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Thursday 31 December 2020 04:22:07 PM
राजकोट/ नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से आज राजकोट में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान-एम्स की आधारशिला रखी और डॉक्टरों, स्वास्थ्य कर्मचारियों, सफाई कर्मियों और अग्रिम पंक्ति के कोरोना योद्धाओं के प्रयासों को याद किया, जिन्होंने लगातार मानवता की रक्षा के लिए अपना जीवन तक दांव पर लगा दिया। उन्होंने वैज्ञानिकों और उन सभी के प्रयासों की भी सराहना की, जिन्होंने इस कठिन परिस्थिति में ग़रीबों को पूर्ण समर्पण के साथ भोजन उपलब्ध कराया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वर्ष ने हमें यह एहसास दिलाया है कि जब भारत एकजुट हो जाता है तो यह प्रभावी रूपसे कठिन से कठिन संकट का सामना कर सकता है। उन्होंने कहा कि प्रभावी कदमों के परिणामस्वरूप भारत बहुत ही बेहतर स्थिति में है और कोरोना पीड़ितों को बचाने का भारत का रिकॉर्ड अन्य देशों की तुलना में काफी अच्छा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना के टीकाकरण के बारे में सभी आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं, भारत में बनने वाले टीके को तेजी से देश के हर कोने तक पहुंचाने के लिए जारी प्रयास अंतिम चरण में हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान को चलाने के लिए भारत की तैयारी जोरों पर है। उन्होंने टीकाकरण को सफल बनाने के लिए एक साथ आगे बढ़ने का आह्वान करते हुए कहा कि जिस तरह से हमने संक्रमण को रोकने की पुरजोर कोशिश की थी, वैसे ही संगठित प्रयास इसके लिए भी करने होंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि एम्स राजकोट स्वास्थ्य ढांचे तथा चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा देगा और गुजरात में रोज़गार के अवसर प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि इससे लगभग 5 हजार प्रत्यक्ष रोज़गार और कई अप्रत्यक्ष रोज़गार सृजित होंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात ने कोविड से लड़ने में मार्ग प्रशस्त किया है। कोरोना चुनौती को कारगर तरीके से नियंत्रित करने के लिए उन्होंने गुजरात में मजबूत चिकित्सा बुनियादी ढांचे को इसका श्रेय दिया। उन्होंने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र में गुजरात की इस सफलता के पीछे दो दशक का अथक प्रयास, समर्पण और संकल्प है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आजादी के इतने दशक बाद भी देश में केवल 6 एम्स ही बनाए गए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान 6 और नए एम्स की स्थापना के लिए कदम उठाए गए थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते 6 वर्ष में 10 नए एम्स बनाने का कार्य हो रहा है और कई का उद्घाटन भी किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि एम्स के साथ-साथ 20 सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों का भी निर्माण किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 से पहले हमारे स्वास्थ्य क्षेत्र के विभिन्न पहलू अनेक दिशाओं और दृष्टिकोणों की ओर काम कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से स्वास्थ्य क्षेत्र ने समग्र रूपसे काम किया है और रोग निवारक देखभाल पर जोर दिया गया है, इसके अलावा आधुनिक उपचार सुविधाओं को भी प्राथमिकता दी गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने ग़रीबों के लिए सस्ते से सस्ते इलाज की व्यवस्था की है और साथ ही डॉक्टरों की संख्या में तेजी से वृद्धि करने पर भी जोर दिया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत सुदूर क्षेत्रों में लगभग 15 लाख हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर स्थापित करने का कार्य किया जा रहा है और उनमें से लगभग 50000 स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों ने पहले ही काम करना शुरु कर दिया है, जिनमें से लगभग 5 हजार अकेले गुजरात में ही हैं। उन्होंने कहा कि 7000 जन औषधि केंद्रों पर लगभग 3.5 लाख गरीब रोगियों को कम कीमत पर दवाइयां प्रदान की गई हैं। उन्होंने लोगों के स्वास्थ्य में सुधार के लिए सरकार की पहलों को सूचीबद्ध किया। नरेंद्र मोदी ने कहा कि यदि 2020 स्वास्थ्य चुनौतियों का वर्ष था तो 2021 स्वास्थ्य समाधान का वर्ष बनने जा रहा है, दुनिया बेहतर जागरुकता के साथ स्वास्थ्य समाधान की ओर बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि भारत स्वास्थ्य समाधानों में एक प्रमुख भूमिका निभाएगा, जिस प्रकार से इसने 2020 की चुनौतियों का सामना करने में अपनी ज़िम्मेदारी निभाई थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2021 की स्वास्थ्य समस्याओं के हल के लिए भारत का योगदान समाधानों की स्केलिंग के लिए महत्वपूर्ण होगा।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारतीय चिकित्सा पेशेवरों और सेवा प्रेरणा की क्षमता को देखते हुए बड़े पैमाने पर टीकाकरण अनुभव जैसी विशेषज्ञता के साथ भारत दुनिया को स्मार्ट और कम कीमत वाले समाधान प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि हेल्थ स्टार्टअप स्वास्थ्य समाधान तथा प्रौद्योगिकी को एकीकृत कर रहे हैं और स्वास्थ्य देखभाल को सुलभ बना रहे हैं, भारत भविष्य के स्वास्थ्य और स्वास्थ्य के क्षेत्र दोनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस तरह से बीमारियां वैश्विक हो रही हैं तो यह वैश्विक स्वास्थ्य समाधानों के लिए समन्वित वैश्विक प्रयासों को अंजाम देने का समय है, भारत ने यह भूमिका एक वैश्विक ज़िम्मेदार के रूपमें अदा की है। उन्होंने कहा कि भारत ने मांग के अनुसार अनुकूलन, विकास और विस्तार करके अपनी क्षमताओं को हमेशा साबित किया है, भारत दुनिया के साथ चला है और सामूहिक प्रयासों में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेता रहा है। उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक स्वास्थ्य के तंत्रिका केंद्र के रूपमें उभर रहा है तथा 2021 में हमें भारत की इस भूमिका को और अधिक सशक्त बनाने की आवश्यकता है। कार्यक्रम में गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन भी शामिल हुए।