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Sunday 29 November 2020 05:07:17 PM
नई दिल्ली। भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने देखो अपना देश वेबिनार श्रृंखला के तहत साहसिक पर्यटन पर केंद्रित 'साहसिक पर्यटन के 12 माह' पर एक वेबिनार आयोजित किया, जिसमें भारत को पूरे वर्ष पर्यटन गंतव्य स्थान के रूपमें रेखांकित किया गया। समृद्ध प्राकृतिक और सांस्कृतिक संसाधनों से भरपूर भारत को वैश्विक पर्यटन और पर्यटन सूचकांक में 34वां स्थान दिया गया है। विश्व आर्थिक मंच ने पूरे विश्व में प्राकृतिक धरोहर सूचकांक में भारत को पांचवा उत्तम गंतव्य स्थान का दर्जा प्रदान किया है। भारत में असीमित प्राकृतिक संसाधन हैं, जिनकी खोज की जानी बाकी है और इसे एक अनुभव के तौरपर देश में साहसिक पर्यटन अपार संभावनाएं प्रदान करता है। देखो अपना देश वेबिनार श्रृंखला एक भारत श्रेष्ठ भारत के तहत देश की समृद्ध विविधता को दर्शाने का एक प्रयास है और इस वर्चुअल प्लेटफॉर्म से इस भावना को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है।
साहसिक पर्यटन पर वेबिनार वर्चुअल आधार पर किसी भी व्यक्ति को देश की मजबूती, क्षमता और पर्वतों, जंगलों, नदियों, मरुस्थलों, मैग्रोंव, द्वीपों, नहरों, वन्यजीव एवं 31 से अधिक साहसिक गतिविधियों के छिपे रहस्यों के बारे में बताता है, जो किसी भी भारतीय और विदेशी पर्यटक को लुभाएगा। इस वेबिनार का प्रस्तुतिकरण हॉलिडे मूड्स एडवेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक तेजबीर सिंह आनंद ने किया। तेजबीर सिंह को भारतीय पर्यटन उद्योग के क्षेत्र में तीन दशक से अधिक का अनुभव है और उन्हें भारतीय साहसिक टूर्स ऑपरेटर्स एसोसिएशन ने ‘हॉल ऑफ फेम अवार्डी’ से सम्मानित किया है। उन्होंने कहा कि साहसिक पर्यटन और संस्कृति के नजरिए से भारत पूरे वर्ष एक पसंदीदा गंतव्य स्थान है और यह इतना विशाल है कि इसको देखने के लिए एक जीवन भी पर्याप्त नहीं है। तेजबीर सिंह ने साहसिक पर्यटन की परिभाषा देते हुए अपने प्रस्तुतिकरण की शुरुआत की और कहा कि साहसिक पर्यटन को चुनौतीपूर्ण अभियानों के मृदु अनुभव के रूपमें भी व्यक्त किया जा सकता है।
भारतीय साहसिक टूर्स ऑपरेटर्स एसोसिएशन की स्थापना देश में साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में अपार संभावनाओं के बारे में जागरुक करने के उद्देश्य से की गई थी और इसका उद्देश्य इसे सुरक्षित, संवेदनशील और पर्यावरण अनुकूल तरीके से हासिल करना है। यह एसोसिएशन देश में साहसिक पर्यटन की क्षमताओं के बारे में विदेशी पर्यटकों को जागरुक करने के लिए भी कार्य करती है। भारत विश्व के उन कुछ गिने-चुने देशों में से एक है, जिसका प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक आकर्षण हर किसी को लुभाता है, यह इतना विविध और जटिल है, जो हर प्रकार के कल्पना योग्य परिदृश्य के बारे में अनेक अवसरों का वादा करता है। हिमालय की हमेशा बर्फ से ढके रहने वाली चोटियों से लेकर पूर्ण वेग के बहती नदियां, कल-कल बहते झरने, घने जंगल, वन्य जीवन से भरपूर वन्य क्षेत्र, खूबसूरत घाटियां, विशाल समुद्री तट, चांद को निहारने के जादुई दृश्य, पश्चिम के विशाल रेगिस्तान से लेकर प्राचीन परंपराएं और विविध रंगो युक्त संस्कृति के उत्सव सभी यात्रियों के लिए अनोखा रोमांच प्रस्तुत करते हैं।
साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में 12 महीने तक चलने वाली गतिविधियों के विषय क्षेत्र हैं जैसे-शीत ऋतु (नवंबर-फरवरी) उत्तर पूर्व-असम, मेघालय, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में गतिविधियां-ट्रैकिंग, क्रूजिंग, बाइकिंग इत्यादि। राजस्थान-जैसलमेर, थार का रेगिस्तान, जोधपुर, पोखरण में गतिविधियां-पारासेलिंग (अर्ध-नौकायन), कैम्पिंग (शिविर लगाना), हॉट एयर बैलून। हरियाणा-धाऊज जो चट्टान पर चढ़ने के लिए जाना जाता है। जम्मू और कश्मीर-स्की के लिए विख्यात गुलमर्ग, लद्दाख-बर्फीली चोटियों पर चढ़ना, बर्फीली क्षेत्र में हॉकी खेलना, लेह और कारगिल में साइकिल चलाना, हिमाचल प्रदेश-मनाली, धर्मशाला, कुल्लू, सिरमौर, शिमला में गतिविधियां-स्की, साइकलिंग, बर्फीले क्षेत्र में ट्रैकिंग करना, पैराग्लाइडिंग। उत्तराखंड-कुमाऊँ और गढ़वाल के निचले क्षेत्र में गतिविधियां-राफ्टिंग, साइकलिंग,जिपलाइन, बंजी। वसंत ऋतु (मार्च-अप्रैल) जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और सिक्किम में साहसिक गतिविधियां संभव है। गर्मियां (मई-जून) हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के ऊंचाई वाले क्षेत्र में ट्रैकिंग गतिविधियां संभव हैं। जम्मू-कश्मीर, लद्दाख-नूबरा और जांसकार में विविध साहसिक गतिविधियां आयोजित की जाती हैं।
हिमाचल की घाटियां-किन्नौर, स्पीति और लाहौल, लद्दाख, जम्मू- कश्मीर तथा अरावली की पहाड़ियों उदयपुर, रणकपूर और कुम्भलगढ़ में अनेक प्रकार की साहसिक गतिविधियां का आयोजन होता है। पतझड़ (सितम्बर-अक्टूबर) उत्तर पूर्व राज्यों में अनेक साहसिक गतिविधियों का लुत्फ उठाया जा सकता है। देश में प्राकृतिक धरोहर के सभी सम्मिश्रण है, जिनका आनंद पूरे वर्ष लिया जा सकता है। ये पर्वतक्षेत्र, नदी तंत्र, जैव आरक्षित क्षेत्र, वन्य जीव अभ्यारण्य और राष्ट्रीय उद्यान है। विश्व में हिमालय सबसे नवीन पर्वत श्रृंखला है और इसका 73 प्रतिशत हिस्सा भारत में ही है, जबकि अरावली सबसे प्राचीन पर्वत श्रेणियों में से है। भारत के प्रमुख नदी तंत्रों में सिंधु नदी तंत्र, ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र (3969 किलोमीटर) और गंगा नदी तंत्र (2704 किलोमीटर) है। देश में 18 जैव आरक्षित क्षेत्र हैं, 551 वन्य जीव अभ्यारण्य हैं, जो भारत के 3.64 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते है और राष्ट्रीय उद्यान देश के कुल क्षेत्र का 1.23 प्रतिशत हिस्सा समाहित करते हैं। रेगिस्थान जैसे सफेद नमक वाला कच्छ का रण (2898 वर्गमील), थार का रेगिस्थान (66000 वर्गमील) में साहसिक पर्यटन के प्रचुर अवसर है।
भारत के ठंडे हिमालयी रेगिस्थान के रूपमें विख्यात लद्दाख क्षेत्र भी में अनेक साहसिक गतिविधियां होती है। केरल में नहरों, 38 नदियों और 5 विशाल झीलों का 1500 किलोमीटर लम्बा क्षेत्र है। भारत में सुन्दरी वनों के क्षेत्र में आने वाला कुल क्षेत्र 4921 वर्ग किलोमीटर है। हिमालय की सबसे बड़ी झील पागौंगत्सो (4238 मीटर) है और सिक्किम में गुरूडोंगमर झील सबसे अधिक ऊंचाई (5148 मीटर) पर है। एटीओएआई ने भूमि, वायु और पानी पर आधारित साहसिक गतिविधियों को भी सूचीबद्ध किया है। भूमि आधारित साहसिक गतिविधियों में सभी इलाकों में वाहन भ्रमण, बंजी जंपिंग, साइकलिंग टूर, ऊंट सफ़ारी, घोड़ा सफ़ारी, जीप सफ़ारी, मोटर साइकिल यात्रा, पर्वतारोहण, प्रकृति भ्रमण पक्षियों को देखना, पर्वतारोहण और व्यक्तिगत हल्के इलेक्ट्रिक वाहनों से भ्रमण करना, स्कीइंग स्नो बोर्डिंग, ट्राकिंग, वन्यजीव सफारी, जिप वायर और हाईरोप कोर्स आदि शामिल है। वायु आधारित साहसिक पर्यटन में हॉट एयर बैलूनिंग, पैराग्लाइडिंग हैंड ग्लाइडिंग, पैरा मोटरिंग, पैरासेलिंग, स्की डाइविंग, एयर सफारी, काइट बोर्डिंग शामिल हैं।
पानी आधारित साहसिक पर्यटन में सी कयाकिंग, राफ्टिंग, रिवर क्रूज़िनिग, स्कूबा डाइविंग, स्नोर्केलिंग, जलक्रीडा केंद्र आवश्यक है। दिशा-निर्देश ज्यादातर मानक संचालन प्रक्रिया निर्देश या जोखिम शमन और आपात स्थिति पर आधारित हैं, आपातकालीन और बचाव, सुरक्षा के बारे जानकारी देना, चिकित्सा चिंताएं, उड़ान अनुमति, उपकरण, साइन बोर्ड का उपयोग, शराब या ड्रग्स का सेवन नहीं करने संबंधी निर्देश, प्रशिक्षित जनशक्ति, जोखिम प्रबंधन रणनीति, निरीक्षण और रखरखाव संबंधी जानकारी है। बीमा देयताएं, मृत्यु और विकलांगता जैसी स्थिति में यात्री किसी भी साहसिक गतिविधि में शामिल होने से पहले टूर ऑपरेटरों से बीमा का लाभ उठा सकते हैं। प्रस्तुतकर्ता का कहना है कि भारत की प्राकृतिक विरासत को बचाने तथा इसमें बढ़ावा देने के लिए यह जरूरी हो जाता है कि एक ही प्रकार के मार्गों पर बहुत सारे पर्यटकों से बचा जाना चाहिए। उनका कहना है कि यदि हमारी प्राकृतिक विरासत ही खतरे में है तो यह पर्यटकों के लिए बहुत ही खराब और आसपास के गंदे क्षेत्रों संबंधी अनुभव का कारण बनेगी, हमें किसी भी स्थान पर एकसाथ अधिकतम लोगों को वहन करने की क्षमता को ध्यान में रखना है और पर्यावरण सुरक्षा के लिए कारगर पहल करते रहनी है।
पर्यटक के लिए सबसे अच्छा अनुभव प्राकृतिक धरोहर से रूबरू होना, इसके बारे में जानकारी को बढ़ावा देना और नए स्थान तलाशने का आनंद सबसे बेहतरीन अनुभव होगा। अपर महानिदेशक रूपिंदर बरार ने वेबिनार के समापन पर भारत में पर्यटन क्षमता और पर्यटकों के लिए पूरे वर्ष उपलब्ध रहने वाले साहसिक गतिविधियों के बारे जानकारी दी। उन्होंने कहा हालांकि आज हम वर्चुअल रूपसे यात्रा कर रहे हैं, लेकिन वह दिन दूर नहीं जब हम अपने सामान को पैक करके सचमुच की यात्रा में शामिल होंगे। उन्होंने वर्चुअल प्रतिभागियों को कोविड-19 के सभी दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया, जिसमें मास्क पहनना, सामाजिक दूरी बनाए रखना और यदि संभव हो तो छोटी यात्रा करने जैसी बातें शामिल थीं।