Monday 21 December 2020 05:34:30 PM
दिनेश शर्मा
मिदनापुर (पश्चिम बंगाल)। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपने दो दिन के पश्चिम बंगाल दौरे पर बंगाल में भाजपा से 'अमार शोनार बांग्ला' की आस जगा दी। मुसलमानों के वोट की खातिर दशकों से कम्युनिस्टों कांग्रेस और अब तृणमूल कांग्रेस शासन के मुस्लिम तुष्टिकरण के अत्याचारों से दबे-कुचले पूरे पश्चिम बंगाल में आज बंगाली अस्मिता के जोश की कोई सीमा नहीं है। अमित शाह के पश्चिम बंगाल दौरे से इस सच्चाई पर मुहर लग गई है। तृणमूल कांग्रेस, वामपंथ और कांग्रेस के अनेक वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं का भाजपा में शामिल होते जाना और अमित शाह के सामने टीएमसी के बड़े नेता शुभेंदु अधिकारी, टीएमसी के दस विधायकों और तृणमूल के सांसद सुनील मंडल का भारी संख्या में अपने कार्यकर्ताओं के साथ भाजपा में शामिल होना सिद्ध करता है कि इसबार पश्चिम बंगाल की जनता ममता बनर्जी की टीएमसी सरकार को उखाड़ फेकने जा रही है और भाजपा की सरकार बना रही है।
पश्चिम बंगाल में वामपंथियों, कांग्रेसियों और दीदी के नाम से ख्यातिप्राप्त ममता बनर्जी ने गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के विश्वास 'अमार शोनार बांग्ला' को जमीन में गाड़कर अपने बंगालियों को आजतक इस्लामिक बंग्लादेशी घुसपैठियों के रहम पर छोड़ा हुआ है। पश्चिम बंगाल में दशकों से मुस्लिम वोटों के लिए बड़ी संख्या में बसाए जा रहे बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमान घुसपैठियों के सामने मूल बंगाली बेबस हैं। ऐसे भी अनेकानेक दृष्टांत हैं कि इन्हीं सरकारों में हजारों बंगालियों को हमेशा के लिए खामोश कर दिया गया है। यूं तो संघ और भाजपा के लोग अपनी क्षमतानुसार काफी समय से बंगालियों के बीच उनके अधिकारों मान-सम्मान के लिए काम करते आ रहे हैं, लेकिन बंगाल सरकार के मुस्लिम तुष्टिकरण के कारण बंगालियों में खुलकर सामने आने का एक डर था, जो एक लंबे समय बाद भाजपा के साथ आने की हिम्मत में बदला। देश में भाजपा की पूर्ण बहुमत की नरेंद्र मोदी सरकार आने से बंगालियों को भाजपा से उम्मीद जगी और उन्होंने इसके लिए अपने अनेक बलिदान देते हुए, बांग्लादेशी मुसलमानों से मुक्ति पाने के लिए, इसबार बंगाल में भाजपा को अठ्ठारह लोकसभा सीटें जिता कर संदेश दे दिया कि विधानसभा चुनाव में भी बंगाली भाजपा को सत्ता सौंपना चाहते हैं।
पश्चिम बंगाल के बंगालियों को आज अपने बंगाल में अपनी सत्ता देखने के लिए भाजपा एक भरोसेमंद विकल्प मिल गया है और उन्हें यह विश्वास हो गया है कि वे अब विधानसभा चुनाव में भाजपा की सरकार बनाएंगे एवं गुरुदेव का 'अमार शोनार बांग्ला' फिरसे देख पाएंगे। मिदनापुर से भाजपा और पश्चिम बंगाल का यह संदेश बंगाल से लेकर बांग्लादेश और अपने देशभर में पहुंच चुका है। भारत-चीन टकराव के बीच जो बांग्लादेश चार महीने पूर्व भारत को भी आंखें दिखाने लगा था, दो दिन पहले उसकी प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने हल्दीबाड़ी और बांग्लादेश के चिल्हाटी के बीच रेलवे लिंक के संयुक्त उद्घाटन के अवसर पर बहुत मित्रवत विनम्र स्वर सुनाई दिए, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अब बांग्लादेश ने भी मान लिया है कि पश्चिम बंगाल में दीदी का शासन जा रहा है और प्रचंड बहुमत से भाजपा की सरकार आ रही है। पश्चिम बंगाल में भाजपा की सरकार आने का मतलब है कि बांग्लादेश की अब ईमानदारी से पूरी तरह भारत के साथ मिलकर चलने में ही भलाई है, क्योंकि भाजपा सरकार मुस्लिम तुष्टिकरण नहीं करेगी, अपितु सबसे पहले बंगालियों के हित देखेगी, पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश सीमा पर सबसे बड़ी समस्या बंग्लादेश की तरफ से तस्करी जैसी समस्त गैरकानूनी गतिविधियों और आवाजाही को कुचलने का काम करेगी, ऐसा ही पश्चिम बंगाल के लोग भी चाहते हैं, इसीलिए वह भाजपा के साथ खड़े हो गए हैं।
मिदनापुर में अमित शाह ने अपनी विशाल रैली में भारत माता की जय, जय श्रीराम और वंदे मातरम के नारे के साथ तृणमूल कांग्रेस को बंगाल से उखाड़ने का आह्वान किया और कहा कि पश्चिम बंगाल का मुख्यमंत्री पश्चिम बंगाल की माटी से ही बनेगा। तृणमूल कांग्रेस के लिए यह कम सदमे वाली बात नहीं है कि उसके एक सांसद और दस विधायक भाजपा में शामिल हो गए हैं और अभी न जाने कितने और टीएमसी नेता, कांग्रेसी और वामपंथी हैं जो भाजपा में शामिल होने को आतुर हैं। अमित शाह ने बीरभूम जिले के बोलपुर इलाके में प्रचंड रोड शो किया। स्वयं टीएमसी के नेता भी दबी जुबान बोल रहे हैं कि यह रोड शो कोई मामूली नहीं है, यह जनसैलाब है जो टीएमसी को निर्णायक चुनौती दे रहा है। टीएमसी के नेता यह भी कह रहे हैं कि बंगाल में और दूसरे राजनीतिक दलों की तरह दीदी ममता बनर्जी का अपनों की उपेक्षा करके मुस्लिम तुष्टिकरण से सरकार चलाना बहुत महंगा साबित हुआ है। वो उदाहरण दे रहे हैं कि दीदी ने उत्तर प्रदेश से सबक नहीं लिया, जहां समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव और उनके पुत्र अखिलेश यादव एवं बसपा अध्यक्ष मायावती को मुस्लिम तुष्टिकरण के कारण ही सत्ता से बाहर होना पड़ा है, इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव पराजय मिली, इसी कारण कांग्रेस बर्बाद हो चुकी है और देशभर में तेजी से भाजपा का शासन बढ़ता जा रहा है। भाजपा का प्रभाव मुस्लिम प्रभाव वाले कम्युनिस्ट राज्य केरल में भी बढ़ते जाने का मतलब है कि देश की जनता में मुसलमानों के प्रति भारी आक्रोश है और उसको इससे निपटने के लिए भाजपा सबसे अच्छा विकल्प मिल गया है।
अमित शाह के लंबे रोड शो और विशाल जनसभा ने पश्चिम बंगाल में भाजपा का गजब का माहौल बना दिया है। अमित शाह ने पश्चिम बंगाल की धरा को नमन करते हुए कहा कि मिदनापुर की भूमि महान शिक्षा शास्त्री एवं समाज सुधारक ईश्वरचंद्र विद्यासागर और वीर शहीद खुदीराम बोस की जन्म भूमि है। उन्होंने कहा कि मैं शहीद खुदीराम बोस के घर पर जाकर उन्हें अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करके वहां की माटी को अपने कपाल पर लगाकर आया हूं, मैं उनकी भूमि को बारंबार नमन करता हूं। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री अजय मुखर्जी, पूर्व सांसद सतीश एवं जनसंघ के पूर्व सांसद दुर्गाचरण बनर्जी को भी स्मरण किया। अमित शाह बंगाल दौरे पर वह सब कर रहे हैं, जिससे बंगाल में भाजपा के प्रति और भाजपा नेतृत्व के प्रति समर्थन और विश्वास बढ़ रहा है। अमित शाह इस मौके पर विश्वभारती गए, जहां उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में रवींद्र भवन में गुरुदेव रवींद्र्रनाथ टैगोर को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने लोक कलाकार बासुदेव दास का लोकगीत सुना और उनके घर भोजन भी किया। अमित शाह महान स्वतंत्रता बलिदानी खुदीराम बोस को नहीं भूले। उन्होंने उनकी प्रतिमा पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी, उनके घर गए। अमित शाह ने इस दौरे में कोलकाता में श्रीरामकृष्ण मिशन में स्वामी विवेकानंद को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने मिदनापुर के प्रसिद्ध माँ सिद्धेश्वरी मंदिर और देवी महामाया मंदिर में पूजा-अर्चना की। वे मेदिनीपुर के बेलिजुरी गांव गए और किसान परिवार झुनु सिंह और सनातन सिंह के घर दोपहर का भोजन किया। पश्चिम बंगाल का मूल बंगाली केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के गीत गा रहा है। अमित शाह का यह दौरा पश्चिम बंगाल में भाजपा का चुनावी शंखनाद माना गया है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और टीएमसी के नेता भाजपा को रोकने के लिए बंगालियों में प्रचार कर रहे हैं कि बंगाल चुनाव में भाजपा आई तो कोई बाहर का व्यक्ति मुख्यमंत्री बना दिया जाएगा, मगर बंगाल के लोगों को टीएमसी के नेताओं की किसी भी बात पर भरोसा नहीं है। टीएमसी प्रभाव वाले इलाकों में भी ममता बनर्जी के विरोध की आवाज़ें सुनी जा रही हैं। बंगाल में कहा जा रहा है कि पहले वाम नेता ज्योति बसु ने बंगालियों को ठगा और मुस्लिम तुष्टिकरण करके मेरा सोने का बंगाल या मेरा सोने जैसा बंगाल को चोट पहुंचाई अब यही काम ममता बनर्जी ने करके पश्चिम बंगाल में बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमानों को बसाकर बंगाल के मूल बंगालियों पर अत्याचार कराए हैं। पश्चिम बंगाल में आम धारणा है कि मुस्लिम वोटों के लिए ममता बनर्जी ने मुसलमानों को ही नौकरियां सुविधाएं और उनके विकास के विभिन्न अवसर दिए हैं एवं बंगालियों को टीएमसी को वोट देने और मरने के लिए छोड़ दिया। बंगाल के लोगों का कहना है कि भाजपा ने उन्हें उनके खोए हुए बंगाली स्वाभिमान, मनोबल बढ़ाने एवं जीने का साहस दिया है, इसलिए आज बंगाली समाज बंगाल में प्रचंड बहुमत से भाजपा की सरकार बनाने जा रहा है। अमित शाह ने मिदनापुर कॉलेज ग्राउंड में विशाल जनसभा में बंगाल की पीड़ा को समझते हुए कहा कि दीदी और टीएमसी भ्रष्टाचार और अराजकता की पर्याय बन चुकी है। शुभेंदु अधिकारी आदि के भाजपा की सदस्यता लेते समय मंच पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय, पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय, वरिष्ठ नेता राहुल सिन्हा, केंद्रीय मंत्री देबोश्री चौधरी, सांसद ज्योतिर्मय महतो, लॉकेट चटर्जी, सौमित्र खान, राज्यसभा सांसद स्वप्नदास गुप्ता, भारती घोष, सान्याल दत्ता भी उपस्थित थे।
अमित शाह ने अपने पश्चिम बंगाल दौरे पर न केवल बंगाली समाज को भाजपा के प्रति उत्साह से भर दिया है, अपितु तृणमूल कांग्रेस, वामपंथ और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं को भाजपा में शामिल कर इन दलों को तगड़ा झटका दिया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सबसे बड़ा सदमा शुभेंदु अधिकारी ने दिया, जब वे अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए। तृणमूल के सांसद सुनील मंडल के भी भाजपा में शामिल होने से दीदी को झटका लगा है। मिदनापुर में एक विशाल रैली में भारत माता की जय, जय श्रीराम और वंदे मातरम के नारे के साथ अमित शाह ने तृणमूल कांग्रेस को पश्चिम बंगाल से उखाड़ने का आह्वान किया और कहा कि पश्चिम बंगाल का मुख्यमंत्री पश्चिम बंगाल की माटी से ही बनेगा। तृणमूल कांग्रेस के लिए यह कम सदमे वाली बात नहीं है कि उसके एक सांसद और दस विधायक भाजपा में शामिल हो गए हैं और अभी न जाने को कितने और टीएमसी नेता भाजपा में शामिल होने को आतुर हैं। अमित शाह ने कहा कि शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस, कम्युनिस्ट से अच्छे लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में काम करने के लिए भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हैं। अमित शाह ने कहा कि पश्चिम बंगाल में भाजपा की सुनामी दिख रही है, यही कारण है कि इतने सारे लोग अपनी पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो रहे हैं। अमित शाह ने कहा कि ये वे लोग हैं जो ‘माँ, माटी, मानुष’ के नारे के साथ दीदी के साथ चले थे, लेकिन ममता दीदी ने ‘माँ, माटी, मानुष’ के नारे को ‘टोलबाजी, तुष्टिकरण और भतीजावाद' में परिवर्तित कर दिया।
अमित शाह ने कहा कि ममता दीदी की सरकार में अराजक तत्वों को राजनीतिक शरण मिली, अम्फान तूफ़ान के पीड़ितों के लिए जो सहायता भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार ने भेजी थी, उसे भी तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता हड़प ले गए, गरीब जनता को कुछ भी मिल नहीं पाया, यहां तक कि इस मामले में हाईकोर्ट को ऑर्डर देना पड़ा कि इसकी सीएजी से जांच कराई जाए। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगतप्रकाश नड्डा के काफिले पर हमले की भर्त्सना करते हुए अमित शाह ने कहा कि हमारे तीन सौ से अधिक कार्यकर्ताओं की जानें गई हैं। उन्होंने उन प्रमुख कार्यकर्ताओं के नाम लिए जिनकी बंगाल में नृशंस हत्याएं कर दी गईं हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिमी मिदनापुर से भाजपा कार्यकर्ता बच्चू बेहरा, जगदल से मीलान हलधर, हावड़ा से कीकर मांझी, कूचबिहार से रोहिताश्व विश्वास, आरामबाग से आमिर अली खान, झाड़ग्राम से रामपदा बेड़ा, कांथी से शेख अजहर, बीरभूम से संकरी पागडी, विष्णुपुर से गोपालचंद्र पाल और पुरुलिया से शिशुपाल की नृशंस हत्या कर दी गई। अमित शाह ने कहा कि पश्चिम बंगाल की जनता भाजपा को भी पांच वर्ष का सेवा का अवसर दे, हम पश्चिम बंगाल को शोनार बांग्ला बनाकर रहेंगे।