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Monday 16 November 2020 04:22:30 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राजधानी दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों और दिल्ली के अस्पतालों की मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर पर बढ़ते दबाव और उससे निपटने की रणनीतियों आवश्यकता और कृत उपायों की समीक्षा की। बैठक में नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने एक प्रस्तुति दी, जिसमें उन्होंने दिल्ली में कोरोना की बिगड़ती स्थिति को रेखांकित किया। यह इंगित किया गया कि दिल्ली में प्रतिदिन एक्टिव मामलों की संख्या में काफी वृद्धि हो रही है, हालांकि रोगियों की मृत्युदर अभी नियंत्रण में है, फिर भी स्वास्थ्य एवं मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे डेडिकेटेड कोविड बेड, वेंटिलेटर्स की सुविधा वाले बेड और आईसीयू पर पहले से ज्यादा दबाव दिखाई दे रहा है। डॉ वीके पॉल ने कहा कि निगरानी बढ़ाने, कंटेनमेंट उपायों को लागू करने, टेस्टिंग बढ़ाने तथा आवश्यक मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को और भी तेजी से तैयार करने की आवश्यकता है। बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, दिल्ली के उपराज्यपाल, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री, केंद्रीय गृह सचिव, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव, एम्स दिल्ली के निदेशक, आईसीएमआर के महानिदेशक, डीआरडीओ सचिव, सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा के महानिदेशक और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए। सर्वप्रथम यह निर्देश दिया कि दिल्ली में आरटी-पीसीआर टेस्ट के लिए टेस्टिंग क्षमता दोगुनी की जाए, दिल्ली में लैब की क्षमता का अधिक से अधिक उपयोग करके जिन क्षेत्रों में समाज के गरीब और ऐसे लोग रहते हैं, जिन्हें संक्रमण की अधिक संभावना वहां स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय तथा आईसीएमआर मोबाइल टेस्टिंग वैनों को तैनात करे, देश के जिन भागों में टेस्टिंग लैब का उपयोग नहीं हो रहा है, वहां की कुछ टेस्टिंग लैब को अस्थायी रूपसे दिल्ली में लाएं तथा दिल्ली के पड़ोसी क्षेत्रों की क्षमता का उपयोग करें। दिल्ली में हाल के सप्ताहों में अत्यधिक बढ़ गई पॉजिटिविटी रेट को कम करने के लिए ऐसा करनाआवश्यक समझा गया। गृहमंत्री ने निर्देश दिया कि अस्पताल की क्षमता तथा अन्य मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर की उपलब्धता में काफी वृद्धि की जानी चाहिए, जिसमें यह निर्णय लिया गया कि धौला कुआं डीआरडीओ की मौजूदा मेडिकल सुविधा में आईसीयू की सुविधा वाले 250-300 बेड और शामिल किए जाएं। यहां कुल उपलब्ध 1000 कोविड-19 बेड्स में से लगभग 250 बेड्स पर आईसीयू की सुविधा पहले से उपलब्ध है। ऑक्सीजन की सुविधा वाले बेड्स की उपलब्धता बढ़ाने के उद्देश्य से छतरपुर में स्थापित 10,000 बेड वाले कोविड केयर सेंटर को भी मजबूत किया जाएगा।
अमित शाह ने स्वास्थ्य मंत्रालय और दिल्ली सरकार को अगले 48 घंटे के भीतर बीआइपीएपी मशीनें तथा उच्च प्रवाह नाक प्रवेशनी अपेक्षित संख्या में उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। केंद्र सरकार ने दिल्ली में स्वास्थ्यकर्मियों की कमी को देखते हुए सीएपीएफ से अतिरिक्त डॉक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ देने का निर्णय लिया है, उन्हें शीघ्र ही एयरलिफ्ट करके दिल्ली लाया जाएगा। यह भी निर्णय लिया गया कि कोविड-19 संबंधी मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर की उपलब्धता तथा मरीजों की भर्ती की स्थिति के इंस्पेक्शन तथा पहले लिए निर्णय के अनुसार बेड्स की उपलब्धता की सही स्थिति को स्पष्ट रूपसे दर्शाने के लिए डेडिकेटेड बहुविभागीय टीमें दिल्ली के सभी प्राइवेट अस्पतालों में जाएंगी। दिल्ली नगर निगम के कुछ चिन्हित अस्पतालों को भी विशेषकर हल्के-फुल्के लक्षण वाले कोविड-19 रोगियों के उपचार के लिए डेडिकेटेड अस्पतालों के रूपमें परिवर्तित किया जाएगा। मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने से यह सुनिश्चित होना चाहिए कि दिल्ली में कोविड के बढ़ते रोगियों का उपचार करने के लिए पर्याप्त संख्या में बेड वेंटिलेटर्स आईसीयू उपलब्ध हैं। यह भी तय किया गया कि केंद्रीय स्वास्थ मंत्रालय कोरोना के उपचार के लिए प्लाज्मा चिकित्सा और प्लाज्मा प्रशासन के लिए जल्द से जल्द एक मानक प्रोटोकॉल जारी करेगा।
केंद्रीय गृहमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि पहले आरंभ किए गए सारे कंटेनमेंट उपायों जैसेकि कंटेनमेंट जोनों की स्थापना, कंटेक्ट ट्रेसिंग तथा क्वारेंटिंग और स्क्रीनिंग, विशेषकर समाज के ऐसे वर्ग के लोग जिन्हें संक्रामण की अधिक संभावना है की लगातार समीक्षा की जानी चाहिए, ताकि रोकथाम उपायों को लागू करने में कोई कमी नहीं रह जाए। उन्होंने कहा कि इन कंटेनमेंट कार्यनीतियों को कड़ाई से लागू करने में कोई ढील नहीं होनी चाहिए, संबंधित अधिकारी विशेषकर जिला स्तर के अधिकारी अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए व्यक्तिगत रूपसे जिम्मेदार होंगे तथा किसी प्रकार के आदेश निर्देश के उल्लंघन को गंभीरता से लिया जाएगा। गृहमंत्री ने कोरोना के होम आइसोलेशन रोगियों की ट्रैकिंग रखने तथा तत्काल मेडिकल सुविधा की आवश्यकता पड़ने पर उनको तुरंत नियमित अस्पतालों में शिफ्ट करने की जरूरत पर विशेष रूपसे बल दिया। यह भी निर्णय लिया गया कि एम्स, दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगमों की टीमें संपूर्ण दिल्ली में घर-घर सर्वेक्षण करेंगी, सर्वेक्षण में पाए गए सभी रोग-संबंधी व्यक्तियों का टेस्ट किया जाएगा और आवश्यक उपचार प्रदान किया जाएगा।
गृहमंत्री अमित शाह ने निर्देश दिया कि लोगों को कोविड संबंधी जानकारी देने की ठोस संवाद कार्यनीति होनी चाहिए। उन्होंने दिल्ली सरकार के प्राधिकारियों तथा दिल्ली पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया कि वे आवश्यक उपायों विशेषकर फेस मास्क पहनने को कड़ाई से लागू कराएं, ताकि कोविड बिहेवियर के अनुपालन में कोई ढिलाई नहीं हो। गृहमंत्री ने दिल्ली में कोविड के मामले कम करने तथा प्रभावित व्यक्तियों, विशेषकर गरीब एवं असुरक्षित लोगों का समय पर आवश्यक उपचार करने में कमी नहीं होने देने की जरूरत को दोहराया। उन्होंने जानकारी दी कि दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के पड़ोसी क्षेत्रों में कोविड-19 की स्थिति की आगामी सप्ताहों में लगातार समीक्षा की जाएगी। बैठक में कोरोना की स्थिति की गंभीरता पर चिंता प्रकट की गई। यद्यपि कोरोना से निपटने की जिम्मेदारी सामूहिक है तथापि ऐसा समझा गया कि अरविंद केजरीवाल सरकार इससे निपटने में सक्षम सिद्ध नहीं हुई है। गौरतलब है कि यह बात शुरु से ही सामने आ रही है कि केजरीवाल सरकार कोरोना से ज्यादा कोरोना पर राजनीति कर रही है। दिल्ली की जनता अब इस बात को समझने लगी है कि दिल्ली सरकार कोरोना से निपटने में विफल हुई है।