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Tuesday 22 December 2020 02:21:45 PM
लखनऊ/ नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी जैसे सरकारी अस्पतालों ने कोरोना महामारी से जंग में अग्रणी भूमिका निभाई है, इनके प्रयासों के कारण ही लाखों देशवासी घनी आबादी और सीमित आय जैसी परिस्थितियों के बावजूद कोविड-19 की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हुए। उन्होंने इच्छा व्यक्त की कि दुनियाभर में भारत के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के बारे में ‘क्योर इन इंडिया’ कहा जाए। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद वीडियो मैसेज के माध्यम से किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ के 16वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। राष्ट्रपति ने केजीएमयू जैसे सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों, नर्सों और सभी स्वास्थ्यकर्मियों को विशेष रूपसे धन्यवाद दिया, जो कोरोना का मुकाबला करने में फ्रंटलाइन योद्धा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन योद्धाओं के लिए सभी प्रशंसा कम है, अनेक कोरोना योद्धा इस लड़ाई में अपनी जान गवां चुके हैं, इन कुर्बानियों के लिए देश हमेशा उनका ऋणी रहेगा।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि संचार टेक्नोलॉजी और 21वीं सदी की स्वास्थ्य सेवाओं में लगे डॉक्टरों की व्यक्तिगत प्रतिभा के बीच तालमेल बनाने के प्रयास पूरी दुनिया में जारी हैं,। बिग डाटा, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, रॉबोटिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी तथा कनेक्टिविटी के साथ बॉयोसाइंस के उचित समन्वय से स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में क्रांति हो रही है। उन्होंने कहा कि 58 विशेषज्ञताओं के साथ केजीएमयू के पास प्राथमिक डाटा आधारित अंतर विषयी और बहु विषयी क्षमता है। उन्होंने कहा कि केजीएमयू जैसी अग्रणी संस्थानों को मौलिक शोध पर उच्चस्तर का काम जारी रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि केजीएमयू के पूर्ववर्ती छात्र पिछले कई दशक से महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं, देश-विदेश में शीर्ष चिकित्सा संस्थानों में ऊंचे पदों पर सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि केजीएमयू एल्युमिनी एसोसिएशन के 12,500 सदस्य अंतर्राष्ट्रीय स्तरपर सक्रिय हैं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने एसोसिएशन को एक नॉलेज पोर्टल बनाने का सुझाव दिया, जहां भारत और विदेशों में काम कर रहे इस संस्थान के पूर्ववर्ती छात्र चिकित्सा व्यवहारों, शोध कार्य, जटिल रोग इलाजया स्वास्थ्य सेवा से संबंधित ज्ञान और अनुभव को साझा कर सकें। राष्ट्रपति ने कहा कि अनेक देशों के लोग गंभीर बीमारियों का इलाज कराने भारत आते हैं, क्योंकि उन्हें कम लागत पर विश्वस्तरीय इलाज मिलता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि नई और पुरानी पीढ़ी के सभी डॉक्टर मिलकर देश में स्वास्थ्य सेवा और औषधि के क्षेत्र में क्रांति ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में भारत के डॉक्टरों तथा नर्सों की प्रतिभा और सेवा भावना विख्यात है।