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'पक्षियों के प्रति लोगों में आकर्षण तेजी से बढ़ा'

देखो अपना देश वेबिनार श्रृंखला में 'बर्डिंग इन इंडिया' वेबिनार

'बर्डिंग पर्यटन दुनियाभर में एक बिलियन डॉलर का उद्योग है'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 14 December 2020 12:28:18 PM

birding in india webinar

नई दिल्ली। भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने देखो अपना देश वेबिनार श्रृंखला के तहत 'बर्डिंग इन इंडिया' शीर्षक से एक वेबिनार का आयोजन किया, जिसका उद्देश्‍य भारत में पक्षी और पक्षियों से जुड़े अवसरों पर ध्‍यान केंद्रित करना है। भारत की जैव विविधता दुनिया में सबसे समृद्ध है। भारत हिमालय, रेगिस्तान, तट, वर्षावन और उष्णकटिबंधीय द्वीपों से लेकर लगभग सभी प्रकार के पारिस्थ्‍िातिकी क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करता है और यह 1300 से अधिक विदेशी पक्षी प्रजातियों के साथ-साथ भारत में ही मिलने वाली कुछ विशेष प्रजातियों जैसे इंडियन रोलर, हॉर्नबिल्स, सॉर्स क्रेन, ग्रेट इंडियन बस्टर्ड, वुडपैकर्स, किंगफिशर के अलावा कई अन्‍य मनमोहक पक्षियों का पर्यावास है। गौरतलब है कि देखो अपना देश वेबिनार श्रृंखला ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के तहत भारत की समृद्ध विविधता को दर्शाने का एक प्रयास है और वर्चुअल प्लेटफॉर्म के माध्यम से निरंतर एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना का प्रसार किया जा रहा है।
बर्डिंग इन इंडिया वेबिनार की प्रस्‍तुति इस क्षेत्र में अध्‍ययन की रूचि और दुर्लभ पक्षियों के दस्‍तावेजों का संग्रहण करने वाले प्रकृतिवादी, वन्यजीव फोटोग्राफर और फिल्म निर्माता के रूपमें सक्रिय सौरभ सावंत ने की। सौरभ सावंत के शोध कार्य में मुख्य रूपसे पक्षी, उभयचर और दंतपक्षी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि भारतीय संस्कृति में पक्षी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, पौराणिक कथाओं में विभिन्न पक्षियों को देवों और देवताओं के वाहन के रूपमें दर्शाया गया है, पक्षी भी युगों से मनुष्‍यों के बहुत करीब रहे हैं और यह पाषाणयुग से लेकर आधुनिक युग तक रॉक पेंटिंग, गुफा पेंटिंग, मुगल पेंटिंग में उकेरे चित्रों में मनुष्य के जीवन के लिए बहुत प्रेरणादायक होने के साथ-साथ उनका अभिन्न अंग हैं। सौरभ सावंत ने कहा कि आर्कटिक से अंटार्कटिका तक विभिन्न प्रकार की जलवायु परिस्थितियों, विभिन्न जैव विविधताओं और पर्यावासों में पक्षी हर जगह पाए जाते हैं। सौरभ सावंत ने कहा कि बर्डिंग न सिर्फ हमारी संवेदनाओं को और भावपूर्ण बनाती है, अपितु यह हमें प्रकृति के करीब भी लाती है।
सौरभ सावंत ने कहा कि प्रकृति की शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है, एक उत्साहपूर्ण यात्रा में स्थानीय संस्कृति की जानकारी लेना और उसे समझना, स्थानीय समुदायों के साथ रहना और उनके परिवेश का अध्ययन करना, खान-पान की आदतों, वृक्षों पर बने मोखों में रहने वाले पक्षियों का अध्‍ययन करना और पशु-पक्षियों की आवाजों का श्रवण करते हुए उस क्षेत्र की यात्रा करना शामिल है। सौरभ सावंत ने कहा कि यह अनुभवों की एक बेहतरीन दुनिया है, बर्डिंग एक ऐसी गतिविधि है, जो हमें प्रकृति और स्थानीय समुदायों के करीब लाने में मदद करती है। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में लगभग 11,000 पक्षी प्रजातियां हैं और इनमें से 1300 से अधिक प्रजातियां भारत में पाई जाती हैं, बर्डिंग पर्यटन दुनियाभर में एक बिलियन डॉलर का उद्योग है। वेबिनार प्रस्तुतकर्ता ने कहा कि बर्डिंग उद्देश्य के साथ हर वर्ष लाखों अंतर्राष्‍ट्रीय यात्राएं की जाती हैं और भारत में ट्रांस हिमालय से लेकर रेगिस्तान, पश्चिमी घाट, डेक्कन प्रायद्वीप, गंगा के मैदान, उत्तर-पूर्व क्षेत्र और द्वीपों के विभिन्न क्षेत्रों में जैव विविधता की व्‍यापक क्षमता है।
वेबिनार प्रस्तुतकर्ता ने बताया कि भारत में स्तनधारी, पक्षी, सरीसृप, उभयचर और तितलियों की अनुमानित 91,000 प्रजातियां है, इन प्रजातियों और पर्यावरण की रक्षा के लिए जागरुकता हेतु सरकारी और गैर-सरकारी संगठन विभिन्न स्तरों पर प्रयास कर रहे हैं। सौरभ सावंत ने कहा कि पक्षियों के औपचारिक वैज्ञानिक अध्ययन को ऑर्निथोलॉजी कहा जाता है, पक्षियों को निहारने की प्रक्रिया में उनकी पहचान करना और मन बहलाव के लिए उनके व्यवहार को समझना शामिल है। सौरभ सावंत ने कहा कि पक्षियों के प्रति आकर्षण तेजी से बढ़ रहा है और इसका आनंद सभी आयु समूह ले रहे हैं। अपर महानिदेशक रुपिंदर बराड़ ने भारत की जैव-विविधता के बारे में जानकारी दी कि किस प्रकार से बर्डिंग पर्यटन हमें स्थानीय समुदायों से जोड़ता है। उन्होंने कहा कि यह व्‍यक्ति को विभिन्न स्थानीय समुदायों के साथ जोड़ते हुए उनकी संस्कृति, खान-पान आदि को समझने के साथ-साथ एक भारत श्रेष्ठ भारत के महत्व को इंगित करते हुए अद्भुत अनुभव प्रदान करता है।

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