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Monday 23 November 2020 11:40:40 AM
मुरादाबाद। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मुरादाबाद जनपद के एक दिवसीय भ्रमण कार्यक्रम में आईएफटीएम यूनिवर्सिटी मुरादाबाद में मिशन शक्ति कार्यक्रम में महिलाओं से संवाद स्थापित किया तथा कोविड संक्रमण के नियंत्रण में उल्लेखनीय योगदान के लिए महिलाओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। राज्यपाल मुरादाबाद सर्किट हाउस में ओडीओपी टूल किट एवं ऋण वितरण तथा गर्भवती महिलाओं की गोद भराई कार्यक्रम में शामिल हुईं और एक जनपद एक उत्पाद योजना एवं स्वरोज़गारपरक योजना के लाभार्थियों को टूल किट और स्वीकृति पत्र वितरित किए। राज्यपाल ने क्षयरोग ग्रस्त बच्चों को गोद लेने वाली स्वयंसेवी संस्थाओं की सराहना करते हुए उनका उत्साहवर्धन किया। राज्यपाल ने सीएल गुप्ता आई इंस्टीट्यूट रामगंगा विहार मुरादाबाद में पोषण वाटिका का उद्घाटन किया तथा प्रोजेक्ट स्नेह के अंतर्गत 500 कुपोषित बालकों के कल्याणार्थ विशेष कार्यक्रम का शुभारंभ भी किया। राज्यपाल ने सर्किट हाउस मुरादाबाद के सभागार से ही प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के विंध्य क्षेत्र की पेयजल परियोजनाओं के शिलान्यास में वर्चुअल माध्यम से प्रतिभाग किया।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सर्वप्रथम आईएफटीएम यूनिवर्सिटी मुरादाबाद में मिशन शक्ति कार्यक्रम में महिलाओं से संवाद स्थापित करते हुए आह्वान किया कि महिलाएं अपनी शक्ति पहचानें तथा सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाकर बच्चों को संस्कारवान एवं गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करें। उन्होंने महिला साक्षरता तथा नारी सशक्तिकरण पर बल देते हुए कहा कि लड़कियों और लड़कों के बीच कोई भेदभाव नहीं करना चाहिए, अगर समाज सोच को बदल दे तो लड़कियां आगे बढ़ती रहेंगी। राज्यपाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित मिशन शक्ति अभियान का उद्देश्य यही है कि नारी को सुरक्षा सम्मान एवं स्वावलंबन प्रदान किया जाए। उन्होंने कहा कि समाज में महिला सुरक्षा का बिंदू सबसे महत्वपूर्ण है, बच्चों को ठीक वातावरण मिले तथा उन्हें ठीक से पढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि लड़के-लड़की को समान रूप से देखने की आवश्यकता है, महिलाएं स्वावलंबी बनेंगी और किसी से नही डरेंगी तथा महिलाएं समाज की मुख्य धारा में आकर कार्य करेंगी। उन्होंने कहा कि सबके लिए शिक्षा का बहुत महत्व है तथा शिक्षा का दीप ही इस अंधेरे को मिटा सकता है।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि भारतीय संविधान में महिलाओं को बराबरी का अधिकार दिया गया है, लेकिन चिंता की बात यह है कि समाज में कुछ विकृत मानसिकता के लोग इसमें बाधा उत्पन्न करते हैं, इसलिए महिला सशक्तिकरण देश की प्रगति के लिए आवश्यक है। उन्होंने प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत अभियान का उल्लेख करते हुए कहा कि हमें आत्मनिर्भर प्रदेश, तहसील, जिला एवं परिवार भी बनाना है, जिस हेतु ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों की महिलाओं की ओर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। आनंदीबेन पटेल ने आईएफटीएफ विश्वविद्यालय में कोरोनाकाल में उत्कृष्ट सेवा प्रदान करने वाले को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। राज्यपाल ने डॉ सीमा रानी सदस्य उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, प्रीति जायसवाल अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व, प्रेरणा सिंह उप जिलाधिकारी सदर, मंजू कोठीवाल, डॉ सुषमा राठी रेलवे हास्पिटल, डॉ अर्चना यादव सिविल हास्पिटल, डॉ दिव्या गोयल, डॉ सैफाली सिंह, ऋतु नारंग, गरिमा सिंह को कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के इलाज एवं उचित देखभाल करने पर स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
आनंदीबेन पटेल ने सर्किट हाउस में आयोजित ओडीओपी प्रर्दशनी, टूलकिट एवं ऋण वितरण तथा राष्ट्रीय क्षयरोग उन्मूलन कार्यक्रम में कहा कि जनपद मुरादाबाद हस्तकला, पीतल के बर्तनों एवं अन्य उत्पादों के लिए विश्व प्रसिद्ध है, यहां पर धातु उत्पादों का उत्पादन करने वाली निर्यातउन्मुख इकाईयां भी हैं, प्रदेश सरकार एक जनपद एक उत्पादन योजना में यहां के पीतल उद्योग को और आगे बढ़ाने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि पारम्परिक शिल्प कला आर्थिक विकास को गति प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने महिला हस्तशिल्पी प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए कहा कि दस्तकारी में जो कलाकारी दिखाई गई है वह अद्भुत एवं अतुल्य है, कलाकारी देखने से ही उसके मूल्य का पता चलता है। उन्होंने निपुण दस्तकारों से कहा कि हमारी यह धरोहर मिटनी नही चाहिए, बल्कि इसे निरंतर आगे बढ़ाते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार भी महिला दस्तकारों को बड़ा प्रोत्साहन दे रही है। राज्यपाल ने एक जनपद एक उत्पाद प्रशिक्षण की जिन महिला लाभार्थियों को टूलकिट एवं स्वीकृति पत्र वितरित किए उनमें मिथलेश, केसर देवी, फायजा नाज़, अनीता, अफरोज जहां, बबली शुक्ला, नसीम जहां, राजो देवी, शांति चौधरी, रुपवती एवं मुनेश सम्मिलित हैं।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने रोज़गारपरक योजनाओं जैसे-मुख्यमंत्री युवा स्वरोज़गार योजना एवं ओडीओपी वित्त पोषण योजना की जिन महिला लाभार्थियों को स्वीकृति पत्र वितरित किए उनमें प्राची बंसल, नाज़नीन मारूफ़, रोशन जहां, छायापाल, फराह दीवा, मनीषा, कंचन गुप्ता, शमीना ज़ैदी, फायमा एवं हुस्ना, उवैश, शामिल हैं। इस अवसर पर विभिन्न हस्तशिल्पियों ने स्टाल लगाए थे, जिनमें धातु शिल्प एम्ब्रायडरी, टोकरी बुनकर एवं हेल्पर आदि उत्पाद शामिल हैं, जिनसे संबंधित हस्तशिल्पियों को भी राज्यपाल ने प्रोत्साहित किया। राज्यपाल ने पुनरीक्षित क्षयरोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत क्षयरोग ग्रस्त बच्चों को स्वयंसेवी संगठनों द्वारा गोद लिए जाने का उल्लेखनीय कार्य करने वाले लोगों को प्रमाण पत्र और प्रेरणा पत्र दिए, इनमें जिलाधिकारी/ अध्यक्ष रेडक्रास सोसायटी राकेश कुमार सिंह एवं सेव गर्ल्स फाउंडेशन की अध्यक्ष प्रिया अग्रवाल मुख्य रूपसे शामिल हैं। राज्यपाल ने इन संगठनों के प्रतिनिधियों से उनके कार्यों के संबंध में बातचीत भी की। उन्होंने क्षयरोग के नियंत्रण हेतु विभिन्न एनजीओ के कार्यों की सराहना की तथा अधिकारियों का आह्वान किया कि वे सामुदायिक दृष्टिकोण अपनाकर समाजहित में कार्यशील रहें।
आनंदीबेन पटेल ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि मुरादाबाद में विभिन्न एनजीओ ने टीबीग्रस्त बच्चों को गोद लिया है और ऐसी संस्थाओं का आह्वान किया कि वे वर्ष 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने के लिए कमर्ठता से कार्यशील रहें। राज्यपाल ने स्वयंसेवी संस्थाओं, टीबी एसोसिएशन एवं अन्य संगठनों के साथ वार्ता करते हुए कहा कि सामाजिक बुराईयों को दूर करने हेतु भाषण से नहीं, बल्कि घर से उन बुराईयों को समाप्त करने की शुरुआत करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि समाज को शिक्षा का भरपूर लाभ मिले इसपर ध्यान देने की जरुरत है। राज्यपाल ने दोहराया कि समाज में बेटियों से भेदभाव कदापि नहीं किया जाना चाहिए और स्वयंसेवी संस्थाओं का आह्वान किया कि वे समाज में व्याप्त विभिन्न कुरीतियों को मिटाने में अपना योगदान दें। राज्यपाल ने एक जनपद एक उत्पाद योजना के तहत उद्योग विभाग की धातु शिल्प प्रदर्शनी के विभिन्न स्टालों का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि मुरादाबाद में एक जनपद एक उत्पाद योजना में मैटल आर्ट वेयर पर अद्भुत कलाकारी की गई है जोकि अतुलनीय है। उन्होंने कहा कि इसकी देश-विदेश में विशिष्ट पहचान बनाए रखने की जरूरत है। राज्यपाल ने रामगंगा विहार में सीएल गुप्ता आई इंस्टीट्यूट में प्रोजेक्ट स्नेह व बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के संयुक्त तत्वावधान में पोषण अभियान के प्रबंधन पर आयोजित कार्यक्रम में अतिगंभीर कुपोषित बच्चों को गोद लिए जाने हेतू पोषन वाटिका का उद्घाटन किया। उन्होंने प्रोजेक्ट स्नेह के अंतर्गत 500 कुपोषित बालकों के कल्याणार्थ विशेष कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।
राज्यपाल ने कहा कि देश और समाज की रक्षा एवं सुरक्षा का दायित्व उठाने वाले बच्चे ही जब कुपोषित हो जाएंगे तो यह दायित्व कौन उठाएगा? इसलिए माता-पिता शिक्षकों और समाज के सभी नागरिकों का कर्तव्य है कि कुपोषण को समाप्त करने के लिए बच्चों को उचित पोषण दिलाने का जनांदोलन चलाएं। उन्होंने कहा कि प्रायः देखा गया है कि घर की अन्नपूर्णा ही कुपोषित हो रही है, ऐसे में बच्चे का कुपोषित होना भी स्वभाविक है। उन्होंने आह्वान किया कि महिलाओं को सुरक्षित मातृत्व तथा बच्चों को स्वस्थ पोषण देकर एक मजबूत समाज का निर्माण करें। इस अवसर पर पंचायतीराज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी, बाल विकास एवं पुष्टाहार राज्यमंत्री स्वाति सिंह, नगर विधायक रितेश गुप्ता, कांठ विधायक राजेश कुमार चुन्नू, दर्जा राज्यमंत्री गोपाल अंजान, एमएलसी डॉ जयपाल सिंह व्यस्त, महापौर विनोद अग्रवाल, जनप्रतिनिधि, मंडलायुक्त वीरेंद्र कुमार सिंह, पुलिस महानिरीक्षक रमित शर्मा, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रभाकर चौधरी, नगर आयुक्त संजय चौहान, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की संयोजक प्रिया अग्रवाल, कुलाधिपति आईएफटीएम राजीव कोठीवाल, डॉ महेंद्र प्रसाद पांडेय, प्रोजेक्ट स्नेह संस्थापिका शिखा गुप्ता, राघव गुप्ता, समाजसेवी, चिकित्सक, शिक्षक और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।