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Tuesday 12 January 2021 03:33:07 PM
नई दिल्ली। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने देश में 146 राष्ट्रीय पार्क और वन्यजीव अभयारण्यों की प्रबंधन प्रभावशीलता का मूल्यांकन जारी किया है, जिसमें भारत में 903 संरक्षित क्षेत्रों के नेटवर्क में देश के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 5 प्रतिशत हिस्सा आता है। प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि संरक्षित क्षेत्रों के प्रभाव का आकलन करने के दौरान प्रबंधन प्रभावशीलता के मूल्यांकन की भी जरूरत होती है, जिसे दूसरे देश हासिल नहीं कर सके, उसे भारत ने हासिल कर लिया है और आज वह जैव विविधता संपन्न देश बन गया है। पर्यावरण मंत्री ने कहा कि भारत में बाघों की वैश्विक आबादी की 70 प्रतिशत, एशियाई शेरों की 70 प्रतिशत और तेंदुओं की 60 प्रतिशत आबादी का होना भारत के जैव विविधता संपन्न देश होने का प्रमाण है।
पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि बड़ी बिल्ली की श्रेणी में आने वाले जानवर खाद्य श्रृंखला में शीर्ष पर होते हैं और उनकी बढ़ती संख्या से देश में पूरे पारिस्थितिकी तंत्र के काफी बेहतर होने का पता चलता है। पर्यावरण मंत्री ने घोषणा की कि इस साल से प्रत्येक वर्ष देश में 10 सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रीय पार्कों, 5 तटीय एवं समुद्री पार्कों और शीर्ष 5 चिड़ियाघरों की सूची जारी की जाएगी और उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संरक्षित क्षेत्रों का प्रबंधन प्रभावशीलता मूल्यांकन पीए प्रबंधकों के लिए एक मुख्य साधन के रूपमें उभरा है और सरकारों व अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा संरक्षित क्षेत्र प्रबंधन प्रणालियों की क्षमताओं व कमजोरियों को समझने में ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है। प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि वर्तमान मूल्यांकन के परिणाम औसतन 62.01 प्रतिशत एमईई अंक के साथ उत्साहजनक रहे हैं, जो 56 प्रतिशत के वैश्विक औसत से ज्यादा हैं।
प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि मूल्यांकन के इस चरण के साथ पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 2006 से 2019 तक सभी स्थलीय राष्ट्रीय पार्कों और वन्यजीव अभायरण्यों के मूल्यांकन के एक चक्र को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि एमईई एक बेहद महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जो वन्यजीव और संरक्षित क्षेत्र के विभिन्न पहलुओं पर मूल्यवान मार्गदर्शन उपलब्ध कराता है, साथ ही समुद्री संरक्षित क्षेत्रों के एमईई का विस्तार करता है। उन्होंने बताया कि समुद्री संरक्षित क्षेत्रों के लिए एक नया खाका डब्ल्यूआईआई और एमओईएफएंडसीसी ने संयुक्त रूपसे तैयार किया है, कार्यान्वयन के लिए यह एक बेहद उपयोगी दस्तावेज होगा।
पर्यावरण मंत्री ने भारतीय चिड़ियाघरों के लिए प्रबंधन प्रभावशीलता मूल्यांकन की रूपरेखा को भी लॉन्च किया जो विशेष समग्र और स्वतंत्र तरीके से प्रबंधन प्रभावशीलता मूल्यांकन प्रक्रिया के माध्यम से देश के चिड़ियाघरों के मूल्यांकन के लिए दिशानिर्देशों, मानदंडों और संकेतकों का प्रस्ताव करता है। उन्होंने कहा कि मूल्यांकन मानदंड और संकेतक पारम्परिक अवधारणाओं से इतर पशु कल्याण, पशुपालन, स्थायी संसाधन और वित्त शामिल हैं। एमईई-जू की प्रक्रिया भारत भर में चिड़ियाघरों में उच्चतम मानकों के विकास की दिशा में बढ़ रही है और लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए जवाबदेही, पारदर्शिता, नवाचार, तकनीक के उपयोग, सहयोग और ईमानदारी के बुनियादी मूल्यों का पालन करते हैं।