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Monday 23 November 2020 04:51:12 PM
नई दिल्ली/ चैन्नई। चक्रवात चेतावनी प्रभाग राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र और नई दिल्ली स्थित भारतीय मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि दक्षिण-पश्चिम में और बंगाल की खाड़ी से सटे दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र में बना मौसम का दबाव उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ गया है और पुदुचेरी से दक्षिण, दक्षिण-पूर्व में लगभग 600 किलोमीटर और चेन्नई के दक्षिण-दक्षिण-पूर्व में 630 किलोमीटर दूरी पर स्थित हो गया है। इसके अगले 24 घंटे में चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है। इसके 25 नवंबर की दोपहर के आसपास उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर बढ़ने और तमिलनाडु और पुदुचेरी के तटों के बीच कराइकल और मल्लापुरम को पार कर जाने की संभावना है।
तूफान के प्रभाव से 23 नवंबर के बाद भारत के दक्षिणी प्रायद्वीपों में बारिश होने की संभावना है, इसके अलावा 24 से 26 नवंबर के बीच तमिलनाडु, पुदुचेरी और कराइकल के ऊपर तथा 25 से 26 नवंबर के बीच दक्षिणी तटवर्ती आंध्र प्रदेश, रायलसीमा और तेलंगाना में भारी से अत्यधिक भारी बारिश और आंधी तूफान आने की संभावना है। इस दौरान तमिलनाडु और पुदुचेरी में 25-26 नवंबर को दक्षिणी तटवर्ती आंध्र प्रदेश और रायलसीमा में तथा 26 नवंबर को तेलंगाना में कहीं-कहीं बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम, पश्चिम-मध्य और दक्षिण-पश्चिम से सटे तथा तमिलनाडु और दक्षिण आंध्र प्रदेश के तटों पर और उससे कुछ दूर 45-55 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है। तूफान के धीरे-धीरे बढ़कर बंगाल की खाड़ी के पश्चिम मध्य और दक्षिण-पश्चिम में 65-75 किलोमीटर प्रति घंटे से लेकर 85 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक होने की संभावना है।
बंगाल की खाड़ी के पश्चिमी मध्य और तमिलनाडु के तट से दूर तथा मन्नार की खाड़ी के ऊपर चौबीस नवंबर को सुबह इसके 55-65 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ते हुए 75 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक चलने की संभावना है। यह आगे बढ़कर 100-110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ता हुआ 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पश्चिम बंगाल की खाड़ी और उत्तर तमिलनाडु और पुदुचेरी के तटों पर 65-75 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़कर 85 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से अगले 12 घंटे में 25 नवंबर की सुबह तक पश्चिम बंगाल की खाड़ी के पश्चिम मध्य से सटे इलाकों और दक्षिण आंध्र प्रदेश के तट से दूर मन्नार की खाड़ी और दक्षिण तमिलनाडु के तट और उससे दूर पहुंचने की संभावना है। बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम पश्चिम-मध्य और दक्षिण-पूर्व तथा तमिलनाडु, पुदुचेरी और दक्षिण आंध्र प्रदेश के तटवर्ती इलाकों और तट से दूर तथा मन्नार की खाड़ी में समुद्र की स्थिति बहुत खराब है।
चक्रवाती तूफान की यह स्थिति धीरे-धीरे 24 नवंबर तक दक्षिण-पश्चिम और बंगाल की खाड़ी से सटे पश्चिम-मध्य और तमिलनाडु, पुदुचेरी के तटवर्ती इलाकों और उनसे दूर समुद्र में तथा दक्षिण आंध्र प्रदेश के तटवर्ती इलाकों में बहुत खराब होती जाएगी। इन्हीं इलाकों में 25 नवंबर तक यह स्थिति और भी ज्यादा खराब होगी। मछुआरों को सलाह दी गई है कि वे 23-25 नवंबर के दौरान बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम और आस-पास के पश्चिम-मध्य और दक्षिण-पूर्वी समुद्र, मन्नार की खाड़ी और तमिलनाडु, पुदुचेरी और दक्षिण आंध्र प्रदेश के तटों से दूर समुद्र में न जाएं। इसके साथ ही इस समय समुद्र में जा चुके मछुआरों को तट पर लौटने और इन समुद्री क्षेत्रों में जाने से बचने की सलाह दी गई है। उत्तर सोमालिया के ऊपर गंभीर चक्रवाती तूफ़ान बीते 6 घंटे के दौरान लगभग 9 किलोमीटर प्रति घंटे के साथ पश्चिम की ओर बढ़ रहा है और उसी क्षेत्र पर एक चक्रवाती तूफान के रूप में कमजोर भी हो गया है। वह अब रास बिन्ना (सोमालिया) के 150 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में केंद्रित हो गया है। इसके क्रमश: पश्चिम की ओर बढ़ने और अगले 6 घंटों के दौरान धीरे-धीरे गहरे दबाव में आकर कमजोर पड़ने की संभावना है।
चूंकि यह चक्रवात भारतीय तट से दूर चला गया है, इसलिए भारत के पश्चिमी तटों पर इससे संबद्ध मौसम की कोई प्रतिकूलता होने की संभावना नहीं है, हालांकि दक्षिण-पश्चिम अरब सागर में जहाजों और मछुआरों के लिए चेतावनी बरकरार है। अदन की खाड़ी में और सोमालिया तट पर चलने वाली तेज हवा की गति 80-90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़कर 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर आ गई है और दक्षिण पश्चिम अरब सागर तथा उत्तर सोमालिया तट पर 60-70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तेज हवा की रफ्तार बढ़कर 80 किलोमीटर प्रति घंटे हो गई है। इसके 23 नवंबर की शाम तक घटकर धीरे-धीरे 40-50 किलोमीटर प्रति घंटे से लेकर 60 किलोमीटर प्रति घंटे तक आ जाने की संभावना है। अदन की खाड़ी और दक्षिण-पश्चिम अरब सागर के साथ-साथ उत्तर सोमालिया तट से कुछ दूर समुद्र की स्थिति 23 नवंबर शाम तक बहुत खराब हो जाएगी और उसके बाद इसमें सुधार होगा। मछुआरों को सलाह दी गई है कि वे 23 नवंबर की शाम तक अदन और दक्षिण-पश्चिम अरब सागर की खाड़ी और उत्तर सोमालिया तट से दूर समुद्र में न जाएं।