परेड में भी हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री ने देशवासियों को सरदार वल्लभभाई पटेल की जन्मजयंती की शुभकामनाएं दीं और कहा कि देश की सैकड़ों रियासतों को राजे-रजवाड़ों को एक करके देश की विविधता को आजाद भारत की शक्ति बनाकर सरदार वल्लभभाई पटेल ने हिंदुस्तान को वर्तमान स्वरूप दिया। उन्होंने कहा कि विपदाओं और चुनौतियों के बीच भी भारत में कई ऐसे काम हुए हैं, जो कभी असंभव मान लिए गए थे, आर्टिकल 370 हटने के बाद कश्मीर ने समावेश का एक साल पूरा कर लिया है। उन्होंने कहा कि बाकी राजा-रजवाड़ों के साथ ये काम भी अगर उनके जिम्मे होता तो आज आजादी के इतने वर्ष बाद ये काम करने की नौबत नहीं आती, लेकिन सरदार साहब का वो काम अधूरा था, उन्हीं की प्रेरणा से 130 करोड़ देशवासियों को उस कार्य को भी पूरा करने का सौभाग्य मिला है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सोमनाथ के पुनर्निर्माण से सरदारजी ने भारत के सांस्कृतिक गौरव को लौटाने का जो यज्ञ शुरू किया था, उसका विस्तार देश ने अयोध्या में भी देखा है, देश श्रीराम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का साक्षी बना है और भव्य श्रीराम मंदिर को बनते देख रहा है। उन्होंने कहा कि देश रक्षा क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बनने की ओर बढ़ रहा है, सीमाओं पर भी भारत की नज़र और नज़रिया अब बदल गए हैं, भारत की भूमि पर नज़र गड़ाने वालों को मुंहतोड़ जवाब देने की ताकत हमारे वीर-जवानों के हाथ में है। उन्होंने कहा कि अपनी संप्रभुता और सम्मान की रक्षा के लिए भारत पूरी तरह सज्य, प्रतिबध्य, कटिबध्य और पूरी तरह तैयार है। प्रधानमंत्री ने कहा कि केवड़िया के समन्वित विकास के लिए विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया है, जो इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने में मददगार साबित होंगे। उन्होंने कहा कि अब पर्यटकों के पास सरदार साहब के दर्शन करने और स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को देखने के लिए समुद्री विमान का भी विकल्प है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ सदियों पहले आदिकवि महर्षि वाल्मीकि ने भारत को अधिक प्रगतिशील, ऊर्जावान और सांस्कृतिक रूप से एकीकृत करने के लिए काफी प्रयास किए थे। उन्होंने इस बात पर खुशी जाहिर की कि वाल्मीकि जयंती और एकता दिवस दोनों एक ही दिन हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों में शांति की स्थापना के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं तथा इस क्षेत्र के विकास के लिए अनेक पहल भी की गई है। उन्होंने कहा कि 130 करोड़ देशवासी एक साथ मिलकर एक ऐसे राष्ट्र का निर्माण कर रहे हैं, जो बहुत ही मजबूत और सक्षम है और जहां सभी के लिए समानता होनी चाहिए तथा सभी के लिए अवसर भी हैं, एक आत्मनिर्भर देश ही अपनी प्रगति और सुरक्षा को लेकर आश्वस्त हो सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ जिस प्रकार कुछ लोग सामने आए हैं, वह वैश्विक चिंता का विषय है और सभी देशों, सभी सरकारों, सभी धर्मों को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि शांति, बंधुत्व और एक-दूसरे का सम्मान करने की प्रवृति ही मानवता की वास्तविक पहचान है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद-हिंसा से किसी का भी कल्याण नहीं हो सकता है, हमारी विविधता ही हमारा अस्तित्व है और हम इसी वजह से इतने असाधारण हैं। उन्होंने स्मरण दिलाया कि भारत की यही एकता वह शक्ति है, जो दूसरे देशों को झुकाती है और ऐसे देश ही हमारे विविधता को हमारी कमजोरी बनाना चाहते हैं, इसलिए ऐसी ताकतों की पहचान किए जाने की जरूरत है और इनसे सावधान रहना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जब वह अर्धसैनिक बलों की परेड देख रहे थे तो उन्हें पुलवामा हमले की घटना का स्मरण हुआ, देश इस घटना को कभी नहीं भूल सकता है और जिन बहादुर बेटों ने अपनी शहादत दी, उनके प्रति राष्ट्र दुखी है।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि उस घटना को लेकर जिस तरह के बयान दिए गए उन्हें देश कभी नहीं भूलेगा और पड़ोसी देश की संसद में हाल ही में जिस प्रकार के बयान दिए गए हैं वह सच्चाई को सामने ला रहे हैं। उन्होंने देश में द्वेषपूर्ण राजनीति पर खेद व्यक्त किया, जो स्वार्थ और घमंड पर आधारित है। उन्होंने कहा कि पुलवामा हमले के बाद जिस प्रकार की राजनीति की गई, वह इस बात का सबसे बड़ा उदाहरण है कि लोग अपने राजनीतिक हितों के लिए किस सीमा तक जा सकते हैं। उन्होंने ऐसे राजनीतिक दलों से देश की सुरक्षा के हितों के लिए काम करने और सुरक्षा बलों के मनोबल को बढ़ाने की दिशा में काम करने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि जानते हुए या ना जानते हुए आप अपने स्वार्थ के लिए राष्ट्र विरोधी ताकतों के हाथों में खेल रहे हैं और ऐसा करके आप न तो देश के हित में और न ही अपनी पार्टी के हित में काम करने में सक्षम होंगे। इससे पहले प्रधानमंत्री ने गुजरात पुलिस, केंद्रीय आरक्षित सशस्त्र बल, सीमा सुरक्षा बल, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के जवानों की रंगारंग परेड देखी, जिसमें सीआरपीएफ की महिला अधिकारियों की राइफल ड्रिल भी शामिल थीं। इस मौके पर भारतीय वायुसेना के जगुआर विमानों ने फ्लाईपास्ट किया। राष्ट्रीय एकता दिवस पर प्रधानमंत्री ने देश की आदिवासी धरोहर का प्रदर्शन करने वाले एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया।