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Saturday 21 November 2020 04:41:26 PM
गांधीनगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के गांधीनगर में पंडित दीनदयाल पेट्रोलियम विश्वविद्यालय के 8वें दीक्षांत समारोह में भाग लिया। उन्होंने 45 मेगावाट के उत्पादन संयंत्र मोनोक्रिस्टलाइन सोलर फोटोवोल्टिक पैनल और जल प्रौद्योगिकी उत्कृष्ठता केंद्र की आधारशिला रखी। उन्होंने विश्वविद्यालय में अभिनव और उद्भवन केंद्र-प्रौद्योगिकी व्यापार इनक्यूबेशन, ट्रांसलेशनल अनुसंधान केंद्र और खेल परिसर का भी उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि ऐसे समय में स्नातक होना आसान बात नहीं है, जब विश्व इतने बड़े संकट का सामना कर रहा है, लेकिन उनकी क्षमताएं इन चुनौतियों से बहुत बड़ी हैं। प्रधानमंत्री ने छात्रों से जीवन में एक उद्देश्य के साथ आगे बढ़ने की अपील की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि छात्र इस पेट्रोलियम उद्योग में ऐसे समय में प्रवेश कर रहे हैं, जब महामारी के कारण दुनियाभर में ऊर्जा क्षेत्र में व्यापक बदलाव हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस दृष्टि से आज भारत के ऊर्जा क्षेत्र में वृद्धि उद्यमिता और रोज़गार की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने बताया किदेश आज अपने कार्बन उत्सर्जन को 30-35 प्रतिशत तक कम करने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहा है और इस दशक में हमारी ऊर्जा जरूरतों में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी को बढ़ाने के प्रयास किए गए हैं। प्रधानमंत्री ने जानकारी दी कि अगले पांच वर्ष में तेल शोधन क्षमता को दोगुना करने का कार्य जारी है, ऊर्जा सुरक्षा से संबंधित स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत किया जा रहा है और छात्रों और पेशेवरों के लिए एक कोष बनाया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ऐसा नहीं है कि सफल लोगों के पास समस्याएं नहीं हैं, लेकिन जो चुनौतियों को स्वीकार करता है, उनका सामना करता है, उन्हें हराता है, समस्याओं को हल करता है, केवल वही सफल होता है। उन्होंने कहा कि जो लोग चुनौतियों का सामना करते हैं बाद में वही जीवन में सफल होते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि 1922-47 के दौर के युवाओं ने आजादी के लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया। उन्होंने छात्रों से देश के लिए जीने और आत्मनिर्भर भारत के आंदोलन से जुड़ने के साथ-साथ जिम्मेदारी की भावना विकसित करने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि सफलता का बीज ज़िम्मेदारी की भावना में निहित है और ज़िम्मेदारी की भावना को जीवन के उद्देश्य में बदल देना चाहिए। उन्होंने कहा कि वही लोग जीवन में सफल होते हैं, जो कुछ ऐसा करते हैं जिससे उन्हें जीवन में जिम्मेदारी का अहसास होता है और असफल होने वाले लोग वह होते हैं जो हमेशा एक बोझ तले जीवन जीते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जिम्मेदारी की भावना भी एक व्यक्ति के जीवन में अवसर की भावना को जन्म देती है। उन्होंने कहा कि भारत कई क्षेत्रों में आगे बढ़ रहा है और युवा स्नातकों को प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ना चाहिए। प्रधानमंत्री ने प्रकृति और पर्यावरण की रक्षा पर भी जोर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21वीं सदी के युवाओं की वर्तमान पीढ़ी से स्पष्ट योजना के साथ आगे बढ़ने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि क्लीन स्लेट और क्लीन हार्ट का मतलब स्पष्ट इरादों से है। उन्होंने कहा कि दुनिया की आशाएं और अपेक्षाएं 21वीं सदी में भारत से अधिक हैं और भारत की आशाएं और अपेक्षाएं छात्रों और पेशेवरों के साथ जुड़ी हुई हैं।