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देश के पहले डीएनए टीके को मिली मंजूरी

जीडस कैडिला को कोविड-19 के विरुद्ध मिली कामयाबी

'भारत की वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में एक बड़ी छलांग'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 4 January 2021 12:44:28 AM

jedus cadila won against kovid-19

नई दिल्ली। भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने कोविड-19, जेडवाईकोव-डी के खिलाफ जीडस कैडिला के स्वदेशी विकसित देश के पहले डीएनए टीके के तीसरे चरण के नैदानिक परीक्षणों की मंजूरी दी है। इस टीके को बीआईआरएसी और भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के तत्वावधान में राष्ट्रीय बायोफार्मा मिशन (एनबीएम) ने सहयोग प्रदान किया है। जीडस कैडिला ने भारत में 1,000 से अधिक प्रतिभागियों में डीएनए टीके के प्रथम और दूसरे चरण के नैदानिक परीक्षणों को पूरा किया है और इन परीक्षणों के अंतरिम आंकड़ों का संकेत यह है कि थोड़े अंतराल पर तीन खुराक लेने पर यह टीका सुरक्षित और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला है।
टीका परीक्षण के अंतरिम आंकड़ों की समीक्षा करने वाली विषय विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के आधार पर डीसीजीआई ने 26,000 भारतीय प्रतिभागियों में इस टीके के तीसरे चरण के नैदानिक परीक्षण की अनुमति दे दी है। डीबीटी की सचिव एवं बीआईआरएसी की अध्यक्ष डॉ रेणु स्वरूप ने इस अनुमति पर खुशी व्यक्त की और उम्मीद जताई कि यह टीका आगे भी सकारात्मक परिणाम देना जारी रखेगा। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने कोविड-19 के एक स्वदेशी टीके के त्वरित विकास की जरूरत को पूरा करने के लिए जीडस कैडिला के साथ भागीदारी की है।
डॉ रेणु स्वरूप ने बताया कि यह साझेदारी इस बात की मिसाल है कि सरकार का ध्यान इस तरह के शोध के प्रयासों का एक ऐसा इकोसिस्टम बनाने पर केंद्रित है, जो सामाजिक रूप से प्रासंगिक होने के साथ-साथ नए उत्पाद संबंधी नवाचार को पोषित और प्रोत्साहित भी करे। उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया कि देश के पहले डीएनए टीका प्लेटफॉर्म की स्थापना आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और भारत की वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में एक बड़ी छलांग है।

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