स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Tuesday 24 November 2020 08:38:35 PM
चेन्नई/ पुदुचेरी। दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने चक्रवाती तूफान ‘निवार’ की तीव्रता और भी ज्यादा बढ़ गई है। इसे देखते हुए तमिलनाडु और पुदुचेरी के तटों के लिए चक्रवाती तूफान अलर्ट का येलो संदेश जारी कर दिया गया है। जबरदस्त चक्रवाती तूफान के 25 नवम्बर की शाम को तमिलनाडु और पुदुचेरी के तटों कराइकल और ममल्लापुरम के बीच और पुदुचेरी से करीब से 100-110 किलोमीटर प्रति घंटे से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गुजरने की संभावना है। उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चक्रवाती समुद्री तूफान ‘निवार’ की स्थिति पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एडापल्ली के पलानीस्वामी और पुदुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी से बात की है। प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा है कि केंद्र सरकार सभी संभव सहायता प्रदान करेगी, मैं प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले सभी लोगों की सुरक्षा और कल्याण की प्रार्थना करता हूं।
भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक ने बताया है कि तमिलनाडु और पुदुचेरी के पुदुकोट्टई, तंजावुर, तिरुवरुर, कराइकल, नागापट्टीनम, कुड्डालोर, अरियालुर और पेरबालु जिलों में 24 नवम्बर के दौरान जबकि 25 नवम्बर को कडलूर, कल्लाकुरूची, पुदुचेरी, विल्लुपुरम, तिरुवन्नमलाई, चेंगलपट्टु, अरियालुर, पेराम्बलुर और कराइकल जिलों में और 25 तथा 26 नवंबर को दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश और रायलसीमा के नेल्लोर और चित्तूर जिलों में एवं 26 नवंबर को तेलंगाना में भारी वर्षा की संभावना है। दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में समुद्र की स्थिति उफान पर है। तमिलनाडु, पुदुचेरी, दक्षिण आंध्र प्रदेश के तटों और मन्नार की खाड़ी में समुद्र की स्थिति काफी अशांत है, 24 नवंबर की रात से बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम में धीरे-धीरे स्थिति काफी अशांत होगी। तमिलनाडु और पुदुचेरी के उत्तरी तटीय जिलों के निचले इलाकों में भू-स्खलन जबकि इन इलाकों से सटे समुद्र में 1 मीटर तक ऊंचे ज्वार के आने की संभावना है।
मछुआरों को बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम इसके आसपास के पश्चिम-मध्य और दक्षिण-पूर्व समुद्र, मन्नार की खाड़ी और तमिलनाडु, पुदुचेरी और दक्षिण आंध्र प्रदेश के तटों पर न जाने की सलाह दी गई है। गहरे दबाव के क्षेत्र अदन की खाड़ी और इससे सटे सोमालिया में तूफान कमजोर पड़ गया है। भारतीय मौसम विभाग नई दिल्ली के चक्रवाती चेतावनी प्रभाग राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र तूफान की स्थिति पर नज़र गड़ाए हुए है। दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और इससे सटे दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र में बने हवा के तीव्र दबाव ने पिछले 6 घंटे में 5 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पश्चिम-उत्तर की ओर बढ़ते हुए चक्रवाती तूफान निवार की तीव्रता में और ज्यादा वृद्धि कर दी है। भारतीय समयानुसार 24 नवंबर को सुबह 5.30 बजे यह तूफान पुदुचेरी के पूर्व-दक्षिण-पूर्व से लगभग 410 किलोमीटर और चेन्नई के दक्षिण-पूर्व से 450 किलोमीटर की दूरी पर बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम में केंद्रित हो गया है। अगले 24 घंटे के दौरान इसके और तीव्रता के साथ बढ़ते हुए जबरदस्त चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है और अगले 12 घंटे में इसके पश्चिम-उत्तर पश्चिम की ओर और इसके पश्चात उत्तर-पश्चिम से आगे बढ़ने की संभावना है।
भीषण चक्रवाती तूफान के कारण तमिलनाडु, पुदुचेरी और कराइकल में 25 से 26 नवंबर के दौरान तटीय आंध्र प्रदेश, रायलसीमा एवं 26 से 27 नवंबर को तेलंगाना में व्यापक रूपसे वर्षा या गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। तमिलनाडु, पुदुचेरी और आसपास के दक्षिण आंध्र प्रदेश के तटों और मन्नार की खाड़ी में इसकी गति धीरे-धीरे बढ़ेगी और जबकि यह उत्तरी तमिलनाडु और पुदुचेरी नागापट्टीनम, कराइकल, मायलादुथुराई, कुड्डालोर, पुदुचेरी, विल्लुपुरम और चेंगलपट्टु जिलों में 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ेगा। बंगाल की खाड़ी के पश्चिमवर्ती क्षेत्रों और इससे सटे दक्षिण आंध्र प्रदेश के तटों और मन्नार की खाड़ी के साथ-साथ तमिलनाडु के दक्षिण तटीय जिलों में 25 नवम्बर के अपराह्न से रात्रि के दौरान इसके 65 से 75 किलोमीटर प्रति घंटे से 85 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने की संभावना है। दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में समुद्र की स्थिति बहुत तीव्र है और तमिलनाडु, पुदुचेरी, दक्षिण आंध्र प्रदेश के तटों और मन्नार की खाड़ी में भी स्थिति भीषण बनी हुई है।
चक्रवाती तूफान से 25 नवंबर को पश्चिम-मध्य से सटे और दक्षिण-पश्चिम के अलावा तमिलनाडु, पुदुचेरी के तटों और दक्षिण तमिलनाडु और दक्षिण आंध्र प्रदेश के तटों के साथ-साथ और मन्नार की खाड़ी के ऊपर समुद्र की स्थिति अत्यंत भीषण होगी। तमिलनाडु और पुडुचेरी के समीपवर्ती जिलों और आंध्र प्रदेश के आसपास के इलाकों में नुकसान की आशंका को देखते हुए कुछ चेतावनी और सुझाव दिए गए हैं। छतों के साथ-साथ फूस के घरों झोपड़ियों को भारी नुकसान होने और धातुरहित चादरों के उड़ने की संभावना है। विद्युत और संचार लाइनों को नुकसान हो सकता है। कच्चे घरों को भारी नुकसान और पक्की सड़कों को कुछ नुकसान के साथ-साथ मार्गों पर बाढ़ आ सकती है। वृक्षों की शाखाओं के टूटने, बड़े वृक्षों के उखड़ने और केले और पपीते के पेड़ों के साथ-साथ बागवानी एवं फसलों और बागों को गंभीर नुकसान होगा। बड़े जर्जर वृक्षों के उखड़ने की संभावना है। तटीय फसलों, तटबंधों नमक के गड्ढों को नुकसान होगा।
मछुआरों को मछली पकड़ने के सभी अभियानों की मनाही है। उन्हें सलाह दी गई है कि वे इस दौरान बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम, इसके आसपास के पश्चिम-मध्य और दक्षिण-पूर्व समुद्र, मन्नार की खाड़ी और तमिलनाडु, पुदुचेरी और दक्षिण आंध्र प्रदेश के तटों पर मछली पकड़ने समुद्र में न जाएं। तटीय झोपड़ी निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। प्रभावित क्षेत्रों में लोग घर के अंदर रहेंगे। मोटर बोट्स का संचालन असुरक्षित है। उत्तर सोमालिया तट के समुद्र और अदन की खाड़ी के ऊपर अगले 12 घंटों के दौरान समुद्र की स्थिति अशांत से काफी अशांत रहेगी।